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    महिलाओं से छेड़खानी पर बवाल, कई पुलिसकर्मी घायल; तनाव

    By Sachin MishraEdited By:
    Updated: Tue, 06 Jun 2017 11:16 AM (IST)

    रांची महिलाओं से छेड़छाड़ के विरोध में लोगों ने जमकर हंगामा किया। ईंट-पत्थर चलने से भगदड़ मच गई।

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    महिलाओं से छेड़खानी पर बवाल, कई पुलिसकर्मी घायल; तनाव

    जागरण संवाददाता, रांची। कांके थाना क्षेत्र के सुकुरहुट्टू गांव में सोमवार की रात दो समुदायों में हिंसक झड़प के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस पर एक गुट के उग्र लोगों ने हमला बोल दिया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए जवानों ने लाठीचार्ज कर लोगों को कुछ देर के लिए खदेड़ दिया। इससे आक्रोशित हुई भीड़ ने डीसी-एसपी, एसडीएम सहित पुलिस व प्रशासन की दर्जनभर गाडि़यां तोड़ डालीं। लाठीचार्ज और पथराव में 50 से अधिक लोग घायल हो गए तो थोनदार का सिर फट गया और डीसी-एसएसपी बाल-बाल बच गए। वहीं, कांके के सुकुरहुटू में दंगा पर जिला प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है।

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    सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें सुरक्षा घेरे में लेकर बचाया। उन्हें हल्की चोटें आई हैं। करीब पांच घंटे तक पथराव होता रहा तो रुक-रुक कर फाय¨रग भी होती रही। स्थिति को देखते हुए पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। मौके पर डीसी, एसएसपी, ग्रामीण एसपी, सिटी एसपी, एडीएम लॉ एंड आर्डर, एसडीएम सहित दर्जनभर थानेदार, कई डीएसपी के साथ पुलिस कैंप कर रही है। देर रात डीआइजी भी घटनास्थल पहुंचे, इसके बाद मोटरसाइकिल व महिला दस्ता को भी बुला लिया गया है।

    एडीएम लॉ एंड ऑर्डर गिरिजा शंकर प्रसाद ने कहा कि सुकुरहुट्टू मे अफवाह को लेकर दो पक्षों में मारपीट की घटना हुई है। इसे लेकर तरह-तरह की अफवाह सोशल मीडिया पर चल रही है। यहां भारी संख्या मे पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। पूरे सुकुरहुटू क्षेत्र मे धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। स्थिति पूरी तरह प्रशासन के नियंत्रण में है। शरारती तत्वों और अनावश्यक रूप से बिना अनुमति के मजमा लगाने वालो को देखते ही गिरफ्तारी का आदेश दे दिया गया है। दर्जनभर लोगों को हिरासत में लिया गया है।

    ऐसे सुलगी चिंगारी

    ग्रामीणों ने बताया कि एक समुदाय की कुछ महिलाएं शौच के लिए गई थीं। रास्ते में एक धार्मिक स्थल के समीप दूसरे समुदाय के युवक गांजा पी रहे थे। युवकों ने महिलाओं से छेड़खानी कर दी। इसके बाद महिलाएं अपने मोहल्ले में पहुंचीं और घटना की जानकारी लोगों को दी। इसके बाद दोनों समुदाय पारंपरिक हथियार से लैस होकर एक-दूसरे से भिड़ गए। दोनों तरफ से ईंट-पत्थर चलने लगे। भगदड़ मच गई। राइफल-पिस्टल निकल गए और गोलियां भी चलने लगीं। सूचना पर पहुंचे कांके थानेदार ने मामले को नियंत्रित करने की कोशिश की, तो उनपर ही पत्थरबाजी हो गई, जिसके बाद उनकी गाड़ी भी टूट गई और उनका सिर फट गया।

    एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगा किया हमला

    सुकुरहुट्टू में दो समुदायों में ¨हसक झड़प की सूचना पर डीसी-एसएसपी के अलावा एसडीएम भोर सिंह यादव, ग्रामीण एसपी राजकुमार लकड़ा, सिटी एसपी अमन कुमार, एडीएम लॉ एंड ऑर्डर, डीएसपी अमित कच्छप सहित कई वरीय अधिकारी पहुंचे। अधिकारियों ने सुकुरहुट्टू बाजार टांड़ में गाड़ी लगाई और पैदल ही घटनास्थल की ओर बढ़ने लगे। साहू मोहल्ला में हजारों की भीड़ सड़क पर थी। सबके हाथ में पारंपरिक हथियार थे। पुलिस उनसे अपने-अपने घर में जाने का आग्रह करने लगी, लेकिन कोई वहां से हटने को तैयार नहीं था। इसी बीच एसडीएम ने एक युवक के हाथ में पिस्टल देखा तो उसे छीनने की कोशिश की और कहा कि सभी अपने-अपने घर चले जाएं।

    लोग आक्रोशित थे और पीछे हटने को तैयार नहीं थे। धीरे-धीरे ग्रामीण पुलिस प्रशासन पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाकर पुलिस से उलझ गए। तभी अधिकारियों ने भीड़ को तितर-बितर करने का आदेश दिया। जैसे ही पुलिसकर्मियों ने लाठियां भांजनी शुरू की, एक समुदाय के लोग पुलिस पर ही पत्थरबाजी करने लगे। उनका कहना था कि जिसने गलती की, उसे पुलिस कुछ कर नहीं रही और उल्टे उन्हें मार रही है। पत्थरबाजी में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। इसके बाद पीछे हटी भीड़ पुलिस प्रशासन के अधिकारियों की गाडि़यों की तरफ बढ़ी और अपना सारा गुस्सा अधिकारियों गाडि़यों को तोड़कर उतार दिया। गाड़ी तोड़े जाने की सूचना पर ग्रामीण एसपी सहित कई अधिकारी दौड़ते हुए गाडि़यों की तरफ बढ़े। तब तक दर्जनभर गाडि़यां टूट चुकी थीं।

    कांके के सुकुरहुटू में दंगा पर जिला प्रशासन का कड़ा रुख

    एडीएम ने बयान जारी कर कहा कि दंगा फैलाने वालों की खैर नहीं। दंगा में शामिल होने की पुष्टि होने पर दंगा एक्ट के तहत सीधे जेल भेजे जाएंगे दंगाई। अब कोई पंचायत, कोई बैठक नहीं होगी। सरकारी वाहन की क्षति ,सरकारी पदाधिकारी, कर्मी के साथ मारपीट, दुर्व्यवहार के लिए और दंगाइयों का साथ देने के लिए अलग से मामला दर्ज कर कार्रवाई होगी। दंगा फैलने पर पूरे गांव व मोहल्ले के परिवार के विरुद्ध सामूहिक कानूनी कार्रवाई के साथ आर्थिक क्षति के लिए आर्थिक दंड की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

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