डेरा प्रमुख की पेशी पर अफसरों ने बढ़ाई सरकार की परेशानी, रिपोर्ट से पैदा हुई गफलत
सरकार ने संकेत दिया था कि बाबा सीबीआइ कोर्ट में पेश हो सकते हैं। वहीं डेरा सच्चा सौदा ने सरकार या उसके किसी भी प्रतिनिधि के साथ ऐसी कोई बात होने से इन्कार कर दिया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख की सीबीआइ कोर्ट में पेशी को लेकर अधिकारियों ने सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी है। अधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने संकेत दिया था कि बाबा शुक्रवार को पंचकूला सीबीआइ कोर्ट में पेश हो सकते हैैं। वहीं डेरा सच्चा सौदा ने सरकार अथवा उसके किसी भी प्रतिनिधि के साथ ऐसी कोई बात होने से साफ इन्कार कर दिया है।
अधिकारियों की वजह से सरकार और डेरे के बीच बनी इस गफलत के कारण राज्य में अजीब हालात पैदा हो गए हैैं। प्रदेश सरकार ने गुरुग्राम से बुलाकर सिरसा में विशेष ड्यूटी पर लगाए गए आइएएस अधिकारी वी उमाशंकर को इस मामले से अलग कर दिया है। तीन दिन पहले ही उमाशंकर को सिरसा में तैनात किया गया था। उमाशंकर 2007 में सिरसा में डीसी रह चुके हैैं।
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सरकार और डेरा प्रतिनिधियों के बीच गफलत मुख्यमंत्री के उस बयान से बनी, जिसमें उन्होंने संकेत दिया है कि शुक्रवार को डेरा प्रमुख सीबीआइ कोर्ट पंचकूला में पेश हो सकते हैैं। यह बयान नेशनल मीडिया पर भी चला, जिसके बाद डेरा प्रवक्ता आदित्य इंसा ने कहा कि हमारे साथ किसी अधिकारी अथवा सरकार के प्रतिनिधि की कोई बातचीत नहीं हुई है। ऐसा प्रचार करना उचित नहीं है।
डेरे की प्रतिक्रिया आने के बाद सरकार ने जब संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया तो स्थिति स्पष्ट हुई, जिसके बाद उन्हें डेरा मामले से अलग कर दिया गया है। दूसरी तरफ राज्य सरकार ने कुछ विशेष मंत्रियों को डेरा समर्थकों को समझाने के लिए अधिकृत किया है। डेरा प्रतिनिधियों के साथ सरकार के लोगों की बातचीत चल रही है, मगर अभी कोई बोलने को तैयार नहीं है।
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