रोहतांग टनल : अब दो किमी की खोदाई शेष
रोहतांग टनल अगले साल जून में तैयार हो जाएगी। टनल का कार्य दोनों किनारों से छह किमी तक पूरा हो चुका है। अब करीब दो किमी की खोदाई शेष है।
जसवंत ठाकुर, मनाली
दो जिलों कुल्लू व लाहुल स्पीति सहित सामरिक महत्व के सड़क मार्ग को जोडऩे जा रही रोहतांग टनल अगले साल जून में तैयार हो जाएगी। इस टनल का कार्य अब लगभग अंतिम चरण में पहुंचने लगा है। टनल का कार्य दोनों किनारों से छह किमी तक पूरा हो चुका है। अब करीब दो किमी का सफर ही बचा है। भारतीय टनङ्क्षलग इंजीनियरिंग में नया अध्याय जोडऩे जा रही रोहतांग सुरंग का बजट 1500 से 4000 करोड़ तक जा पहुंचा है। जून 2010 में जब यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोलंग नाला में इसका शिलान्यास किया था तो सुरंग की अनुमानित लागत 1500 आंकी गई थी। 2015 तक निर्माण कार्य पूरा करने की
उम्मीद जताई थी। सेरी नाले में लगातार दो साल पानी का रिसाव होने से बीआरओ की दिक्कतें बढ़ती रहीं। बीआरओ ने अब दिक्कतों से पार पा लिया है व युद्धस्तर पर कार्य करते हुए जून 2017 में सुरंग के दोनों छोर को जोडऩे का दावा किया। सुरंग का निर्माण कार्य स्टरबेग न इफकोन कंपनी कर रही है जबकि स्मैक कंपनी इसके डिजायन का कार्य देख रही है। बीआरओ रोहतांग सुरंग परियोजना के चीफ इंजीनियर ब्रिगेडियर डीएन भट्ट ने कहा की बीआरओ 2017 जून तक सुरंग के दोनो छोर को जोड़ देगी। उन्होंने कहा की 8.8 किमी बनने वाली रोहतांग सुरंग की खुदाई का कार्य 6.8 किमी कर लिया है। उन्होंने कहा की दोनों छोर को जोडऩा उनकी प्राथमिकता रहेगी। इस सुंरग के बनने से छह तीन से चार
माह तक कटे रहने वाले लाहुल स्पीति के लोगों को सबसे बड़ी राहत मिलेगी। वहीं, रोहतांग पर बढऩे वाले ट्रैफिक के बोझ से भी राहत मिलेगी।
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