24 विद्युत परियोजनाओं के लिए चौथी बार भी नहीं मिले खरीदार
राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रदेश में बीते कई वर्षो से लटकी 35 विद्युत परियोजनाओं में से 24 परियोजनाओं के
राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रदेश में बीते कई वर्षो से लटकी 35 विद्युत परियोजनाओं में से 24 परियोजनाओं के लिए चौथी बार निविदाएं आमंत्रित करने पर भी खरीदार नहीं मिले हैं। मंगलवार को निविदाएं जमा करवाने के अंतिम दिन 11 विद्युत परियोजनाओं के लिए निविदाएं जमा करवाई गई जबकि बिड दस्तावेज 29 पनविद्युत परियोजनाओं के लिए खरीद गए थे। इनमें से 18 परियोजनाओं के लिए बिड दस्तावेज खरीदने के बाद भी जमा नहीं करवाए गए।
प्रदेश की लगभग 900 मेगावाट क्षमता की 35 पनविद्युत परियोजनाओं में से मंगलवार को 11 पनविद्युत परियोजनाओं के लिए छह कंपनियों ने बिड दस्तावेज जमा करवाए। इनमें साई ऊर्जा, साई इजीनियरिग फाउडेशन, जागलिख हाइडल प्रोजेक्ट प्राइवेट, जावेरी एंड कंपनी, कॉसमॉस और आस्था पावर कंपनी शामिल हैं। बिड दस्तावेज जमा करने के साथ ही इन कंपनियों के अधिकारियों की मौजूदगी में उनके सामने दस्तावेजों को खोला गया है। अब इनकी जांच की जाएगी और जो नियमों के अनुसार सही पाई जाएंगी व उच्च बोली वाली कंपनी को परियोजनाएं आवंटित की जाएंगी। बिड दस्तावेजों को जमा करवाने के लिए पचास हजार रुपये की प्रोसेसिंग फीस भी जमा करवाई गई है। यदि तकनीकी या अन्य कारणों से आवंटन नहीं होता है तो यह राशि वापस नहीं होगी।
234 मेगावाट की दो परियोजनाओं का आवंटन
ऊर्जा निदेशालय ने प्रदेश सरकार की सहमति से 104 मेगावाट की क्षमता वाली तादी व 130 मेगावाट की क्षमता वाली राशिल बिजली परियोजना का आवंटन कर दिया है। एपीजी शिवप्यार कंपनी दोनों परियोजनाओं का काम शुरू करने के लिए 20 लाख रुपये प्रति मेगावाट के हिसाब से अपफ्रंट प्रीमियम देने के लिए राजी है।
इन्हें मिले खरीदार
जिन विद्युत परियोजनाओं को खरीदार मिले हैं, उनमें 45 मेगावाट की बराखंबा, 20.8 मेगावाट माकोरी, 21.9 मेगावाट मनालसू, 15 मेगावाट रुपिन-2, अप्पर मैहल, आठ मेगावाट लोअर मैहल, 11 मेगावाट सुंदराली, 18 मेगावाट जनगलिंख, 20 मेगावाट बुजलिंग, 17 मेगावाट दुनाली स्टेज-1 व 2 व 18 मेगावाट क्षमता की तुंडाह-2 विद्युत परियोजना शामिल है।
इन्हें नहीं मिले खरीदार
जिन विद्युत परियोजनाओं को खरीदार नहीं मिले हैं, उनमें 65 मेगावाट की पत्तम, 6.5 मेगावाट साल-1, छह मेगावाट खायूली-2, 14 मेगावाट छोबिया-1, 98 मेगावाट सटिगरी, 24.5 मेगावाट जनकार, 6.2 मेगावाट कुटोई, 12.8 मेगावाट गलवात, 5.8 मेगावाट यू आर 1, 8.4 मेगावाट नोगली टॉप, 36.9 मेगावाट वनगार-2, 8.4 मेगावाट दुलिंग, 63.6 मेगावाट तागला, 205 मेगावाट रोपा स्टेज-2 व 3, 19.5 मेगावाट ललूनी, 19.1 मेगावाट कैलीहैन, 12 मेगावाट रोपा टॉप, 10 मेगावाट वनगार, 7 मेगावाट सेरी रावला, 24 मेगावाट होजीस व 15 मेगावाट की ग्यामथिंग स्टेज-1 परियोजना शामिल हैं।
37 बिजली परियोजनाओं में से चिनाब बेसिन की दो परियोजनाओं को रि-स्टोर कर दिया है। इसके लिए 20 लाख रुपये प्रति मेगावाट प्रीमियम देने के लिए निजी कंपनी तैयार है। बाकी 35 परियोजनाओं में से 11 परियोजनाओं के लिए ही बिड डॉक्यूमेंट जमा हुए है।
-ई. एचएम ध्रेवला, मुख्य अभियंता, ऊर्जा निदेशालय
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।