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    हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा, जाटों को किन विशेष परिस्थितियों दिया आरक्षण

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Tue, 12 Jul 2016 01:14 PM (IST)

    पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने जाट आरक्षण मामले में सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार के फैसले पर कड़ी टिप्पणी की है। सरकार से पूछा है कि किन परिस्थितियों में आरक्षण दिया गया।

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने जाटों को आरक्षण देने के मामले पर सख्त रुख दिखाया है। हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार से पूछा कि वे क्या विशेष परिस्थियां थीं, जिकी वह से उसने जाटों को आरक्षण दिया। इसके साथ ही अदालत ने जाट आरक्षण पर लगाई रोक जारी रखा। हरियाणा सरकार द्वारा जाटों को आरक्षण देने के लिए विशेष परिस्थितियों का हवाला दिया था।

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    दो घंटे हुई सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार का पक्ष सुनने के बाद आगे की बहस के लिए हाई कोर्ट ने सुनवाई 18 जुलाई को रखी है। मामले की सुनवाई में हरियाणा सरकार की ओर से कहा गया कि जाटों को आरक्षण देने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाएं आधारहीन हैं। जाटों को किसी प्रशासनिक आदेश के माध्यम से नहीं बल्कि कानून बनाकर आरक्षण दिया गया है।

    मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए पूर्व के आदेशों पर हरियाणा सरकार ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में भौगोलिक क्षेत्र और सांस्कृतिक विभिन्नता है। ऐसे में आरक्षण का खाका पूरे देश में एक जैसा हो यह जरूरी नहीं है। सरकार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट भी इस बात को मान चुका है कि यदि सरकार किसी समुदाय विशेष को आरक्षण की जरूरत महसूस करती है तो ऐसी स्थिति में आरक्षण दिया जा सकता है।

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    आरक्षण की अधिकतम सीमा 50 फीसद होने पर भी हरियाणा सरकार ने आपत्ति जताते हुए कहा कि तमिलनाडु में 69 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था है। इस व्यवस्था को कमीशन के माध्यम से लागू किया गया है। हालांकि इसे सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया जा चुका है लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक नहीं लगाई है।

    हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार की विशेष परिस्थितियों की दलील पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि आखिर किन आधारों पर जाटों को आरक्षण दिया गया है। साथ में यह भी बताया जाए कि आखिर किन विशेष परिस्थितियों में जाटों को आरक्षण देने की जरूरत महसूस हुई है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई को 18 जुलाई के लिए टालते हुए आरक्षण पर लगी रोक को जारी रखा है।

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