आशा वर्कर्स 24 मई को करेंगी हड़ताल, हरियाणा में हो सकती हैं स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित
Asha workers strike हरियाणा में आशा वर्कर्स अपनी मांगों को लेकर 24 मई को हड़ताल पर रहेंगी। इससे राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। आशा वर्कर्स सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली और लोगों के बीच महत्वपूर्ण कड़ी हैं।
जेएनएन, चंडीगढ़। Asha workers strike: केंद्र एवं राज्य सरकार से नाराज 19 हजार आशा वर्कर्स ने 24 मई को हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है। इस हड़ताल का आह्वान आशा वर्कर्स की राष्ट्रीय तालमेल कमेटी ने किया है। आशा वर्कर्स यूनियन हरियाणा की राज्य प्रधान प्रवेश कुमारी व महासचिव सुरेखा ने बताया कि आशा वर्कर्स सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली और लोगों के बीच महत्वपूर्ण कड़ी हैं। वे अब स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का सबसे उत्पीड़ित वर्ग बन गई हैं।
कोविड महामारी की दूसरी लहर में आशा कार्यकर्ताओं को बिना छुट्टी के कई घंटे की ड्यूटी पर रखा गया है। उन्हें सर्वेक्षण करने, मामलों की रिपोर्ट करने, संक्रमितों को चिकित्सा सहायता देने, रोगियों की निगरानी करने, ठीक होने वालों की रिर्पोटिंग, वैक्सीनेशन के लिए लोगों को जागरूक करने तथा गांव के आइसोलेशन सेंटर में नोडल अधिकारी के रूप में काम करने को कहा गया है। वे दिन में आठ से नौ घंटे तक काम कर रही हैं, जो टीकाकरण ड्यूटी के अतिरिक्त हैं।
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महासचिव सुरेखा ने बताया कि आशा वर्कर्स को संक्रमित लोगों के संपर्क में आने पर भी कोई सुरक्षा गियर नहीं दिया जाता है। यहां तक कि मास्क या सेनीटाइजर भी नहीं दिए जा रहे हैं। पिछले एक साल से अधिक समय के दौरान कई आशा वर्कर्स की कोविड-19 से मृत्यु हो गई और कई ने तनाव संबंधी जटिलताओं के कारण दम तोड़ दिया।
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दूसरी लहर में, कई आशा वर्कर्स और फ्रंटलाइन कार्यकर्ता रोजाना कोविड -19 के संक्रमण का शिकार हो रहे हैं। उनके अधिकतर परिवार 50 लाख रुपये के बहुप्रशंसित मुआवजे से वंचित हैं। उन्होंने बताया कि कई माह से कोविड-19 में काम करने के लिए एक हजार रुपये प्रति माह की प्रोत्साहन राशि का भी नियमित भुगतान नहीं किया जा रहा है। बहुत सी पीएचसी व सीएचसी पर मासिक पारिश्रमिक भी कई माह से लंबित है।
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राज्य प्रधान प्रवेश कुमारी ने बताया कि हरियाणा में कई आशा वर्कर्स को बिना किसी सेवानिवृति लाभ के ही हटा दिया गया है और अब भी यह छंटनी जारी है। बार-बार कहने के बावजूद आशा वर्कर्स की समस्याओं के प्रति सरकार अपनी लापरवाही जारी रखे हुए है।
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आशा वर्कर्स को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए सरकार
आम आदमी पार्टी के सांसद व हरियाणा के सहप्रभारी डा. सुशील गुप्ता ने कहा कि गांवों में कोरोना मरीजों की सेवा करने वाले आशा वर्कर को सुरक्षा के लिए जरूरी उपकरण, पीपीई किट, मास्क, ग्लव्स नहीं दिए जा रहे हैं। इससे न केवल उनकी जान को खतरा है, बल्कि वह अन्य लोगों तक भी संक्रमण फैला सकती हैं। इसलिए सरकार को सभी आशा वर्कर्स व अन्य कोरोना वारियर्स को जरूरी संसाधन उपलब्ध कराते हुए उनका बीमा कराना चाहिए।