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    दिल्ली के मरीजों ने बढ़ाया हरियाणा में संक्रमण का खतरा, जांच के लिए पहुंच रहे PGIMS

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Thu, 04 Jun 2020 09:32 AM (IST)

    दिल्ली के कोरोना संक्रमित मरीजों ने हरियाणा के लिए खतरा बढ़ा दिया है। दिल्ली से रोजाना मरीज जांच के लिए पीजीआइएमएस रोहतक पहुंच रहे हैं।

    दिल्ली के मरीजों ने बढ़ाया हरियाणा में संक्रमण का खतरा, जांच के लिए पहुंच रहे PGIMS

    रोहतक [ओपी वशिष्ठ]। दिल्ली में कोरोना वायरस की जांच में अधिक समय लगने के कारण लोग पंडित भगवत दयाल शर्मा पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट आफ हेल्थ साइंस (PGIMS) में पहुंच रहे हैं। दिल्ली के मरीजों के यहां पहुंचने से एक तो हरियाणा के मरीजों की रिपेार्ट में देरी हो रही है, वहीं कोरोना संक्रमण का खतरा भी हो रहा है। PGIMS प्रबंधन इसको लेकर पूरी तरह से गंभीर हो गया है।

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    PGIMS रोहतक में रोजाना दिल्ली से 10 से 15 मरीज कोविड-19 टेस्ट करवाने आ रहे हैं। दिल्ली से यहां जांच कराने के पीछे कारण कई हैं, लेकिन जो सबसे अहम माना जा रहा है, वो टेस्ट की रिपोर्ट का जल्दी मिलना है। दिल्ली से यहां टेस्ट करवाने पहुंचे कई मरीजों ने दावा किया है कि वहां रिपोर्ट आने में 72 घंटे का समय लग जाता है, क्योंकि वहां कोविड पॉजिटिव मरीज अधिक आ रहे हैं, जिसके कारण उनके संपर्क में आने वाले लोगों की सैंपलिंग ज्यादा हो रही है। दूसरा एक कारण यह भी सामने आया है कि अस्पतालों से कोरोना संक्रमण फैलने के ज्यादा मामले हैं। रोहतक में शुरुआती चरण में जितने भी कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए, उनका संपर्क दिल्ली से रहा है।

    सीमा सील होने पर कैसे पहुंच रहे दिल्ली के लोग रोहतक

    राज्य सरकार ने दिल्ली की सीमाओं को सील किया है। अब भी सीमाओं पर सख्ताई है, लेकिन इसके बावजूद दिल्ली के लोग पीजीआइएमएस रोहतक में कोविड टेस्ट करवाने पहुंच रहे हैं। इससे तो सीमाओं पर सुरक्षा में चूक है। सैंपल देने के बाद वापस दिल्ली मरीज पहुंच जाते हैं। ऐसे में पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद करीब 60 किलोमीटर का सफर तय किया जाता है, जिससे संक्रमण फैलने की ज्यादा संभावना रहती है।

    आंकड़ों को लेकर दुविधा में स्वास्थ्य विभाग

    पीजीआइएमएस में टेस्ट करवाने के बाद मरीज वापस दिल्ली गया या रोहतक में ही किसी परिचित के पास रूक गया। इसका पता लगाने में भी बाद में स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से मरीज पर ही आधारित रहता है। ऐसे में मरीज गुमराह भी कर सकता है। हालांकि जांच रिपोर्ट आने के बाद जिस जिला व प्रदेश का मरीज होगा, उसे वहीं का माना जाएगा, लेकिन कई बार मरीज गलत पता भी दर्ज करवा देते हैं, जिसके कारण उसे ट्रेस करना मुश्किल हो सकता है।

    संक्रमण का खतरा 

    पीजीआइएमएस के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. वरूण अरोड़ा का कहना है कि में रोजाना 10 से 15 मरीज कोविड टेस्ट करवाने के लिए दिल्ली से पहुंच रहे हैं। इससे सैंपल अधिक हो जाते हैं, जिसके कारण रिपोर्ट आने में देरी हो रही है। साथ ही, दिल्ली के मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आने से कोरोना संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है।

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