यहां लगातार कांप रही धरती, लोग देवताओं की शरण में
हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला के रामपुर में कई दिनों से धरती कांप रही है। यहां लगातार आ रहे भूकंप के झटकों से लोग सहम गए है। लोग न रात को सो पा रहे है और न ही दिन में अपने घरों में आराम से रह पा रहे है। अब लोग देवताओं की शरण में भी पहुंचने लगे है।
रामपुर बुशहर [जेएनएन]: हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला के रामपुर में लगातार धरती कांप रही है। एक माह में ही यहां कई बार भूकंप लोगों को डरा चुका है। हालांकि भूकंप की तीव्रता अभी कम ही रही है। ऐसे में कोई नुकसान नहीं हुआ है। लेकिन यहां के लोग किसी बड़े खतरे की आशंका से डरे हुए है। रामपुर व आसपास के इलाको में बुधवार को सुबह 4.48 बजे से पांच बजे तक भूकंप के तीन झटके आए। इन झटको से लोग सहम गए। सात मिनट के अंतराल मे आए तीन झटकों ने स्थानीय लोगों को फिर डरा दिया।
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भूकंप से भयभीत कई लोग राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला रामपुर के मैदान में अपने बच्चों को साथ लेकर पहुंच गए। तो कई लोग यही डेरा जमाए हुए है। ये लोग सुबह आठ बजे तक वहां पर ही रहे क्योकि 15 दिन पहले आए भूकंप के झटके सुबह ज्यादा आए थे। रामपुर मे 15 दिन पहले छह बड़े व 35 कम तीव्रता वाले भूकंप के झटके आ चुके है। इससे पहले भी यहां भूकंप हो चुका है।
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लोग पहुंचे देवता की शरण में, यज्ञ शुरू
ज्यूरी : वहीं, विकास खंड रामपुर व आसपास के क्षेत्र में पिछले दो महीनों से आ रहे भूकंप के झटकों के निदान के लिए ज्यूरी के लोग देवता साहब बसाहरा के मंदिर में पहुंच गए है। लोगों ने यहां तीन दिवसीय यज्ञ पाठ शुरू हुआ। जिसमें देवता साहिब बसाहरू स्वयं भाग लेगें। भूकंप से भयभीत लोग भी अब देवता की शरण में जाने लगे हैं, क्योंकि देवता साहब में लोगों की गहरी आस्था है। भूकंप के झटकों से सहमें लोगों को जब कुछ समझ में नहीं आया तो उन्होंने देवता साहब बसाहरू की शरण में जाने मे ही समझदारी समझी।
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उनके दरबार में पहुंच कर भूकंप के कारणों और उससे क्षेत्र की रक्षा और सुरक्षा की प्रार्थना की। जिसके चलते मंदिर परिसर में यज्ञ पाठ का आयोजन किया जा रहा है। मंदिर के मोहतमीन शिव कुमार ठाकुर ने बताया कि देवता की आज्ञा के बाद ही यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। इसका आयोजन क्षेत्र की सुख-शांति और बुरी ताकतों से रक्षा के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देवता के आशीर्वाद से यज्ञ पूरी तरह से सफल भी होगा और क्षेत्र में सुखा शांति बरकरार रहेगी।
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