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    पाक ने लांघी दुस्साहस की सीमा

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    Updated: Wed, 07 Aug 2013 08:38 AM (IST)

    भारत की अमन और दोस्ती बहाल करने की कोशिशों के बीच पाकिस्तान ने एक बार फिर पीठ में छुरा भोंक दिया। भारतीय सैनिकों का सिर धड़ से अलग करने की घिनौनी हरकत ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। भारत की अमन और दोस्ती बहाल करने की कोशिशों के बीच पाकिस्तान ने एक बार फिर पीठ में छुरा भोंक दिया। भारतीय सैनिकों का सिर धड़ से अलग करने की घिनौनी हरकत के जख्म अभी भरे भी नहीं थे कि आतंकियों के साथ मिलकर पाकिस्तानी सेना ने भारतीय हद में दाखिल होकर सैन्य दस्ते पर घात लगाकर हमला किया, जिसमें पांच जवान शहीद हो गए। बार-बार चीनी घुसपैठ की हिमाकत के बाद अब पाकिस्तान की इस करतूत पर पूरा मुल्क उबल उठा।

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    संसद में भी सरकार के खिलाफ जमकर गुस्सा फूटा और पाकिस्तान के प्रति सरकार की विदेश नीति पर विपक्ष ने सवाल उठाए। सेनाध्यक्ष जनरल बिक्रम सिंह बुधवार को पुंछ पहुंचेंगे। इस बीच, भारत ने पाक के उप-उच्चायुक्त को विदेश मंत्रालय तलब कर घटना पर तीखा विरोध दर्ज कराया है। बावजूद इसके हमेशा की तरह पाकिस्तान ने इस हमले में अपनी सेना के शामिल होने से इन्कार किया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने आरोपों को आधारहीन करार दिया है।

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    संसद से लेकर सड़कों पर पाकिस्तानी करतूत के खिलाफ उबल रहे गुस्से पर रक्षा मंत्री एके एंटनी ने कहा कि सेना ऐसी किसी भी चुनौती का जवाब देने के लिए तैयार है। मामले पर सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह से रिपोर्ट लेने के बाद संसद के दोनों सदनों में बयान दे रहे एंटनी ने कहा कि सेना हालात को संभालने में सक्षम है। पाकिस्तान की ओर से लगातार हो रही भड़काऊ कार्रवाई के बावजूद दोस्ती की कोशिशों को लेकर उठे सवालों के बीच सरकार की ओर से सफाई पेश कर रहे एंटनी को कहना पड़ा कि रिश्तों के रास्ते पर भारत के कदम इस बात पर निर्भर करेंगे कि पाक की ओर से कैसे संकेत मिलते हैं। हालांकि, उन्होंने इस घटना के लिए सीधे पाकिस्तानी सेना को जिम्मेदार न ठहराकर नवाज शरीफ सरकार को संदेह का लाभ भी दिया।

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    पुंछ सेक्टर के सरला पोस्ट पर देर रात करीब 2:00 बजे हुई इस घटना में पाकिस्तानियों ने भारतीय हद में करीब 500 मीटर भीतर घुसकर भारतीय टोली पर हमला किया। इस हमले में बिहार रेजीमेंट के चार और मराठा रेजीमेंट का एक जवान शहीद हो गया। एक जवान गंभीर रूप से घायल है। पुंछ क्षेत्र का यह इलाका बारासिंघा बटालियन के उस इलाके से महज 35 किलोमीटर दूर है, जहां जनवरी में पाकिस्तान की ओर से हुई ऐसी ही कार्रवाई में दो भारतीय जवानों के सिर कलम कर दिए गए थे। यह हमला ऐसे समय हुआ है, जब अगले महीने अमेरिका में मनमोहन सिंह की पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात प्रस्तावित है और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ता फिर से शुरू करने पर सहमति बन गई है।

    इस घटना की प्रतिक्रिया सरकार की तरफ से न सिर्फ देर से आई, बल्कि बहुत तीखी भी नहीं थी। संसद में लगभग दिनभर जारी रहे हंगामे के बाद संसद के दोनों सदनों में दिए अपने बयान में रक्षा मंत्री ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हुई इस घटना के लिए सीधे पाकिस्तानी फौज पर अंगुली उठाने से परहेज किया। इस पर राज्यसभा में नेता विपक्ष अरुण जेटली समेत कई नेताओं ने सवाल उठाए कि आखिर सरकार पाकिस्तान सरकार को सीमा पर हुई इस हरकत में जवाबदेही से बचने का मौका क्यों दे रही है? जवाब में एंटनी का कहना था कि कि फिलहाल यही सूचनाएं हैं कि इस वारदात को पाक सेना की वर्दी पहने और पूरी तरह हथियारों से लैस 20 आतंकियों ने अंजाम दिया।

    वैसे, रक्षा मंत्री एके एंटनी ने संसद में माना कि इस साल के आठ महीनों में अभी तक पाकिस्तान 57 बार सीमा पर शांति समझौते की धज्जियां उड़ा चुका है। बीते एक महीने के दौरान ही सीमा पर घुसपैठ की 17 कोशिशों को नाकाम किया गया है। जनवरी में सीआरपीएफ कैंप पर हुए आत्मघाती हमले से लेकर जून में प्रधानमंत्री की यात्रा से ऐन पहले सेना के काफिले पर हमला कर आतंकियों ने अपने दुस्साहस को दर्ज कराया है। इसके अलावा घाटी में आतंकी घटनाओं का ग्राफ बढ़ा है और जवानों की मौतों का आंकड़ा भी।

    शहीद सैनिक

    1-सिपाही विजय कुमार राय - पटना, बिहार

    2-सिपाही रघुनंदन राय - छपरा, बिहार

    3-नायक प्रेम नाथ सिंह (21-बिहार रेजीमेंट) - छपरा, बिहार

    4-लांस नायक शंभू शरण राय (21-बिहार रेजीमेंट) -भोजपुर, बिहार

    5-नायक माने कुंडलिक केरबा (14-मराठा लाइन)- कोल्हापुर, महाराष्ट्र

    किसने, क्या कहा

    'भारत इस विश्वासघाती हमले पर शांत नहीं बैठ सकता। सरकार को इस पर समुचित कार्रवाई करनी चाहिए। कांग्रेस पार्टी के साथ पूरा देश शहीद जवानों के साथ खड़ा है।'

    - सोनिया गांधी

    'घात लगाकर जिस तरह भारतीय सैनिकों की हत्या की गई, वह स्वीकार्य नहीं है। चीनी घुसपैठ से लेकर पाकिस्तानी घात तक ने साबित कर दिया है कि सरकार सीमा की सुरक्षा करने में नाकाम रही है।'

    -नरेंद्र मोदी

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