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    सुकुरहुट्टू में स्थिति नियंत्रण में, 100 लोग हिरासत में

    By Sachin MishraEdited By:
    Updated: Tue, 06 Jun 2017 04:36 PM (IST)

    सुकुरहुट्टू में छेड़खानी को लेकर हुई दो समुदाय के बीच हिंसक झड़प के दूसरे दिन स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में रही।

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    सुकुरहुट्टू में स्थिति नियंत्रण में, 100 लोग हिरासत में

    जागरण संवाददाता, रांची। कांके थाना क्षेत्र के सुकुरहुट्टू में सोमवार की रात छेड़खानी को लेकर हुई दो समुदाय के बीच हिंसक झड़प के दूसरे दिन स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में रही। पुलिस प्रशासन में इस पूरी घटना में दोनों समुदाय के 100 लोगों को हिरासत में लिया है। उन्हें पुलिस लाइन में लाया गया बाद में बिरसा मुंडा फुटबॉल स्टेडियम स्थित कैम्प जेल में रखा गया है। 

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    सुकुरहुट्टू गांव कि हर गलियां सोमवार की रात हुई हिंसक झड़प की गवाही दे रही थी। चारों तरफ पत्थर ही पत्थर पड़े हुए थे। पुलिस को घटनास्थल से जहां चार खोखे मिले हैं वही गांव की तलाशी में दर्जनों तलवार सहित कई पारंपरिक हथियार बरामद हुए हैं। घटना के दूसरे दिन भी करीब ढाई सौ से ज्यादा सुरक्षा बल के जवान पूरे गांव में कैंप कर रहे थे। ग्रामीण एसपी सहित कई डीएसपी मौके पर मौजूद थे। गांव में जो बचे हुए थे उनमें दहशत साफ झलक रहा था।

    एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने बताया कि अभी तक सिर्फ कांके पर थानेदार के बयान पर दोनों समुदाय के ऊपर सांप्रदायिक तनाव भड़काने सरकारी वाहनों को क्षतिग्रस्त करने और सरकारी कार्य में बाधा के मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है। अगर दोनों समुदाय प्राथमिकी दर्ज कराना चाहते हैं तो उनके बयान पर भी एक-एक प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।

    पूरे गांव को 5 जोन में बांटा गया
     रांची के सीनियर एसपी कुलदीप द्विवेदी ने बताया कि सुकुरहुट्टू गांव को सुरक्षा के ख्याल से 5 जोन में बांटा गया है। प्रत्येक जोन का प्रभारी डीएसपी स्तर के पदाधिकारी बनाये गए हैं। अब तक 100 लोग हिरासत में ले लिए गए हैं जिनका सत्यापन चल रहा है। संभावना है कि जिसमें 80 लोग जेल भेजे जा सकते हैं।

    अब मनुहार नहीं होगी कार्रवाई
     एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने बताया कि पूरे जिले का धार्मिक स्थलों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। 500 से अधिक जवान संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि जिले में कहीं भी इस तरह की घटना घटेगी, पुलिस सख्ती बरतेगी। अब मनुहार और मान मनोवल नहीं होगा अब सिर्फ कानूनन कार्रवाई होगी। जो कानून हाथ में लेंगे उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा और जेल भेजा जाएगा। सरकारी वाहनों के क्षतिग्रस्त मामले में पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट के तहत कार्रवाई होगी और नुकसान की भरपाई भी उपद्रवियों को ही करना पड़ेगा।

    कांके के थानेदार सहित 7 पुलिसकर्मी जख्मी
     सुकुरहुट्टू में सोमवार की रात दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प को सुलझाने पहुंचे कांके थानेदार राजीव रंजन व उनकी टीम पर भी पत्थरबाजी हुई। इस घटना में थानेदार सहित 7 पुलिसकर्मी गंभीर रुप से जख्मी हो गए थे। सभी पुलिसकर्मियों को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। सिर्फ थानेदार का इलाज चल रहा है। उनकी हालत खतरे से बाहर है।

    तीन कमांडेंट भी लगाए गए ड्यूटी पर
    सुकुरहुट्टू इलाके में शांति व्यवस्था कायम करने के लिए तीन कमांडेंट को भी पुलिस मुख्यालय की ओर से लगाया गया है। इनमें आईआरबी 3 के मदनमोहन लाल, जैप7 के देवेंद्र ठाकुर और जैप3 की निधि द्विवेदी हैं। प्रत्येक कमांडेंट के साथ सौ-सौ जवान दिए गए हैं।

    घटना के कारणों पर अलग-अलग तर्क दे रहे हैं दोनों समुदाय
     सुकुरहुट्टू की घटना पर दोनों समुदाय के लोगों ने अलग-अलग कारण बताया है। कुछ लोगों का कहना था की शौच के लिए गई महिलाओं से दूसरे समुदाय के लोगों ने छेड़खानी की जिसके बाद बवाल बढ़ा और मामला संप्रदायिक तनाव का हो गया। वहीं, कुछ लोगों का कहना था कि दो समुदाय के बच्चों में आपसी विवाद को लेकर मारपीट हुई थी जिसके बाद संप्रदायिक तनाव का रंग चढ़ गया। कुछ लोग यह भी बताया कि पिछले 1 सप्ताह से गांव में भीतर-ही-भीतर नाली का पानी बहने को लेकर दो समुदाय के बीच झंझट चल रहा था जो सोमवार की रात बवाल का रुप ले लिया। घटना की मूल वजह क्या है इसका खुलासा मंगलवार की शाम तक नहीं हो सका था।

    कई खेमे में बटा हुआ है पूरा गांव
    सुकुरहुट्टू गांव कई खेमे में बटा हुआ है। इस गांव में कई टोले हैं। सरना टोली, ऊपर टोला तिलमा टोला, डहू टोला, मुरी टूँगरी, किसन टोला, मांडू बगीचा, साहू टोली। यह केवल नीचे टोली और सरना टोली में ही पूरा विवाद और उपद्रव हुआ था। जबकि प्रत्येक टोला मोहल्ला में दोनों समुदाय के सैकड़ों घर हैं लेकिन किसी के घर पर कोई पथराव नहीं हुआ था। दूसरा मोहल्लों में दोनों समुदाय के लोगों ने आपसी भाईचारा कायम था। सोमवार की रात किसी ने किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया। इससे यह आशंका जताई जा रही है कि चंद लोगों के कारण पूरे इलाके में सांप्रदायिक तनाव को रंग दिया गया। पुलिस प्रशासन के लोग ऐसे लोगों को चिन्हित कर रहै हैं।

    गौरतलब है कि सोमवार की रात उपद्रव की सूचना पर पहुंची पुलिस प्रशासन के अधिकारियों पर उपद्रवियों ने हमला कर दिया था। एक दर्जन सरकारी वाहन तोड़ दिए थे, जिनमे डीसी, ग्रामीण एसपी, एसडीएम, डीएसपी, कांके थानेदार की भी गाड़ियां तोड़ी गईं थीं।⁠⁠⁠⁠ 

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