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    झारखंड में अवैध खनन करने वालों की अब खैर नहीं

    By Jagran News NetworkEdited By:
    Updated: Sun, 08 Feb 2015 11:27 AM (IST)

    भारत सरकार ने अवैध खनन में लिप्त लोगों को सीधे जेल भेजने की सजा तय की है। खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) संशोधित अध्यादेश (एमएमडीआर एक्ट) में अवैध खनन में लिप्त लोगों के लिए पांच साल की जेल और पांच लाख रुपये जुर्माना का प्रावधान किया गया है।

    राज्य ब्यूरो, रांची। भारत सरकार ने अवैध खनन में लिप्त लोगों को सीधे जेल भेजने की सजा तय की है। खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) संशोधित अध्यादेश (एमएमडीआर एक्ट) में अवैध खनन में लिप्त लोगों के लिए पांच साल की जेल और पांच लाख रुपये जुर्माना का प्रावधान किया गया है। इसके बाद भी संबंधित व्यक्ति अवैध खनन जारी रखता है तो उससे पचास हजार रुपये प्रति दिन की दर से जुर्माना वसूला जाएगा।

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    इस सख्त प्रावधान को अवैध खनन रोकने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया जा रहा है। पूर्व के प्रावधान के अनुसार अवैध खनन में संलिप्त व्यक्ति जुर्माना देकर छूट जाता था। शनिवार को खान मंत्रलय के अधिकारियों ने विभागीय कार्यशाला में खान मंत्रलय के संयुक्त सचिव एनके सिंह ने संशोधित एक्ट के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

    सिंह ने बताया कि संशोधित एक्ट खनन क्षेत्र में पारदर्शिता को बढ़ावा देगा। खदानों का आवंटन अब नीलामी से ही किया जाएगा। यह प्रक्रिया अपनाने से पहले से खनन कर रही कंपनियों को केंद्र सरकार ने राहत भी दी है। कैप्टिव कंपनियों के लिए नवीकरण 2030 तक किया जा रहा है, जबकि नॉन कैप्टिव के लिए नवीकरण की समय सीमा 2020 तक के लिए निर्धारित की गई है। इसके बाद खदानों की नीलामी प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

    इस नीलामी प्रक्रिया में भी पूर्व से कैप्टिव लीज हासिल की हुई कंपनियों को तरजीह दी जाएगी। बनेगा डिस्टिक माइनिंग फाउंडेशन, रायल्टी भी बढ़ेगी : नए प्रावधानों से राज्यों की रायल्टी में भी वृद्धि होगी। खनन प्रभावित क्षेत्र में विकास के लिए डिस्टिक माइनिंग फाउंडेशन बनाया जाएगा। इसमें उस क्षेत्र से रायल्टी के मद में हासिल होने वाली राशि का एक तिहाई दिया जाएगा।

    यह रकम प्रभावित क्षेत्र और वहां के स्थानीय निवासियों के हित में खर्च की जाएगी। एक्ट में राज्यों के अधिकारों को भी बढ़ाया गया है। पहले एक्ट में 24 ऐसे माइनर मिनरल थे, जिन पर निर्णय लेने का अधिकार राज्यों का था। अब इनकी संख्या बढ़ाकर 55 कर दी गई है।

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