अधिक शोर से हो सकता है बच्चे को ये नुकसान
तेज आवाज या शोर और बच्चों के सीखने की क्षमता के बीच पहली बार सीधा संबंध स्थापित किया है।
न्यूयॉर्क, एजेंसी। न्यूयॉर्क, एजेंसी। जहां बच्चे होंगे वहां शोर तो जरूर होगा। लेकिन जब हम बात करते हैं बच्चों को नए शब्द सिखाने की तो ये शोर ही है जो उनके इस काम में रुकावट पैदा करता है।
बच्चों के नए शब्द सीखने में असमर्थता की स्थिति पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है। अमेरिकी शोधकर्ताओं ने तेज आवाज या शोर और बच्चों के सीखने की क्षमता के बीच पहली बार सीधा संबंध स्थापित किया है।
अध्ययन के मुताबिक, ऐसी परिस्थितियों में बच्चों के नए शब्द सीखने की क्षमता प्रभावित होती है। इसका असर आगे की पढ़ाई पर भी पड़ता है। ऐसे में माता-पिता को बच्चों की मौजूदगी में तेज आवाज में टीवी, रेडियो या बातचीत करने से बचने की सलाह दी गई है।
पढ़ें.. क्या पढ़ाई में नही लगता आपके बच्चे का मन?
विशेषज्ञों के मुताबिक, शोर तो हर किसी को प्रभावित करता है कोई भी नई चीज सीखने के लिये हमें एकांत की आवश्यकता होती है। उसी प्रकार छोटे बच्चे भी शोर की स्थिति में नए शब्दों को न तो सीख पाते हैं और न ही उसे याद रख पाते हैं।
जबकि शांत माहौल में उनकी सीखने की क्षमता बढ़ जाती है। यह शायद पहला मौका है जब शोर का बच्चों पर पडऩे वाले विपरीत प्रभावों का अध्ययन किया गया है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।