बचपन में शर्मीले थे गांधी...
हमारे कई राष्ट्रनिर्माताओं का जीवन काफी संघर्ष से बीता, तो कितने बेहद संपन्न परिवारों के विदेश में पढ़े लोग भी थे। इनके जीवन के तमाम प्रसंग आपको अचरज में डालेंगे...
- महात्मा गांधी में बचपन से ही बहादुर और बोल्ड नेता बनने के गुण नहीं थे। उन्होंने अपनी आत्मकथा में स्वयं लिखा है कि बचपन में वह इतने शर्मीले थे कि स्कूल से भाग जाते थे ताकि उन्हें किसी से बात न करनी पड़े।
- महात्मा गांधी अपने जीवन में कभी भी एयरोप्लेन में नहीं बैठे और अपने जीवन में कभी अमेरिका नहीं गए।
- महात्मा गांधी को 'राष्ट्रपिता- की उपाधि सुभाष चन्द्र बोस ने दी थी, जबकि 'महात्मा- की उपाधि रवींद्र नाथ टैगोर ने दी थी।
- 1942 में नेहरू समेत कई महान हस्तियां महाराष्ट्र की अहमदनगर जेल में बंद थीं। नेहरू ने तीन साल का लंबा समय यहां गुजारा।
- नेहरू वक्त की कीमत जानते थे। इस खाली समय का इस्तेमाल उन्होंने लिखने में किया और जो लिखा वह इतिहास की धरोहर बन गया। इस दौरान उन्होंने किताब लिखी थी-'डिस्कवरी ऑफ इंडिया-।
- कुल मिलाकर नेहरूजी नौ बार जेल गए। जेल जीवन का एक भी क्षण व्यर्थ नहीं जाने दिया। तीन अनमोल किताबें कारागार में ही लिखीं।
- लाहौर के नेशनल कॉलेज की पढ़ाई छोड़कर 1920 में भगत सिंह महात्मा गांधी द्वारा चलाए जा रहे अहिंसा आंदोलन में हिस्सा लेने लगे, जिसमें गांधी जी विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार कर रहे थे।
- सरदार पटेल का जन्म एक किसान परिवार में हुआ। वह अपने पिता के साथ खेतों में काम करते थे और महीने में दो बार दिनभर का व्रत रखते थे।
- 1909 में पटेल की धर्मपत्नी का हॉस्पिटल में एक ऑपरेशन के दौरान देहांत हो गया। जब पटेल को यह समाचार दिया गया, तब वह अदालत में जिरह कर रहे थे।
- खबर पर प्रतिक्रिया देने की बजाय उन्होंने अपना काम जारी रखा। अदालत की कार्रवाई समाप्त होने के बाद ही उन्होंने अन्य लोगों को यह खबर बताई।
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