डेरा प्रमुख के साथ हो रहा सामान्य कैदी जैसा व्यवहार, गार्ड ने नहीं मारा थप्पड़ : डीजीपी
डेरा मुखी पर फैसले के बाद भड़की हिंसा को लेकर हरियाणा के डीजीपी और मुख्य सचिव ने डेरा प्रकरण पर पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने पूरे मामले में सरकार का भी बचाव किया।
जेएनएन, पंचकूला। साध्वी यौन शोषण मामले में डेरा प्रमुख राम रहीम को दोषी करार दिये जाने के बाद शनिवार को हरियाणा के डीजीपी बीएस संधू और मुख्य सचिव डीएस ढेसी ने डेरा प्रकरण और हिंसा मामले में सरकार का बचाव किया। उन्होंने कहा कि जेल में बाबा के साथ सामान्य कैदी जैसा व्यवहार किया जा रहा है।
डेरा मुखी पर फैसले के बाद भड़की हिंसा को लेकर हरियाणा के डीजीपी बीएस संधू और मुख्य सचिव डीएस ढेसी ने प्रेस वार्ता में डेरा मुखी को वीआईपी ट्रीटमेंट देने से इंकार किया। उन्होंने कहा कि डेरा प्रमुख के साथ सुनरिया जेल में सामान्य कैदी की तरह व्यवहार किया जा रहा है। डीजीपी ने बाबा के सिक्योरिटी गार्ड द्वारा हरियाणा
पुलिस के आइजी रैंक के अधिकारी को थप्पड़ मारने से भी इंकार किया। डीजीपी के मुताबिक राम रहीम को पुलिस वाहन में बैठाने को लेकर थोड़ी बहस जरूर हुई थी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
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हरियाणा के मुख्य सचिव डीएस ढेसी ने बाबा को वीआइपी ट्रीटमेंट और एसी की सुविधाएं देने को अफवाह बताया। ढेसी के मुताबिक अदालत का फैसला आते ही बाबा की जेड प्लस सुरक्षा खत्म हो गई थी। पहले डेरा प्रमुख को सड़क मार्ग से ले जाना चाहते थे, लेकिन हिंसा के चलते उन्हें हेलीकॉप्टर से ले जाया गया। इसका खर्च हरियाणा सरकार ने दिया। हिंसा में मारे गए सभी लोग बाहर से हैं और डेरा प्रमुख के समर्थक हैं।
मुख्य सचिव ने कहा कि उन्होंने खुद ऑपरेशन की कमान संभाली थी और तीन घंटे के अंदर ही हालात नियंत्रण में थे। राम रहीम के 6 सुरक्षागार्ड समेत दो डेरा समर्थकों पर भी देशद्रोह का केस दर्ज किया गया। हिंसा के चलते 524 लोगों को हिरासत में लिया गया है। उन्होंने बताया कि सेना ने डेरों की घेराबंदी की, लेकिन अंदर प्रवेश नहीं किया।
उधर, डेरा प्रमुख पर फैसले के बाद भड़की हिंसा और तनाव को लेकर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मनोहर लाल सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सरकार को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। अगर राज्य सरकार ऐसा नहीं करती है तो सूबे में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए।
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