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    वीरभद्र सिंह की पत्नी की याचिका पर कोर्ट ने मांगा जवाब

    By Sachin MishraEdited By:
    Updated: Tue, 25 Apr 2017 09:38 AM (IST)

    हिमाचल प्रदेश के सीएम वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में याचिका दायर की है। ...और पढ़ें

    वीरभद्र सिंह की पत्नी की याचिका पर कोर्ट ने मांगा जवाब

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष सीबीआइ अदालत ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी की याचिका पर सीबीआइ से जवाब मांगा है। प्रतिभा सिंह की याचिका में कहा गया है कि जांच एजेंसी ने नियमों और कानूनों को ताक पर रखते हुए उनके व उनके पति के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में यह आरोपपत्र दाखिल किया है।

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    न्यायाधीश विरेंद्र कुमार गोयल के समक्ष प्रतिभा सिंह की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि आरोपपत्र दाखिल करने की एक प्रक्रिया होती है, जिससे सीबीआइ का गुजरना अनिवार्य है। आरोपपत्र दाखिल करने से पहले जांच एजेंसी को राज्य सरकार से इसकी अनुमति लेनी होती है, परन्तु सीबीआइ कभी इसके लिए हिमाचल प्रदेश सरकार के पास नहीं आई। याचिका में मांग की गई कि सीबीआइ के आरोपपत्र पर संज्ञान लेकर मुख्यमंत्री के खिलाफ पेशी वारंट जारी करने से पूर्व अदालत उनका पक्ष भी सुने।

    सीबीआइ के वकील मनोज शुक्ला ने दलील दी कि वीरभद्र ने यह राशि केंद्रीय मंत्री रहते हुए अर्जित की थी। यह अपराध दिल्ली में हुआ है। ऐसे में राज्य सरकार की अनुमति लेना अनिवार्य नहीं है। न्यायाधीश ने सभी नियमों और प्रक्रियाओं का अध्ययन करने के बाद सीबीआइ को अगली तारीख पर प्रतिभा सिंह की याचिका पर अपना जवाब देने के लिए कहा है। मामले की अगली सुनवाई अब एक मई को होगी। सीबीआइ द्वारा दाखिल किए गए आरोपपत्र में दावा किया गया है कि मुख्यमंत्री के पास उनकी तय आय से 10 करोड़ अधिक संपत्ति पाई गई थी। यह राशि उनकी निर्धारित आय से 192 प्रतिशत अधिक है।

    दावा किया गया कि यूपीए-2 के दौरान मंत्री रहते हुए वीरभद्र सिंह ने यह अवैध रकम अर्जित की थी। आइपीसी की धारा- 109 (उकसाना) , 465 (जालसाजी) व भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया था। जिसमें कुल 222 लोगों को मुख्यमंत्री के खिलाफ सीबीआइ ने गवाह बनाया है। आरोपपत्र में मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी सहित कुल नौ लोगों को आरोपी बनाया गया है।