धरने पर डटे हैं जाट, यशपाल ने कहा-सभी मांग पूरी होने तक जारी रहेगा आंदोलन
हरियाणा में जाट आरक्षण आंदाेलन 13वें दिन भी जारी रहा। जाट नेता यशपाल मलिक ने कहा है कि सभी मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा।
जेएनएन, चंडीगढ़। सरकार और जाट नेताओं के बीच वार्ता की चर्चा के बीच हरियाणा में जाटों का आंदोलन जारी है। राज्य में राेहतक के जसिया, हिसार के रामायण गांव, कैथल के देवबन कैंची गांव सहित विभिन्न स्थानों पर जाटों का धरना 13वें दिन भी जारी रहा। आंदोलनकारियों की अन्य दिनों की अपेक्ष आज संख्या काफी बढ़ी। उनमें कल पानीपत में होनेवाली वार्ता के बारे में जानकारी हासिल करने की उत्सुकता नजर आई। दूसरी आेर, जाट नेता यशपाल मलिक ने कहा कि सरकार जब तक जाटों की सभी मांगें नहीं मान लेती आंदोलन समाप्त नहीं होगा।
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यमुनानगर की जगाधरी अनाजमंडी में चल रहे जाटों के धरने में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि सरकार जब तक जाटों की एक-एक मांग नहीं मान लेती, हरियाणा के किसी भी जिले में धरना समाप्त नहीं होगा। जाटों की मांगें जायज हैं क्योंकि पिछले साल जाट आरक्षण आंदोलन के समय जो हिंसक घटनाएं हुई हैं, वह जाट समुदाय ने नहीं बल्कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने की थी।
जाट आंदोलन के दौरान धरने में शामिल होते यशपाल मलिक।
उन्होंने कहा कि उस समय हुई हिंसक घटनाओं के जिम्मेदार सांसद राजकुमार सैनी जैसे नेता हैं। ये नेता दो वर्षों से जो बयान देते रहे हैं उनकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मसले पर सरकार ने कल बातचीत के लिए पानीपत में बुलाया है और हर जिले से पांच-पांच आंदाेलनकारी बातचीत में शामिल होंगे।
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उन्होंने कहा कि तीन बार पहले भी सरकार बात कर चुकी है और उनकी मांगें भी मान ली गई थी, लेकिन अब तक जाट समुदाय को सिवाय आश्वासन के कुछ भी नहीं मिला। ऐसे में इस बार प्रदेश में जाटों का आंदोलन सभी मांगें माने जाने और उसे लागू किए जाने के बाद ही समाप्त होगा।
उधर पानीपत के उग्राखेड़ी गांव में भी जाट शुक्रवार को धरने पर डटे रहे। इस मौक पर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के प्रदेश प्रवक्ता रामभगत मलिक ने धरना दे रहे लोगों को कल होनेवाली वार्ता के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वार्ता में हमारी मांगों को मान लिया जाता है तो धरना समाप्त कर देंगे, नहीं तो धरनों की संख्या बढ़ा दी जाएगी।
कैथल के देवबन कैंची में धरना देते लोग।
राज्य में हिसार के रामायण गांव में शुक्रवार को काफी संख्या मे लोग अाए। इनमे महिलाओं की संख्या खासी थी। इस दौरान आंदोलनकारियों ने जमकर नारेबाजी की। कैथल के देवबन कैंची गांव और रोहतक के जसिया गांव में भी हजारों की संख्या में जाट धरने में शामिल हुए। जींद के इक्कस गांव में दिए जा रहे ध्ारने में भी काफी संख्या में लोग शामिल हुए। इन जगहों पर महिलाएं बड़ी तादाद में महिलाएं धरनों में आईं।
अशोक तंवर ने वार्ता के लिए गइित अफसरों की कमेटी पर उठाए सवाल
उधर, सिरसा में कांग्रेस के प्रदेश प्रधान अशोक तंवर ने प्रदेश सरकार द्वारा जाट आंदाेलनकारियों से बातचीत के लिए गठित अधिकारियों की कमेटी पर सवाल उठाए। पत्रकारों से बातचीत में तंवर ने कहा इस कमेटियों में अधिकारियों की जगह जनता के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाना चाहिए था। जनप्रतिनिधि लोगों से बेहतर संवाद कर सकते हैं। इस कमेटी का औचित्य नहीं है। उन्होंने इनेलो पर भी निशाना साधा। तंवर ने कहा इनेलो एसवाइएल मामले पर स्टंटबाजी कर रहा है।
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उन्होंने कहा कि जाट आंदोलन के मामले में सरकार अधिकारियों की कमेटी बनाकर इस मामले में अपनी ज़िम्मेदारी से बच रही है। सरकार ऐसा कर इस मामले में लीपापोती कर रही है। जनता इस खेल को अच्छी तरह समझती है।
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