एक अपशब्द ने रोक दी डेढ़ सौ ट्रेनों की रफ्तार
जबलपुर डीआरएम और ऑपरेटिंग ऑफिस के एक अधिकारी के बीच फोन पर हुई कहासुनी ने 1050 किमी. के ट्रेक पर ख़़डी 150 गाडि़यों का संचालन ठप कर दिया। डीआरएम की बेतुकी भाषा शैली से नाराज अधिकारी और कर्मचारियों ने ऑपरेटिंग का काम छोड़ दिया और सुबह 10 बजे कार्यालय के
जबलपुर। जबलपुर डीआरएम और ऑपरेटिंग ऑफिस के एक अधिकारी के बीच फोन पर हुई कहासुनी ने 1050 किमी. के ट्रेक पर ख़़डी 150 गाडि़यों का संचालन ठप कर दिया। डीआरएम की बेतुकी भाषा शैली से नाराज अधिकारी और कर्मचारियों ने ऑपरेटिंग का काम छोड़ दिया और सुबह 10 बजे कार्यालय के बाहर आकर डीआरएम के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे। डेढ घंटे से ज्यादा समय तक जबलपुर से लेकर मानिकपुर, रीवा, सिंगरौली, दमोह तक ट्रेनों का संचालन ठप्प हो गया। सुबह 11.40 बजे जीएम और चीफ ऑपरेटिंग मैनेजर के हस्तक्षेप के बाद काम शुरू हो सका।
क्या था मामला
दरअसल डीआरएम ने सुबह पौने दस बजे ऑपरेटिंग विभाग के असिस्टेंट ऑपरेटिंग मैनेजर एसके श्रीवास्तव को फोन कर इंजीनियरिंग विभाग को 4 इंजन देने की बात की, लेकिन अधिकारी ने इंजन उपलब्ध न होने की बात कहकर इंजन देने में असमर्थता जाहिर की। इससे नाराज डीआरएम ने उन्हें अपशब्द कह दिए। मामला ऐसा तूल पक़़डा कि जबलपुर ही नहीं, बल्कि इटारसी, कटनी, सतना, रीवा और सिंगरौली तक ट्रैक पर ट्रेनों को ख़़डा कर दिया गया। ये ट्रेनें हुई प्रभावित -- राजकोट एक्सप्रेस -- जनशताब्दी एक्सप्रेस -- महाकौशल एक्सप्रेस -- इटारसी पैसेंजर -- जनता एक्सप्रेस -- राजेन्द्र नगर एक्सप्रेस -- पवन एक्सप्रेस -- संपर्क क्रांति