मां और बेटी की एक ही स्कूल में कर दी पोस्टिंग, ऐसे हुआ खुलासा
मां-बेटी फर्जी प्रमाणपत्र के सहारे नौकरी पाने में सफल रहीं, इसमें तत्कालीन डीएसई का अहम रोल रहा है।

जागरण संवाददाता, धनबाद। सरकारी प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में 2015-16 में बड़े पैमाने पर शिक्षकों की बहाली की गई। उस समय तत्कालीन डीएसई बांके बिहारी सिंह ने मनमानी करते हुए शिक्षक नियुक्ति में घोर अनियमितता बरती। उक्त आरोप लगाते हुए झारखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष नीलकंठ मंडल ने मुख्यमंत्री को पत्र देकर तत्कालीन डीएसई पर कार्रवाई करने की गुजारिश की है।
पत्र में नीलकंठ मंडल ने स्पष्ट किया है कि 13 वर्ष से कम उम्र में मैटिक कर बतौर शिक्षक बहाल होने वाली सोनी कुमारी और फर्जी तरीके से इसी वर्ष बहाल होने वाली उसकी मां संजू कुमारी की पोस्टिंग एक ही विद्यालय उत्क्रमित मध्य विद्यालय भेलाटांड़ गोविंदपुर-1 में कर दी गई। दोनों मां-बेटी फर्जी प्रमाणपत्र के सहारे नौकरी पाने में सफल रहीं, इसमें तत्कालीन डीएसई का अहम रोल रहा है।
नीलकंठ ने कहा है कि जांच में सभी आरोप सही पाए गए और जांच प्रतिवेदन क्षेत्रीय उप-शिक्षा निदेशक उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल को दिया गया। आरोप सही पाए जाने के बाद भी अभी तक तत्कालीन डीएसई पर कार्रवाई नहीं की गई। पूरे राज्य में सबसे अधिक शिक्षक नियुक्ति में धनबाद में ही फर्जीवाड़ा हुआ है, जबकि इसी मामले में देवघर और कोडरमा डीएसई पर कार्रवाई हो चुकी है।
यहां हुई गड़बड़ी
-राज्य में सबसे अधिक 148 शिक्षकों के टेट प्रमाणपत्र पाए गए जाली।
-इंटर प्रशिक्षित शिक्षक नियुक्ति में क्रम संख्या 37 सोनी कुमारी की जन्म तिथि 23 अगस्त 1994 दर्ज है, इस तरह 12 वर्ष आठ माह पांच दिन में मैटिक उत्तीर्ण किया। यह मैट्रिक की न्यूनतम आयु से भी कम है और टेट परीक्षा 2013 में आयोजित हुई थी।
-नर्सरी टीचर ट्रेनिंग पर कई शिक्षकों की नियुक्ति हो गई।
-इंटर में 40 फीसद से कम अंकवाले भी शिक्षक बन गए।
-काउंसलिंग में पकड़े गए अभ्यर्थियों को बिना कार्रवाई किए छोड़ दिया गया।
-काउंसलिंग की सूचना बदलकर वास्तविक अभ्यर्थियों को बाहर किया।
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