कोयला ब्लॉकों को मिले दो सौ आवेदन...
देश के दो उच्च न्यायालयों के निर्देशों की वजह से सरकार की कोयला ब्लॉकों को नीलाम करने की कोशिशों को धक्का तो लगा है, लेकिन इसके बावजूद नीलामी प्रक्रिया के प्रति कंपनियों के उत्साह में कोई कमी नहीं आई है। अदालतों के आदेश के बाद केंद्र सरकार को दो कोयला
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । देश के दो उच्च न्यायालयों के निर्देशों की वजह से सरकार की कोयला ब्लॉकों को नीलाम करने की कोशिशों को धक्का तो लगा है, लेकिन इसके बावजूद नीलामी प्रक्रिया के प्रति कंपनियों के उत्साह में कोई कमी नहीं आई है। अदालतों के आदेश के बाद केंद्र सरकार को दो कोयला ब्लॉकों में नीलामी प्रक्रिया फिलहाल स्थगित करनी पड़ी है, लेकिन पहले चरण में शेष बचे 21 ब्लॉकों के लिए अभी कुल 176 आवेदन मिले हैं। इनमें से 134 आवेदनों को सरकार ने तकनीकी तौर पर सही पाया है। इन्हें अगली दौड़ में शामिल होकर बोली लगाने की अनुमति दे दी गई है।
कोयला ब्लॉक खरीदने के लिए देश की लगभग सभी दिग्गज कंपनियां दौड़ में शामिल हैं। इनमें रिलायंस समूह से लेकर जीवीके, एस्सार, हिंदुस्तान जिंक जैसी कंपनियां हैं।सरकारी क्षेत्र की भी लगभग सभी बिजली कंपनियां दौड़ में हैं। सरकारी कंपनियों के लिए आरक्षित 36 ब्लॉकों के लिए 69 आवेदन तकनीकी तौर पर सही पाए गए हैं। सरकारी कंपनियों की भारी संख्या को देखते हुए सरकार ने नए नौ और कोयला ब्लॉकों को इनके बीच आवंटित करने का फैसला किया है। इस तरह से अब खुली निविदा प्रक्रिया के तहत कुल 66 (4521) ब्लॉकों के लिए 203 (13469) कंपनियां बोली लगाएंगी। इन ब्लॉकों में सालाना 35 करोड़ टन कोयला निकाले जाने की संभावना है।
कोयला सचिव अनिल स्वरूप ने बताया कि पहले चरण की निविदा में बिजली क्षेत्र के लिए आरक्षित सात कोयला ब्लॉकों के लिए 48 कंपनियों के आवेदन और गैर बिजली क्षेत्र के लिए आरक्षित 14 ब्लॉकों के लिए 86 कंपनियों के आवेदन सही पाए गए हैं। जबकि सरकारी क्षेत्र में कुल 69 आवेदन सही पाए गए हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या हाल के न्यायायिक फैसलों की वजह से निविदा प्रक्रिया पर कुछ असर होगा, इसके जबाव में स्वरूप का कहना है कि सरकार के पास कोयला ब्लॉकों की कमी नहीं है। अभी दो सौ से ज्यादा ब्लॉकों को नीलाम किया जाएगा, बाद में सौ ब्लॉक और नीलाम किए जाएंगे। जबलपुर हाई कोर्ट के फैसले की वजह से दो ब्लॉकों में नीलामी प्रक्रिया स्थगित कर दी गई है।
वैसे दस और ब्लॉकों से संबंधित मामले विभिन्न न्यायालयों में चल रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से रद 204 ब्लॉकों में से फिलहाल 21 ब्लॉक नीलाम होंगे। दूसरे चरण में ज्यादा संख्या में कोयला ब्लॉक नीलाम किए जाएंगे। इनकी प्रक्रिया 31 मार्च, 2015 तक पूरी हो जाएगी। जिन ब्लॉकों में प्रक्रिया पूरी नहीं होगी उनके लिए अलग संरक्षक की नियुक्ति की जाएगी।
बोली लगाने वाली प्रमुख कंपनियां
अडानी पावर, भारत एल्युमीनियम कंपनी, एस्सार पावर, जीवीके पावर, जीएमआर, जिंदल पावर, जेएसडब्ल्यू एनर्जी, रिलायंस जिओथर्मल, ¨हडाल्को, हिंदुस्तान जिंक, जेपी सिमेंट्स, मोनेट, अल्ट्राटेक सीमेंट्स, एसीसी जैसी दिग्गज कंपनियां दौड़ में।
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