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    जाट आऱक्षण : हाईकोर्ट का रोक हटाने से इनकार

    By Test1 Test1Edited By:
    Updated: Mon, 20 Jun 2016 05:00 PM (IST)

    पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने जाट आरक्षण पर रोक हटाने से इनकार कर दिया है। हाईकोर्ट की वेकेशन बेंच ने कहा हम सुनवाई नहीं कर सकते क्योंकि काम का बोझ ज्यादा है।

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    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने जाट आरक्षण पर रोक लगाई गई रोक हटाने से इन्कार कर दिया है। हाईकोर्ट की अवकाशकालीन बेंच ने सोमवार को हरियाणा सरकार की अपील पर सुनवाई की। पीठ ने कहा कि इस मामले पर सुनवाई नियमित पीठ करेगी।

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    वेकेशन बेंच ने कहा- काम का बोझ, नियमित बेंच देखे मामला

    अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि उस पर काम का बोझ है, इसलिए इस केस पर नियमित पीठ ही सुनवाई करे। हरियाणा सरकार ने पीआईएल पीठ द्वारा जाट आरक्षण पर रोक लगाने के बाद अर्जी दाखिल करते हुए वर्तमान में चल रही विभिन्न विभागों की भर्ती और शिक्षण संस्थानों की प्रवेश प्रक्रिया का हवाला देते हुए आरक्षण पर लगी रोक हटाने की अपील की थी।

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    सोमवार को मामले की सुनवाई आरंभ होते ही हरियाणा सरकार की ओर से एक बार फिर आरक्षण से रोक हटाने की अपील की गई। सरकार ने कहा की विधानसभा में बिल लाकर जाट आरक्षण के लिए कानून बनाया गया है ऐसे में इसकी कानूनी वैधता को चुनोती नहीं दी जा सकती है।

    नियुक्ति प्रक्रिया रुकने का हवाला दिया

    साथ ही हाईकोर्ट से अपील करते हुए सरकार ने कहा की रोक के आदेशों के चलते हजारों नियुक्तियों के लिए चल रही प्रक्रिया थम जाएगी साथ ही शिक्षण संस्थानों में प्रवेश की प्रक्रिया जारी है जो आरक्षण प्रावधानों के तहत होनी है। सरकार ने कोर्ट को बताया कि आरक्षण पर रोक के खिलाफ राज्य में आंदोलन चल रहे हैं।

    सरकार ने मांगी एडमिशन के लिए रोक हटाने की इजाजत

    कोर्ट से मांग की गई कि वह जाट आरक्षण के आधार पर शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश की इजाजत दे। हरियाणा सरकार की इस अपील का विरोध करते हुए याची पक्ष ने इसका विरोध किया। याची पक्ष ने कहा की हरियाणा सरकार द्वारा दिया गया आरक्षण दबाव में लिया गया फैसला है। इस फैसले की कोई कानूनी वैधता नहीं है।

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    केसी गुप्ता की रिपोर्ट को बनाया आधार

    हरियाणा सरकार ने उस केसी गुप्ता आयोग की रिपोर्ट को आधार बनाया है, जिसे सुप्रीम कोर्ट पहले ही नकार चुका है। याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से अपील की कि हरियाणा सरकार की अर्जी को ख़ारिज करते हुए आरक्षण पर रोक बरकरार रखी जाए।मामले में हरियाणा सरकार की तरफ सुप्रीम कोर्ट के वकील जगदीप धनखड़ पेश हुए। सुनवाई के दौरान कोर्ट रूम में दर्जनों से ज्यादा जाट नेता मौजूद थे।