महिला अपराधों में लिप्त नाबालिगों की संख्या बढ़ी
नाबालिगों द्वारा महिलाओं पर होने वाले हमलों की घटनाओं में खासा बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल इस तरह के मामलों में 132 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।
नई दिल्ली। नाबालिगों द्वारा महिलाओं पर होने वाले हमलों की घटनाओं में खासा बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल इस तरह के मामलों में 132 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। नाबालिगों द्वारा बलात्कार के मामलों में भी 60.3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।
राष्ट्रीय आपराधिक दस्तावेज ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार, 2013 में नाबालिगों द्वारा महिलाओं के अपमान की घटनाओं में 70.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। आइपीसी के तहत दर्ज जुवेनाइल मामलों में से 66.3 फीसदी मामलों में आरोपी की उम्र 16-18 साल थी। नाबालिगों द्वारा किए गए कुल आपराधिक मामले 2012 के 27,936 की तुलना में 2013 में 13.6 फीसदी बढ़कर 31,725 पर पहुंच गए। नाबालिगों पर दर्ज मामलों में सबसे ज्यादा 7,969 मामले चोरी के, 6,043 मामले मारपीट के और 3,784 मामले छीनाझपटी के दर्ज किए गए। कुल 43,506 नाबालिग आरोपियों में 8,392 आरोपी अनपढ़ जबकि 13,984 आरोपी प्राथमिक स्तर तक शिक्षित थे। रिपोर्ट के अनुसार, करीब 50.2 फीसदी नाबालिग आरोपी ऐसे गरीब परिवारों से संबंध रखते थे जिनकी वार्षिक आय 25,000 रुपये से कम थी। कुल 35,244 नाबालिग आरोपी ऐसे थे जो अपने माता-पिता के साथ रहते थे। नाबालिगों द्वारा गंभीर अपराधों में लिप्त होने की प्रवृति को देखते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने ऐसे आरोपियों को वयस्क मानने का समर्थन किया है। उनका कहना है कि 50 फीसदी यौन अपराधों के मामले 16 साल की उम्र के नाबालिगों द्वारा किए जाते हैं, जिन्हें जुवेनाइल कानून के बारे में पता होता है।
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