Move to Jagran APP

ऑनलाइन ठगी का सच उड़ा देगा आपके होश, कम पढ़े लिखे लोग लगा रहे हैं चूना

अाॅनलाइन ठगी के बारे में सच आपके होश उड़ा देगा। कम पढे-लिखे लाेग ठगी का गोरख धंधा चला रहे हैं। इनका कॉल सेंटर तक चल रहा है। झारखंड का आदिवासी क्षेत्र इस ठगी का अड्डा बन गया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 17 Oct 2016 12:15 PM (IST)Updated: Tue, 18 Oct 2016 09:17 AM (IST)
ऑनलाइन ठगी का सच उड़ा देगा आपके होश, कम पढ़े लिखे लोग लगा रहे हैं चूना

रोहतक, [सर्वेंद्र पुंडीर]। आजकल ऑनलाइन ठगी आम बात हो गई है। इसके श्ािकार सबसे ज्यादा भोले भाले अौर आॅनलाइन के बारे में कम जानकारी रखने वाले लोग होते हैं। फोन किया जाता है और डेबिट कार्ड या फिर क्रेडिट कार्ड का नंबर व पासवर्ड पूछकर ठगी कर ली जाती है। ये लोग अपना क तरह से काॅल सेंटर चलाते हैं। इससे कमाल की बात इस तरह की ठगी करने वाले झारखंड के आदिवासी इलाके से हैं।

prime article banner

साइबर ठग चलाते हैं काॅलसेंटर, सभी वर्ग के लोग हो रहे हैं ठगी के शिकार

अकेले रोहतक की बात करें तो तीन माह में 38 मुकदमे ऐसे दर्ज हुए हैं, जिनमें ठगी की कहानी है। आर्मी जवान हो या हो पुलिस जवान रिपोर्ट दर्ज कराने वालों में सब शामिल हैं। साइबर सेल व सर्विलांस के मास्टर माइंड एक डीएसपी ने बताया कि ठगी करने वाले हरियाणा, उत्तर प्रदेश या फिर पंजाब के नहीं है। सर्विलांस की लोकेशन बताती है कि अधिकतर मामलों में ठगी करने वालों के मोबाइल नंबरों की लोकेशन झारखंड या फिर बिहार की होती है।

पढ़ें : 11 वीं की छात्रा को घुमाने का बहाना बनाकर युवक ले गया हरिद्वार और.. फिर

उन्होंने बताया कि यहीं नहीं ठगी करने वाले अधिक पढ़े लिखे नहीं होने के बावजूद वह इस तरह से बात करते है, जैसे पोस्ट ग्रेजुएशन हो और किसी बैंक में अफसर या फिर कर्मचारी हों। ये ठग अधिकतर हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश के लोगों को अपना निशाना बनाते हैं।

झारखंड का जामताड़ा ऑनलाइन ठगों का बन गया है अड्डा

साइबर सेल व सर्विलांस के मास्टर माइंड माने जाने वाले डीएसपी विनोद कुमार सिरोही ठगी की वारदातों पर काफी काम कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि साइबर क्राइम के मामले में झारखंड का आदिवासी बहुल इलाका जामताड़ा देश का नंबर एक जिला बन चुका है।

पढ़ें : अोलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने पहलवान सत्यव्रत से की सगाई

उन्होेंने बताया कि देश के किसी भी कोने में साइबर ठगी होती है तो 80 फीसद मामलों में जामताड़ा के करमाटांड़ का मोबाइल लोकेशन आता है। ठगी किसी भी राज्य में हो। पुलिस इस स्थान पर जरूर जाती है। पिछले ढाई महीने की बात करें तो सात राज्यों की पुलिस यहां 21 बार छापेमारी कर चुकी है। यहां के मनी हैकर पूरे देश के लिए चुनौती बने हुए हैं।

हैकरों के पास है आलीशान घर

डीएसपी विनोद कुमार सिरोही के अनुसार, मुंबई और कोलकाता जैसे महानगरों में ठगों के पास आलीशान मकान है। इस अपराध के सिंडिकेट में 20 से अधिक गांवों के सैकड़ों टीन एंजर्स शामिल है। सिरोही का कहना है कि साइबर ठगी करने के लिए नए युवकों को ट्रेनिंग भी दी जाती है। यह लोग एक टीम की तरह कॉल सेंटर की तर्ज पर काम करते हैं, जो उन्हें ट्रेनिंग में सिखाया जाता है।

कम पढ़े लिखे होते हैं साइबर ठग

रोहतक के गांधी कैंप के रहने वाले सुरेश नेहरा के पास एक फोन आया। फोन करने वाले ने कहा कि उनके एटीएम कार्ड की अवधि समाप्त हो चुकी है और नया एटीएम कार्ड बनेगा। सुरेश समझ गए कि फाेन करने वाला ठग है। इसलिए, उन्होेंने कहा कि वह फोन को कट न करे और बताए कि वह ऐसा काम क्यों करते हैं। इस ठग ने पूरी विस्तार से सुरेश को बातें बताई।

पढ़ें : भड़के गिरिराज बोले- एक भी सीट मत जिताना, जिसकी सरकार बने उसी से काम कराना

सुरेश के अनुसार, ठग ने कहा कि वह पढ़े लिखे होने के बाद भी बेरोजगार हैं और इस कारण वे यह काम करते हैं। जब उससे पूछा गया कि वह कितना पढ़ा लिखा है तो उसने बताया कि 12वीं पास है। बातों से लग रहा था कि जैसे पोस्ट ग्रेजुएशन किया हो। सुरेश ने उसकी इस रिकॉर्डिंग को सोशल मीडिया पर भी वायरल कर दिया। किया।

ठगी के कुछ उदाहरण

मूल रूप से गांव कथूरा निवासी ओमप्रकाश ने बताया कि वह फिलहाल रोहताश नगर में परिवार के साथ रहते हैं। रोहताश सेना में सूबेदार के पद से रिटायर्ड है। उन्होंने बताया कि 14 अक्टूबर को ओमप्रकाश के मोबाइल पर अज्ञात नंबर से फोन आया। फोन करने वाले युवक ने खुद को संबंधित बैंक का अधिकारी बताया। इसके बाद आरोपी ने ओमप्रकाश से पूछा कि उन्होंने एटीएम कार्ड चालू कर लिया है या नहीं।

इस पर ओमप्रकाश ने मना कर दिया। तब आरोपी ने कहा कि उन्हें तुरंत एटीएम कार्ड चालू करना होगा। इसके बाद वह चालू नहीं हो सकेगा। फिर आरोपियों ने ओमप्रकाश से एटीएम कार्ड चालू करने की बात कहकर कार्ड का नंबर मांगा। फिर ओमप्रकाश के मोबाइल पर आये एक मैसेज का कोड पूछा।

इसी बीच ओमप्रकाश के खाते से चार हजार रुपये किसी अन्य खाते में ट्रांसफर हो गये। मैसेज पर ओमप्रकाश ने ध्यान नहीं दिया। आरोपियों ने ओमप्रकाश से दोबारा एक कोड मोबाइल पर आने की बात कहकर वह कोड भी पूछ लिया। फिर से आरोपियों ने उनके खाते से करीब पांच हजार रुपये ट्रांसफर कर लिये। इसी तरह की कई घटनाएं सामने आई हैं।

'' तीन माह में रोहतक में लगभग 38 मामले ठगी के दर्ज हो चुके हैं। यह सही बात है कि ठगों की लोकेशन झारखंड या फिर कोलकता जैसे शहरों की मिलती है।1

-एसआइ सुरेंद्र, साइबर सेल के इंचार्ज।

पढ़ें : युवक रात में किशोरी के बिस्तर में घुस गया, मां जाग गई तो...


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.