जाट आंदोलन: बातचीत के रास्ते हुए बंद, केंद्र सरकार कर सकती है मध्यस्थता
जाट आंदोलन को लेकर हरियाणा सरकार और जाट नेताओं के बीच फिलहाल वार्ता की संभावना नहीं है। एेेसे में अब केंद्र सरकार मामले को सुलझाने में मध्यस्थता कर सकती है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार और जाट नेताओं के बीच वार्ता के रास्ते फिलहाल बंद नजर आ रहे हैं। सरकार अौर जाटों की वार्ता विफल होने के बाद जाट आरक्षण आंदोलन नाजुक मोड़ पर है। आंदोलनकारियों और सरकार में फिलहाल बातचीत की संभावनाएं लगभग खत्म हो गई हैं। दूसरी आेर, हालात को देखते हुए केंद्र सरकार मामले के समाधान आैर जाट आंदोलन काे समाप्त कराने के लिए मध्यस्थता कर सकती है।
सरकार और जाट वार्ता में गतिरोध के लिए एिक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जहां दोहराया कि बातचीत के लिए सरकार के दरवाजे खुले हैं, वहीं संघर्ष समिति के प्रधान यशपाल मलिक ने फिर कहा है कि हमारे साथ धोखा हुआ है। अब प्रदेश सरकार से कोई बातचीत नहीं होगी।
मामले को सुलझाने के लिए केंद्रीय मंत्री संजीव बाल्यान कर सकते मध्यस्थता
जाट आरक्षण आंदोलन प्रदेश सरकार के गले की फांस बनता जा रहा है। शुक्रवार को चंडीगढ़, दिल्ली व रोहतक में दिनभर चले हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद सरकार और जाटों में टकराव के हालात लगातार बढ़ते जा रहे हैं। दो दिन पहले पानीपत में हुई वार्ता के बाद सब कुछ सामान्य होने का दावा किया गया था, लेकिन अगले ही दिन पूरा मामला बिगड़ गया और जाटों ने धरने समाप्त करने से इन्कार कर दिया। शनिवार को भी शीर्ष स्तर पर इस मुद्दे पर मंथन किया जाता रहा।
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हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद जाट आंदोलनकारी दिल्ली कूच पर अड़े
यशपाल मलिक ने पत्रकारों से बातचीत में साफ कर दिया कि प्रदेश सरकार के साथ जाट समुदाय किसी तरह की बात नहीं करेगा। वे 20 मार्च के दिल्ली कूच की तैयारी में लगे हुए हैं। उन्होंने गेंद केंद्र के पाले में डालते हुए कहा कि अगर केंद्र सरकार का कोई मंत्री मध्यस्थता करते हुए बातचीत करना चाहेगा तो उस पर विचार किया जा सकता है। सूत्रों की मानें तो केंद्र सरकार दिल्ली कूच से पहले ही केंद्रीय मंत्री संजीव बाल्यान को यह विवाद सुलझाने की जिम्मेदारी सौंप सकती है।
सांसद राजकुमार सैनी की बयानबाजी फिर शुरू
दूसरी तरफ इस पूरे विवाद में भाजपा सांसद राजकुमार सैनी फिर से सुर्खियों में आ गए हैं। सैनी ने दावा किया है कि उन्होंने दो दिन पहले दिल्ली में हुई कोर कमेटी की बैठक में इस बात का विरोध किया था कि सरकार को जाटों से कोई वार्ता नहीं करनी चाहिए। प्रदेश सरकार उनकी जायज मांगें पहले ही मान चुकी है और वह केवल दबाब की राजनीति कर रहे हैं।
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माना जा रहा है कि राजकुमार सैनी के साथ अन्य गैर जाट नेता भी सरकार पर इस बात के लिए दबाव बना रहे हैं कि आंदोलनकारियों से सीधे बात न की जाए। मुख्यमंत्री के आधार पर संसदीय कार्य मंत्री रामबिलास शर्मा उनसे बात कर चुके और जाट ही वार्ता से पीछे हटे हैं।
आज से दिल्ली कूच शुरू कर देंगे आंदोलनकारी
एक तरफ हरियाणा सरकार जाटों से निपटने की तैयारी में लगी हुई है तो वहीं जाटों ने भी अपनी रणनीति तैयार कर ली है। जाट आरक्षण संघर्ष समिति के बैनर तले रविवार दोपहर से ही दिल्ली कूच शुरू हो जाएगा। पुरुष जहां दिल्ली में मोर्चा संभालेंगे वहीं हरियाणा में चल रहे धरनों पर महिलाएं मोर्चा संभालेंगी।
देखें तस्वीरें: जाटों का आंदोलन जारी, बना रहे दिल्ली कूच की रणनीति
महिलाओं को रविवार से ही धरनों का प्रभार सौंप दिया जाएगा। वहीं, जाटों के दिल्ली कूच को लेकर सरकार भी तैयारियों में जुट गई है। अधिकारियों की छुट्टियां रद कर उन्हें फील्ड में उतारा गया है। दिल्ली सीमा पर भारी सुरक्षा बलों की तैनाती के साथ ही आसपास के इलाकों में पुलिस जवानों ने मोर्चा संभाल लिया है।
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