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मूर्त‍ि पर स‍िक्‍का च‍िपका तो समझो पूरी हो गई मन्‍नत

ह‍िमाचल प्रदेश के लाहौल स्‍पीत‍ि ज‍िले का कुंजम दर्रा ह‍िमालय रेंज का एक प्रमुख दर्रा है। इसी दर्रे में मौजूद है कुंजुम देवी का मंद‍िर। इस मंद‍िर से जुड़े है कई रहस्‍य।

By Munish DixitEdited By: Published: Fri, 12 Aug 2016 12:36 PM (IST)Updated: Fri, 12 Aug 2016 02:42 PM (IST)

हिमाचल प्रदेश का लाहौल-स्पीति जिला अपने आप में अदभुत है। शीत मरुस्थल के नाम से पहचाना जाता, ये जिला प्रदेश का क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे बड़ा जिला है। जबकि आबादी के हिसाब से यह सब कम आबादी वाला जिला है। यहां कई बौद्ध मठ, मंदिर व झीलें मौजूद है, जो कई रहस्यों को अपने में समाएं हुए है। इनमें से एक है कुुंजुम दर्रें में स्थित माता कुंजुंम का मंदिर। कुुंजुम हिमालय का एक प्रमुख दर्रा है जो लाहौल स्पीति घाटी को आपस में जोड़ता है। इसकी ऊंचाई 4590 मीटर है। इसी दर्रें में कुंजम माता का मंदिर है। कुंजुम देवी यहां की अधिष्ठात्री देवी हैं। इस दर्रे से जाने वाले लगभग सभी वाहन कुंजम माता के मंदिर पर सर झुकाते हुए जाते हैं।

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इस मंदिर की एक बड़ी खासियत यह है कि इस मंदिर में भक्तों को यह भी पता चल जाता है कि उनकी मन्नत पूरी हुई या नहीं। श्रद्धालुओं में मान्यता है कि सच्चे मन से मांगी गई मन्नत यहां जरुर पूरी होती है।

लोग यहां पूजा करते है और बीच में रखी माता कुंजुम की मूर्ति के आगे मन्नत मांगते है, इसके बाद माता की मूर्ति में एक सिक्का चिपकाने का प्रयास करते है, अगर सिक्का मूर्ति के साथ तुरंत चिपक गया, तो समझों आपकी मन्नत पूरी हो गई है।

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इसके अलावा इस मंदिर की एक और मान्यता है कि यहां के जोखिम भरे रास्तों में अगर सुरक्षित यात्रा करनी है, तो भी मां का आशीर्वाद जरूर लेना पड़ता है। मान्यता है कि माता के मंदिर में आशीर्वाद लेने के बाद वाहन चालक की हिम्मत दोगुना हो जाती है और वह निडर होकर घूमावदार सड़कों के जोखिम भरे सफर को सुहाने सफर में तबदील कर देते हैं। इस मंदिर में कई विदेशी पर्यटक भी अपनी मन्नत पूरी करने के लिए सिक्कें चिपकाते है।

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मन में हो खोट तो नहीं चिपकता सिक्का

मंदिर का रखरखाव कर रही लोसर गांव की कमेटी के सदस्य एवं पूर्व पंचायत प्रधान दोरजे छोपेल का कहना है कि आए दिन सुंदर व चौड़ी सड़कों में दुर्घटनाएं देखने को मिल रही है लेकिन देवी-देवताओं और लामाओं की इस पवित्र धरती में माता कुंजुंम की ही अपार कृपा का ही परिणाम है कि यहां सभी राहगीर सुरक्षित अपनी मंजिल में पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि मंदिर में सच्चे मन से मन्नत मांगने वाले भक्त की फरियाद को माता जरुर पूरा करती है। मन में अगर कोई खोट हो तो सिक्का नहीं चिपकता है।

प्रस्तुति : जसवंत ठाकुर, मनाली।


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