Move to Jagran APP

छू लिया दिलों को

न्यू जर्सी के स्पर्श शाह महज 13 वर्ष के हैं, लेकिन अपनी विलक्षण गायन प्रतिभा से उन्होंने पूरी दुनिया को अपना कायल बना रखा है।

By Srishti VermaEdited By: Published: Sat, 18 Feb 2017 01:23 PM (IST)Updated: Sat, 18 Feb 2017 04:36 PM (IST)
छू लिया दिलों को
छू लिया दिलों को

ओस्टियोजेनेसिस इम्परफेक्टा यानी ब्रिटल बोन डिजीज नामक असाध्य बीमारी भी इनके मनोबल को तोड़ने में नाकाम रही है। गाने के अलावा वे कविता और कहानी भी लिखते हैं। पिछले वर्ष इनका पहला कवर सीडी, ‘ट्रिब्यूट टु इमिनेम’ लॉन्च हुआ। हाल ही में हरलेम ग्लोबट्रॉटर्स की ओर से इन्हें ‘जूनियर फेनम’ सम्मान से नवाजा गया है। स्पर्श मानते हैं कि अगर आपके पास इच्छाशक्ति है, तो अपना रास्ता जरूर तलाश लेंगे।
लोगों का प्यार असली पूंजी
सम्मान एवं पहचान मिलना गर्व महसूस कराता है। हाल ही में न्यूयॉर्क के मैडिसन स्क्वायर स्थित स्टेडियम में करीब 20 हजार दर्शकों के सामने अमेरिका का राष्ट्रीय गीत प्रस्तुत करने पर जिस तरह की प्रतिक्रिया मिली, वह बेहद भावुक क्षण था मेरे जीवन का। ऐसा लगा कि मैं 100 करोड़ दर्शकों के सामने गाने के अपने सपने के और समीप आ गया हूं। खुशनसीब हूं कि इतनी कम उम्र में दुनिया भर के लोगों का प्यार एवं समर्थन मिल रहा है। उन्हें प्रेरित कर पा रहा हूं। यह मेरे लिए किसी प्रसिद्धि हासिल करने से बड़ी सफलता है।
संगीत देता है सुकून
मेरी अपनी जिंदगी के अनुभव मुझे कविता, कहानी और गीत लिखने के लिए प्रेरित करते हैं। हर दिन मैं कुछ नया सीखता हूं। संगीत मेरा पसंदीदा आर्ट फॉर्म है, क्योंकि यह मुझे अंदर से सुकून देता है। जब भी दर्द में रहता हूं, तो यह मरहम का काम करता है। जब उदास होता हूं, तो उम्मीद जगाता है संगीत। सबसे अहम बात, संगीत वह भाषा है जो अविरल बहती है। भौगोलिक दूरियों एवं देश की सीमाओं के पार यह हर दिल को स्पर्श करने का माध्यम है।
हार न मानें
मेरी हड्डियों में शक्ति नहीं। वे टूटती रहती हैं। इसके बावजूद मैं खुश रहने की कोशिश करता हूं, क्योंकि खुशी ही कुछ करने का हौसला देती है। हर किसी को छोटे-बड़े संघर्षों से गुजरना पड़ता है। लेकिन कभी हार न मानें, बल्कि चुनौतियों का मुस्कुराहट के साथ सामना करें। लक्ष्य से भटकें नहीं। प्रतिबद्ध रहें। इसके बिना कभी सफलता नहीं मिलती है। इसके अलावा, जीवन में हमेशा दूसरों की मदद के लिए तत्पर रहें।
मेहनत है टैलेंट से अहम
हाल ही में मेरा टेडएक्स इवेंट के लिए भारत जाना हुआ था। इस आयोजन में एशिया भर से चुनिंदा 25 स्पीकर्स आए थे। मैंने ‘हाउ आई टन्र्ड इम्पॉसिबल टु आई एम पॉसिबल’ विषय पर अपना स्पीच दिया था। मुझे स्टैंडिंग ओवेशन मिला। मेरा मानना है कि हर किसी में नामुमकिन को मुमकिन बनाने का साहस निहित होता है। हां, कुछ बनाने के लिए मेहनत करनी पड़ती है। यह टैलेंट से अधिक मायने रखता है।
प्रस्तुति- अंशु सिंह
यह भी पढ़ें : पर्यावरण के साथ मन की सफाई


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.