खेमका ने अब किया एलटीसी घोटाले का खुलासा, बड़े अफसर निशाने पर
हरियाणा के वरिष्ठ अाइएएस अफसर डा. अशोक खेमका ने अब एलटीसी घोटाले का खुलासा किया है। उन्होंने इसमें वरिष्ठ अफसरों पर निशाना साधा है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के वरिष्ठ अाइएएस अफसर डा. अशोक खेमका ने अब नया धमाका किया है। उन्होेंने एलटीसी घोटाले का खुलासा किया है। एलटीसी (लीव ट्रैवल कन्सेशन) यानी अवकाशकालीन यात्रा रियायत को लेकर छिड़े विवाद के बीच खेमका खुलकर सामने आ गए हैं।
मुख्य सचिव को पत्र लिखकर उन्होंने पूछा है कि कैसे राज्य सरकार के एक चहेते अफसर को कुरुक्षेत्र से चंडीगढ़ के बीच एलटीसी के रूप में चार लाख रुपये से अधिक का भुगतान कर दिया गया, जबकि इस पर अधिकतम खर्च 500 रुपये ही बैठते हैं। उन्होंने एलटीसी के मामले में कई अधिकारियों पर भी सवाल उठाए हैं।
कहा, चहेते अफसर को 500 रुपये के खर्च पर एलटीसी के रूप में कैसे चार लाख रुपये मिले
खेमका ने पत्र में उन अधिकारियों को भी बेनकाब करने की बात कही जो बिना पुख्ता प्रमाणों के एलटीसी ले गए। उन्होंने कुरुक्षेत्र निवासी एक पूर्व आइएएस अधिकारी का उदाहरण दिया कि कुरुक्षेत्र से चंडीगढ़ के बीच यात्रा का अधिकतम खर्च 500 रुपये है, लेकिन इस अधिकारी को सरकार ने चार लाख 16 हजार 443 रुपये अदा कर दिए।
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कहा, बिना पुख्ता प्रमाणों के एलटीसी लेने वाले अधिकारियों को करेंगे बेनकाब
उन्होंने पत्र में लिखा है कि यह रकम 19 जून 2009 से 31 मई 2016 के बीच तीन बार में दी गई। वर्ष 2009-10 में 89,243 रुपये, 2014-15 में 1,52,000 और 2015-16 में 1,75,200 रुपये दिए गए। इस तरह उक्त अधिकारी को सरकार ने नियमों को दरकिनार कर लाभ दिया है।
खेमका के इस रुख से एक बार फिर उनके सरकार से टकराव के आसार बन गए हैं। अपनी मां की एलटीसी की राशि वापस मांगने से आहत खेमका ने सरकार को लिखे लंबे चौड़े पत्र में यह भी उजागर किया कि तिहाड़ जेल में बंद दो सजायाफ्ता आइएएस अधिकारियों को एलटीसी के रूप में एक माह की तनख्वाह दे दी गई, जबकि उनकी मां के जायज मामले में पूर्व सरकार के दौरान की गई भुगतान राशि को भी वापस मांगा जा रहा है। वह भी तब जब उन्होंने मात्र अपनी मां की यात्रा का खर्च लिया था।
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उन्होंने कहा कि उनकी मां को कोलकाता ले जाने और चंडीगढ़ वापस लाने के दौरान कुल छह टिकटों का खर्च हुआ, जबकि उन्होंने तो सिर्फ अपनी मां की यात्रा का खर्च मांगा था। पत्र में खेमका ने कहा कि उनकी एलटीसी को कैंसिल करने का मामला अब बहुत विलंबित हो चुका है। इस मामले में सरकार ने चिकित्सीय आवश्यकताओं को भी नजरअंदाज किया।
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