बीएमसी चुनाव में फड़नवीस सरकार दांव पर, शिवसेना-भाजपा आमने-सामने
चुनाव परिणाम आने के बाद प्रदेश की राजनीति में बड़े उथल-पुथल की संभावना जताई जा रही है। बीएमसी चुनाव के नतीजे फड़नवीस सरकार का भविष्य तय करेंगे।
राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र के स्थानीय निकायों के लिए मंगलवार को मतदान संपन्न हो गया। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के लिए 55 फीसद मतदान हुआ। यह पिछले चुनाव से 10 फीसद ज्यादा और 25 वर्षों में सर्वाधिक है। बीएमसी समेत राज्य की 10 महानगरपालिकाओं के लिए 56 फीसद वोट पड़े। जबकि 11 जिला परिषदों और 118 पंचायतों के लिए 69 फीसद मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया। गुरुवार को चुनाव परिणाम आने के बाद प्रदेश की राजनीति में बड़े उथल-पुथल की संभावना जताई जा रही है। बीएमसी चुनाव के नतीजे राज्य में मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस सरकार का भविष्य तय करेंगे।
महाराष्ट्र की 25 जिला परिषदों और 10 बड़ी महानगरपालिकाओं के लिए दो चरणों में हुए मतदान को राज्य में मिनी चुनाव माना जा रहा है। ये चुनाव सत्तारूढ़ दल एवं विपक्ष के बजाय दो सत्तारूढ़ दलों के बीच ही शक्ति प्रदर्शन का माध्यम बन गए हैं। प्रचार अभियान के दौरान शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कह दिया है कि फड़नवीस सरकार नोटिस पीरियड पर चल रही है। दूसरी ओर मुख्यमंत्री फड़नवीस ने उद्धव की इस चेतावनी को यह कहकर हवा में उड़ा दिया कि उनकी सरकार पूरे पांच साल चलेगी।
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शिवसेना पिछले 20 वर्ष से मुंबई महानगरपालिका की सत्ता में है। वह भी भाजपा के साथ चुनावपूर्व गठबंधन करके। लेकिन पहली बार भाजपा और शिवसेना ने एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ा है। महाराष्ट्र के अन्य स्थानीय निकायों की तुलना में मुंबई महानगरपालिका को शिवसेना प्रतिष्ठा का प्रश्न मानती है, क्योंकि मुंबई को वह अपनी राजनीति का केंद्र समझती है। यदि गुरुवार को चुनाव परिणाम में शिवसेना की सीटें भाजपा से कम रह गईं तो ये परिणाम शिवसेना के लिए बड़ा झटका साबित होगा। लेकिन यदि उसकी सीटें बीएमसी में भाजपा से ज्यादा आईं तो वह फड़नवीस सरकार के लिए मुसीबत खड़ी कर सकती है। माना जा रहा है कि ऐसी स्थिति में शिवसेना राज्य सरकार पर अपने प्रहार तेज करेगी और सही मौका देखकर सरकार से समर्थन वापस भी ले सकती है। लेकिन उसके समर्थन वापस लेने से फड़नवीस सरकार के लिए खतरा पैदा होगा, यह कहना जल्दबाजी होगी। शिवसेना ने बीएमसी की सभी 227 सीटों पर चुनाव लड़ा। जबकि कांग्रेस ने 221, भाजपा ने 211, एमएनएस ने 201, राकांपा ने १७१, बसपा ने 109, सपा ने 76 और एआइएमआइएम ने 56 उम्मीदवारों को उतारा।प्रमुख हस्तियों ने डाले वोट
मंगलवार को मतदान में बॉलीवुड कलाकार अनुष्का शर्मा, रेखा, श्रेयस तलपडे, प्रेम चोपड़ा, श्रद्धा कपूर, जोया अख्तर, गुलजार, सुभाष घई, कुणाल कपूर और संजय दत्त की पत्नी मान्यता ने हिस्सा लिया। इसके अलावा महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, उनकी पत्नी अंजलि और पूर्व क्रिकेटर संदीप पाटिल ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग किया। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पुणे, राकांपा प्रमुख शरद पवार ने मुंबई और पूर्व मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने शोलापुर में वोट डाले।
जीत के दावे
मतदान संपन्न होने के बाद शिवसेना और भाजपा ने अपनी-अपनी जीत के दावे किए। शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने कहा, 'बीएमसी के लिए बड़ी संख्या में मतदान का मतलब है लोग शिवसेना के साथ हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके नोटबंदी के फैसले के खिलाफ लहर है।' जबकि भाजपा प्रवक्ता माधव भंडारी ने कहा, 'मतदान के लिए बड़ी संख्या में लोगों को उमड़ना परिवर्तन और लोगों के हमारे पक्ष में होने का संकेत है।'
भ्रष्ट हो गई है बीएमसी: स्मिता
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के भाई जयदेव की पूर्व पत्नी स्मिता ठाकरे ने शिवसेना नियंत्रण वाले बीएमसी में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। बीएमसी ने खराब सड़कें और पानी जैसी शहर की कई समस्याओं को हल करने ओर ध्यान नहीं दिया।
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