हिमाचल : पानी होने लगा कम, बिजली उत्पादन में आने लगी कमी
हिमाचल में अक्टूबर में पावर प्रोजेक्टों में निर्धारित लक्ष्य से करीब 406 लाख यूनिट कम बिजली उत्पादन हुआ है। ऐसे मेें आने वाले दिनों में प्रदेश में बिजली संकट पैदा हो सकता है।
मंडी [जेएनएन] : राज्य विद्युत परिषद के पनविद्युत प्रोजेक्टों में अक्टूबर में निर्धारित लक्ष्य से करीब 406 लाख यूनिट कम बिजली उत्पादन हुआ है। प्रोजेक्टों के कैचमेंट क्षेत्र में सूखे का असर बिजली उत्पादन पर पड़ा है। मौसम का मिजाज अगर ऐसा ही रहा तो आने वाले दिनों में प्रदेश में बिजली संकट पैदा हो सकता है।
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केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग ने पनविद्युत प्रोजेक्टों में अक्टूबर में 1678.300 लाख यूनिट विद्युत उत्पादन करने का लक्ष्य रखा था, जबकि 1272.09 लाख यूनिट विद्युत उत्पादन हुआ है। ये लक्ष्य से करीब 406 लाख यूनिट कम है। 22.5 मेगावाट की गानवी परियोजना में 60.274 लाख यूनिट, 2.5 मेगावाट की नोगली परियोजना में 8.922 लाख यूनिट, 1.75 मेगावाट की चाबा परियोजना में 4.048 लाख यूनिट, 60 मेगावाट की गिरी परियोजना में 104.750 लाख यूनिट विद्युत उत्पादन दर्ज किया गया है।
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16.95 मेगावाट की आंध्रा परियोजना में 50.477 लाख यूनिट, बस्सी परियोजना में 183.869 लाख यूनिट, छह मेगावाट की बिनवा परियोजना में 19.513 लाख यूनिट, छह मेगावाट की गज परियोजना में 23.821 लाख यूनिट, 12 मेगावाट की बनेर परियोजना में 17.819 लाख यूनिट, 12 मेगावाट की खोली परियोजना में 12.719 यूनिट, 126 मेगावाट की लारजी परियोजना में 462.780, गुम्मा में 0.227 लाख यूनिट विद्युत उत्पादन रिकार्ड किया गया है।
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भावा आर्गुमेटेशन में 8.927 लाख यूनिट, थिरोट में 9.699 लाख यूनिट, होली में 3.839 लाख, किलाड़ में 0.431, रुकती 0.807, संजय विद्युत परियोजना 247.250, चंबा भूरि सिंह में 1.178 व गानवी द्वितीय में 32.871 लाख यूनिट विद्युत उत्पादन हुआ है। सुंदरनगर स्थित विद्युत परिषद के मुख्य अभियंता (उत्पादन) पंकज कपूर का कहना है कि अक्टूबर में नदी-नालों में पानी की आवक कम होने से प्रोजेक्टों में बिजली उत्पादन का लक्ष्य पूरा नहीं हुआ है।
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