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    जाट आंदोलन: सरकार से समझौता वार्ता में बनने के बाद बिगड़ गई बात

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Fri, 17 Mar 2017 08:31 PM (IST)

    जाट आंदोलन को लेकर समझाैता वार्ता में बात बनने के बाद बिगड़ गई। वर्तमान हालात में सरकार और जाट नेताओं के बीच दूरी पैदा हो गई लगती है।

    जाट आंदोलन: सरकार से समझौता वार्ता में बनने के बाद बिगड़ गई बात

    जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में जाट आंदोलनकारियों के धरने खत्म किए जाने के मुद्दे पर शुक्रवार को चंडीगढ़ से लेकर दिल्ली तक दिन भर हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा। बृहस्पतिवार को लग रहा था कि बात बन गई, लेकिन शुक्रवार को बिगड़ती नजर आई। पानीपत में जाट आंदोलनकारियों से हुई समझौता वार्ता के बाद शुक्रवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल, संसदीय कार्यमंत्री रामबिलास शर्मा और जाट नेता यशपाल मलिक की तीन अलग-अलग प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई, जिनमें एक दूसरे पर जमकर आरोप लगाए गए।

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    मुख्यमंत्री से वार्ता और उसके बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जाट नेता दिल्ली पहुंचे, जबकि मुख्यमंत्री पहले नारनौल, फिर पंचकूला व चंडीगढ़ में अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों में व्यस्त रहे। पानीपत में जाट नेताओं से बातचीत करने वाले संसदीय कार्यमंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जाटों के साथ समझौता होने का दावा किया तो रोहतक में यशपाल मलिक ने सरकार पर समझौते के नाम पर धोखा करने का आरोप लगा दिया।

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    यशपाल मलिक ने कहा कि मुख्यमंत्री से बातचीत के बाद दिल्ली में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस होनी थी, लेकिन मुख्यमंत्री नहीं आए। यह सरासर धोखा है। सरकार हमें मूर्ख बना रही है। उधर, चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री ने पूरे घटनाक्रम से अनभिज्ञता जताते हुए प्रो. रामबिलास शर्मा के नेतृत्व वाली मंत्रियों की कमेटी व जाट नेताओं के बीच पानीपत में हुए लिखित समझौते की प्रति को सार्वजनिक किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी जाट नेताओं के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस तय नहीं थी।

    पानीपत में संसदीय कार्यमंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा, राज्य मंत्री कृष्ण कुमार बेदी तथा सीपीएस डाॅ. कमल गुप्ता के साथ जाट नेताओं की हुई बैठक के बाद खबरें आई कि सभी मांगों पर सहमति हो चुकी है और शुक्रवार को दिल्ली में मुख्यमंत्री तथा जाट आंदोलनकारियों के बीच फाइनल बैठक होगी। उसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जाएगा, जिसमें धरने उठाने का एलान होगा।

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    शुक्रवार को ऐसा बिल्कुल नहीं हुआ। मुख्यमंत्री दिल्ली से चंडीगढ़ लौट आए। इस बीच प्रो. रामबिलास शर्मा ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया कि सरकार व जाटों के बीच सहमति बन चुकी है। सरकार ने सभी मांगें मान ली और जल्द ही धरने हट जाएंगे। यशपाल मलिक को रामबिलास की यह बात नागवार गुजरी।

    मलिक ने रोहतक में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि समझौते के नाम पर धोखा किया गया है। मुख्यमंत्री से बात करने का भरोसा दिया गया, मगर मुख्यमंत्री नहीं आए। अब जाट समुदाय के लोग अपने साथ हुए धोखे के कारण दिल्ली कूच को तैयार हैैं।

    मुख्यमंत्री ने चंडीगढ़ में कहा कि उन्हें संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस की कोई जानकारी नहीं है। बृहस्पतिवार रात को रामबिलास शर्मा से उनकी बात हुई। उन्होंने भी ऐसी कोई सूचना नहीं दी, क्योंकि दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस उन्हें ही करनी थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि केवल मुलाकात या बातचीत नहीं होने के आधार पर किसी समझौता वार्ता को रुकने नहीं दिया जाएगा। जाट नेता जब चाहें उनके साथ मुलाकात कर सकते हैं।

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    मैं असहाय नहीं, न दबा हूं और न ही दबूंगा : मनोहर लाल

    मुख्यमंत्री का ध्यान जब जाट आरक्षण मामले में फेल हो रहे सीआइडी तंत्र की तरफ दिलाया गया तो उन्होंने कहा कि प्रशासन अपने तरीके से अपना काम कर रहा है। अगर किसी को गलतफहमी है तो निकाल दे। मैं असहाय नहीं हूं। सरकार को जिस भी मामले में जो भी कदम उठाने चाहिए, वह उठाए जा रहे हैं। सरकार के लिए प्रदेश के सभी लोग, सभी जातियां एक समान हैं। वह न किसी से दबे हैं और न ही दबेंगे।