ये लीजिए सरकार, मेरी तनख्वाह से बनाइए सड़क
साठ हजार रुपये के साथ सड़क बनाने का सपना महज सपना ही हो लेकिन इसमें एक संदेश है जो एक जवान ने हिमाचल प्रदेश सरकार को दिया है। ...और पढ़ें

नरेंद्र ठाकुर, मैहला (चंबा): साठ हजार रुपये के साथ सड़क बनाने का सपना महज सपना ही हो लेकिन इसमें एक संदेश है जो एक जवान ने हिमाचल प्रदेश सरकार को दिया है। चंबा जिले के भरमौर क्षेत्र में सुलाखर गांव के सुरेंद्र सिंह भारत-तिब्बत पुलिस सेवा (आइटीबीपी) में बतौर सब इंस्पेक्टर पंचकूला में कार्यरत हैं। उन्होंने अपना दो माह का करीब 60 हजार वेतन प्रधान सचिव, ग्रामीण विकास विभाग को भेजा है। मजे की बात यह है कि अतिरिक्त उपायुक्त भरमौर इसे लोकप्रियता हासिल करने का तरीका बता रहे हैं। बकौल सुरेंद्र, ‘कई बार संबंधित विभाग व प्रशासन को सुलाखर को सड़क सुविधा से जोड़ने का आग्रह किया लेकिन किसी ने हमारी बात नहीं सुनी।
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केंद्र व राज्य सरकार ने सड़क बनाने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना तथा नाबार्ड सहित अन्य योजनाएं शुरू की हैं लेकिन इस गांव के लिए सड़क सुविधा नहीं मिल पाई।’ गांव का कोई व्यक्ति बीमार हो जाए तो उसे पीठ या पालकी पर उठा ले जाना पड़ता है। गंभीर मरीज रास्ते में दम तोड़ देते हैं।
यदि सरकार को कहीं धन की कमी आड़े आ रही है तो मैं अपने गांव को विकास की राह पर लाने के लिए सहयोग दे रहा हूं। अपना दो माह वेतन सरकार के नाम कर रहा हूं।-सुरेंद्र सिंह, इंस्पेक्टर आइटीबीपी।
खड़ामुख-सतनाला तक करीब पांच किलोमीटर सड़क के लिए सरकार ने मंजूरी दे दी है। सुलाखर गांव भी इसी सड़क के अधीन आता है। लोक निर्माण विभाग को जल्द से जल्द सड़क निर्माण के लिए औपचारिकताएं पूरी करने के आदेश दिए गए हैं।-ठाकुर सिंह भरमौरी वन मंत्री एवं स्थानीय विधायक।
मेरे पास ऐसा मामला नहीं आया है। लोग ख्याति प्राप्त करने के लिए ऐसा करते हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार के पास धन की कमी नहीं है। अच्छा होता कि मामला ध्यान में लाया जाता।-विनय धीमान, एडीएम भरमौर।
मामला मेरे ध्यान में नहीं है। सरकार ने गांवों को सड़क से जोड़ने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रखी हैं। यदि इस प्रकार का कोई मामला है तो संबंधित विभाग के अधिकारियों से पूछा जाएगा। गांव को सड़क से जोड़ने का प्रयास रहेगा। एडीएम भरमौर से भी बात करेंगे।-सुदेश मोख्टा, उपायुक्त चंबा।

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