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    जाट आंदोलन : एडीजीपी ने कहा, हिंसा के दोषियों की हर हाल में होगी गिरफ्तारी

    By Test1 Test1Edited By:
    Updated: Wed, 22 Jun 2016 04:01 PM (IST)

    यशपाल मलिक भले ही सरकार के आश्ववासनों पर खुश हो रहे हों मगर एडीजीपी का कहना है कि हिंसा के दोषियों को बख्शा नहींं जाएगा।

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    जागरण संवाददाता, रोहतक। भले ही यशपाल ने यह समझाकर धरने खत्म कर दिए हों कि आगे आंदोलनकारियों की गिरफ्तारी नहीं होगी और उनकी सभी मांगें मान ली गई हैं। मगर इस मामले में एडीजीपी (कानून एवं व्यवस्था) अकील मोहम्मद का कहना है कि हिंसा के दोषियों की हर हाल में गिरफ्तारी होगी।

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    उन्होंने कहा कि सरकार ने फरवरी में हुई हिंसा में मरने वाले नौ लोगों को निर्दोष माना है, बाकी लोग दोषी पाए गए हैं। अब सवाल यह है कि सरकार ने यशपाल मलिक की मांगों को माना भी है या नहीं। एडीजी यहां कैनाल रेस्ट हाउस में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

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    आसान नहीं है मुकदमे वापसी की राह

    एडीजीपी अकील मोहम्मद ने साफ कहा कि फरवरी माह में हुई हिंसा में जो मुकदमे दर्ज हुए थे, वह ऐसे ही वापस नहीं होंगे। इसके लिए लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। इसलिए मुकदमों की संबंध में ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट को पल-पल की रिपोर्ट पुलिस की तरफ से भेजी जा रही है।

    हिंसा में मारे गए 30 में से 9 लोग निर्दोष

    एडीजीपी ने कहा कि फरवरी माह में आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में प्रदेश में 30 लोगों की मौत हुई। इस पर सरकार के आदेश पर जांच की गई, जांच में नौ लोगों को निर्दोष माना गया है। बता दें कि हिंसा के वक्त रोहतक पहुंचे सीएम ने बयान दिया था कि जो निर्दोष लोग मरे हैं, उनके परिवारों को ही मुआवजा दिया जाएगा। इससे साफ है कि केवल नौ लोगों को ही मुआवजा दिया जाएगा।

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    यशपाल के देशद्रोह के मुकदमे की चल रही जांच

    एडीजीपी ने यशपाल मलिक की गिरफ्तारी को लेकर कहा कि उनके खिलाफ भले ही देशद्रोह का मुकदमा दर्ज हो गया हो, लेकिन गिरफ्तारी जांच के बाद ही की जाएगी। अभी उनके मुकदमे के संबंध में जांच चल रही है। इसकी जांच के लिए बेहतर अफसरों की नियुक्ति की गई है।

    वित्तमंत्री प्रकरण में जारी रहेगी गिरफ्तारी

    एडीजीपी ने मंगलवार को साफ किया कि प्रदेश के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु की कोठी जलाने के मामले में जिन 40 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। उनकी गिरफ्तारी पहले भी होती रही है और आगे भी होती रहेगी। पुलिस आंदोलन को लेकर व्यस्त हो गई थी, इसलिए पुलिस ने गिरफ्तारी नहीं की। अब आंदोलन खत्म हो गया है, इसलिए गिरफ्तारी की जाएगी।

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