जीएसटी से हर वर्ग को मिलेगी राहत, जानिए
जीएसटी लागू होने के बाद कारोबारियों को टैक्स कम देना पड़ेगा और इसका सीधा लाभ ग्राहकों को मिलेगा।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। जीएसटी लागू होने के बाद कारोबारियों को तो राहत मिलेगी ही, ग्राहकों को भी बड़ी हद तक महंगाई से राहत मिलेगी। पूरे देश भर मे एक ही कर व्यवस्था होने के बाद कारोबारियों को टैक्स कम देना पड़ेगा और इसका सीधा लाभ ग्राहको को मिलेगा।
गुरुवार को दैनिक जागरण के डिमना रोड मानगो स्थित कार्यालय मे आयोजित दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम 'प्रश्न प्रहर' मे जीएसटी के मास्टर ट्रेनर वाणिज्यकर विभाग के उपायुक्त सीएल शर्मा और संयुक्त आयुक्त अपील अजय सिन्हा ने उपरोक्त बाते कही। दोनों विशेषज्ञों ने जीएसटी से जुड़े पाठकों के सवालों के जवाब दिए।
सवाल : जीएसटी क्या है?
-पपाई चक्रवर्ती, कदमा
जवाब : अभी तक हम 16 प्रकार के टैक्स दे रहे है। अब सबको मिलाकर एक कर व्यवस्था लागू होने वाली है। सभी तरह के टैक्स इसी मे समाहित है। जीएसटी लागू होने के बाद पूरे देश मे एक ही कर व्यवस्था और एक ही बाजार हो जाएगा।
सवाल : घडि़यो पर अभी 14.5 प्रतिशत टैक्स लगता है और अब इसको 28 प्रतिशत करने की तैयारी है। यदि हम कंपाउंडिंग मे जाते है तो पुराने स्टॉक का क्या होगा?
-उपेद्र संघवी, बिष्टुपुर
जवाब : घडि़यो का जितने रुपये मूल्य का स्टॉक होगा यदि उसका इनपुट टैक्स क्रेडिट बाकी है तो वो जमा करना होगा। इसके बाद आप कंपाउंडिंग मे जा सकेगे। साथ मे यह शर्त होगी कि आप राज्य के बाहर बिक्री नही करेगे।
सवाल : मै खुदरा व्यवासायी हूं। मेरे कारोबार का टर्नओवर 20 लाख रुपये से अधिक है। इसमे 15 लाख की बिक्री टैक्स फ्री वस्तुओ की है। क्या मुझे जीएसटी मे पंजीकरण कराना होगा?
-मृणेन्द्र प्रसाद, आदित्यपुर
जवाब : चूंकि आपका कारोबार 20 लाख से अधिक है, इसलिए पंजीकरण कराना आवश्यक है, परंतु जीएसटी मे सरकार द्वारा 75 लाख रुपये के कारोबार पर कंपोजीशन स्कीम की सुविधा दी गई है।
सवाल : जीएसटी मे कंपोजीशन स्कीम क्या है?
-समरेश, टेल्को
जवाब : छोटे-छोटे व्यवसायी व लघु उद्योगो के लिए जीएसटी मे कंपोजीशन स्कीम का प्रावधान है। इसमे व्यवसायी को लघु उद्योगो के लिए कुल टर्नओवर का दो प्रतिशत कर लगेगा और खुदरा व्यवसायी के लिए एक प्रतिशत कर का प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त छोटे रेस्टोरेट, ढाबा संचालको को कुल टर्नओवर का पांच प्रतिशत कर साल मे एक बार देना होगा। इसमे हर तिमाही रिटर्न दाखिल करने का प्रावधान है।
सवाल : आइटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडित) जीएसटी मे कैसे मिलेगा?
-अरविंद कुमार, जुगसलाई
जवाब : वर्तमान मे वैट का आइटीसी केवल राज्य मे खरीदी गई वस्तुओ पर ही मिलता है। जीएसटी लागू होने के बाद पूरे देश मे कही से भी खरीदारी करने पर चुकाए गए टैक्स मे आइटीसी मिलेगा।
सवाल : जीएसटी मे रोड परमिट रहेगा या नही?
-अरुण कुमार, जुगसलाई
जवाब : जीएसटी लागू होने के शुरुआती दिनो मे रोड परमिट का प्रावधान नही है, लेकिन भविष्य मे सरकार इसका प्रावधान कर सकती है।
सवाल : मै एक छोटा कारोबारी हूं। वैट मे निबंधित हूं। मेरे कारोबार का टर्नओवर 10 लाख सालाना है। क्या मुझे जीएसटी मे निबंधन कराना होगा?
-रमेश मुंडा, टेल्को
जवाब : हां, पहले आपको जीएसटी मे माइग्रेट करना होगा। उसके बाद यदि चाहे तो जीएसटी लागू होने के 30 दिन के अंदर ऑनलाइन सूचना देकर जीएसटी से बाहर निकल सकते है।
सवाल : मै चावल, गेहूं व आटा आदि कारोबारी हूं। टर्नओवर 20 लाख रुपये सालाना है। क्या मुझे जीएसटी मे निबंधन कराना होगा?
-आशीष प्रसाद, मानगो
जवाब : आपको जीएसटी मे निबंधन कराना पड़ेगा। प्रावधान यह है कि यदि कोई व्यवसायी निल रेटेड वस्तु या फुल एक्जंप्ड वस्तु का व्यवसाय कर रहा है तो और कारोबार का टर्नओवर 20 लाख रुपये है तो जीएसटी मे निबंधन कराना होगा।
सवाल : मेरा पेट्रोल पंप है। मै केवल पेट्रोल-डीजल ही बेचता हूं। क्या पंजीकण कराना होगा?
-अनीस अहमद, सोनारी
जवाब : नही, यदि आप केवल और केवल पेट्रोल-डीजल ही बेच रहे है तो आपको निबंधन नही कराना होगा। नॉन टैक्सेबुल सप्लाई को जीएसटी से बाहर रखा गया है। यदि आप मोबिल व बैट्री का पानी आदि भी बेचते है तो पंजीकरण कराना होगा।
सवाल : मै ट्रांसपोर्टर हूं, क्या निबंधन कराना होगा?
-सुधीर सिंह, मानगो
जवाब : अगर आपका कारोबार 20 लाख रुपये सालाना से अधिक है तो आपको जीएसटी मे निबंधन कराना होगा।
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