जाट और सरकार दोनों तैयार, आंदोलन जल्द समाप्त होने के आसार
जाट आंदोलन जल्द समापत हाेने की संभावना है। मनोहर लाल सरकार जाट आंदोलनकारियों की मांगें मानने को तैयार है और उनके बीच जाकर वार्ता के लिए भी सहमत हो गई है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन जल्द समाप्त हाेने के आसार हैं। सरकार और आंदोलनकारियों के बीच आज या शनिवार को वार्ता हो सकती है। सरकार ने धरनास्थलों पर वार्ता की शर्त आंदोलनकारियों की शर्त को मान लिया है। मुख्य सचिव डीएस ढेसी के नेतृत्व वाली कमेटी जाट आंदोलनकारियों के बीच जाकर वार्ता करने को तैयार है। बताया जाता है कि सरकार ने यह पहल उत्तर प्रदेश के विधानसभा सभा चुनाव से पहले इस मामले के हल के लिए की है। सरकार जाट आंदोलनकारियों की लगभग सभी मांगें मानने को तैयार है।
भाजपा आलाकमान का दबाव बढ़ा, उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले जाटों को साधने में जुटी सरकार
सरकार की कोशिश है कि उत्तर प्रदेश में मतदान से पहले माहौल को अनुकूल कर लिया जाए। मनोहर सरकार पर भाजपा हाईकमान का भी दबाव बना हुआ है। सरकार पर दबाव है कि वह उत्तर प्रदेश के चुनाव के पहले चरण से पहले ही आंदोलनकारियों से बातचीत करे, ताकि भाजपा को किसी तरह का नुकसान न हो सके।
यह भी पढ़ें: भाकियू ने दिया जाट आंदोलन को समर्थन, धरनों में भारी भीड़
आंदोलनकारियों से वार्ता के लिए मनोहरला सरकार ने मसौदा तो तैयार कर लिया, लेकिन वार्ता की जगह अभी तय नहीं हुई है। वैसे समझा जाता है कि रोहतक के जसिया मे यह वार्ता हो सकती है। गृह सचिव रामनिवास ने कहा कि जिस किसी को बातचीत करनी है, वह मुख्य सचिव कार्यालय में अवगत करा दे, ताकि बातचीत का समय और स्थान तय किया जा सके।
चंडीगढ़ में बातचीत का प्रस्ताव खारिज, रोहतक के जसिया में वार्ता की पेशकश
उधर, अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने चंडीगढ़ में बातचीत करने के सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। इसके बाद सरकार की ओर से यह पहल की गई है। लिहाजा माना जा रहा कि बातचीत रोहतक के जसिया में हो सकती है। कर्मचारियों के मसले सुलझाने में माहिर एक गैर जाट मंत्री ने दोनों पक्षों को नजदीक लाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। हालांकि सरकार ने सभी मंत्री फील्ड में उतार रखे हैैं और वे अपने-अपने ढंग से माहौल को अनुकूल करने के प्रयासों में जुटे हुए हैं।
यह भी पढ़ें: जाट आंदोलन: गैर जाट भाजपा विधायकों ने बढ़ाई सरकार की मुश्किलें
सरकार द्वारा गठित चार आइएएस और एक आइपीएस अधिकारी की कमेटी तमाम उन मांगों पर मंथन करने में जुटी रही, जिन्हें पूरी करने के लिए आंदोलनकारी दबाव बना रहे हैैं। मुख्य सचिव डीएस ढेसी के नेतृत्व वाली इस कमेटी की बृहस्पतिवार को पहली बैठक में बातचीत के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा कर ली गई है।
सरकारी पक्की नौकरी देने की संभावना
सरकार फरवरी के आंदोलन में मारे गए 31 लोगों के परिजनों को सरकारी नौकरी देने को तैयार हो चुकी है। हालांकि डीसी रेट या कांट्रेक्ट आधार पर नौकरी देने की पेशकश पहले भी की गई थी लेकिन जाट आंदोलनकारियों द्वारा पक्की नौकरी की मांग की जा रही है।
सीबीआइ केस छोड़कर बाकी मुकदमे वापस होंगे
पिछले साल आंदोलन के दौरान हिंसा के लिए दर्ज पुलिस केस समाप्त किए जाने के मामले में सरकार कानूनी विशेषज्ञों से विचार-विमर्श करने में जुटी है। जिन लोगों पर सीबीआइ केस हैं, उन्हें छोड़कर बाकी मुकदमे वापस लिए जा सकते हैैं। करीब 69 लोग जेलों में बंद हैैं। 21 लोग ऐसे हैैं, जिनके खिलाफ सीबीआइ जांच चल रही है।
नौवीं अनुसूची के लिए केंद्र को लिखेंगे पत्र
जाट आरक्षण के लिए हाईकोर्ट में मजबूत पैरवी करने का भरोसा भी सरकार आंदोलनकारियों को दिलाएगी। साथ ही हाईकोर्ट का फैसला पक्ष में आने पर आरक्षण को नौवीं अनुसूची में डालने के लिए केंद्र को पत्र लिखा जा सकता है।
19 को 'बलिदान दिवस' मनाएंगे जाट
दूसरी आेर, अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने 19 फरवरी को सभी धरना स्थलों पर 'बलिदान दिवस' मनाने का एलान कर दिया है। धरना स्थलों का नाम भी 'जाट न्याय धरना' रख दिया गया है।
उत्तर प्रदेश में भाजपा के खिलाफ जुटे मलिक
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले फेज के मतदान में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की अधिकतर सीटें शामिल हैं। यह जाट बाहुल्य इलाका है। जाट नेता यशपाल मलिक ने मेरठ व मुजफ्फरनगर का दौरा किया है ओर भाजपा के खिलाफ प्रचार किया।
--------
'' हमारी कोशिश जल्द वार्ता कर आंदोलन को खत्म कराने की है। अभी तक जगह तय नहीं हुई। अधिकारियों और आंदोलनकारियों की रजामंदी से जगह तय होगी। पांच सदस्यीय कमेटी की पहली बैठक में तमाम मसलों पर चर्चा की गई। हमने सभी को मीडिया के जरिए बातचीत के लिए खुला आमंत्रण दिया है।
- रामनिवास, अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह विभाग, हरियाणा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।