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आंदोलन में मरने वाले किसानों के परिवारिक सदस्य को पंजाब में सरकारी नौकरी देने की तैयारी

कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के दौरान मरने वाले किसानों के परिवारों को राहत देने के लिए पंजाब सरकार तैयारी कर रही। पंजाब में ऐसे किसानों के पारिवारिक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की तैयारी है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 21 May 2021 06:45 PM (IST)Updated: Sat, 22 May 2021 07:13 AM (IST)
आंदोलन में मरने वाले किसानों के परिवारिक सदस्य को पंजाब में सरकारी नौकरी देने की तैयारी
पंजाब में आंदोलन में मरने वाले किसानों के पारिवारिक सदस्य को नौकरी देने की तैयारी। सांकेतिक फोटो

चंडीगढ़ [इन्द्रप्रीत सिंह]। तीन कृषि कानूनों को लेकर पिछले छह महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर धरने पर बैठे जिन किसानों का निधन हो गया है अब उनके पारिवारिक सदस्यों को पांच लाख रुपये की वित्तीय सहायता के अलावा परिवार के सदस्य को नौकरी भी दी जाएगी। इसको लेकर मंथन चल रहा है। एडिशनल चीफ सेक्रेटरी रेवेन्यू रवनीत कौर ने कल इस संबंधी में उच्चस्तरीय वर्चुअल मीटिंग की, जिसमें एडिशनल चीफ सेक्रेटरी डेवलपमेंट अनिरुद्ध तिवारी, मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी तेजवीर सिंह, डायरेक्टर एग्रीकल्चर डॉ सुखदेव सिंह सिद्धू और गुरप्रीत कौर सपरा मौजूद थीं।

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पिछले कुछ दिनाें से धरनों पर बैठे किसानों की लगातार हो रही मौतों के बाद से अब विभागीय अधिकारियों को भी यह आंकड़ा निकालने में दिक्कत आ रही है कि किस किसान की केवल एक्सीडेंट या धरने के दौरान सामान्य मौत हुई और किस किसान की कोविड से मौत हुई है। ऐसे में इनकी पहचान करना ही अपने आप में बड़ी समस्या होगी।

बैठक के दौरान इस नुक्ते पर सभी सहमत थे जिसके चलते रवनीत कौर ने डायरेक्टर एग्रीकल्चर सुखदेव सिंह सिद्धू और गुरप्रीत कौर सपरा की अगुवाई मे एक कमेटी का गठन कर दिया जो एक हफ्ते के अंदर एक ड्राफ्ट पेश करेगी, जिसमें यह सुझाव दिए जाएंगे कि किसानों का वर्गीकरण कैसे करना है और उनके परिवार में नौकरी देने के लिए चयन कैसे करना है। इस कमेटी की अगले हफ्ते फिर से मीटिंग होगी।

सूत्रों का कहना है कि 2017 के चुनाव से पहले कैप्टन सरकार ने किसानों का सारा कर्ज माफ करने का वादा किया था, लेकिन सरकार ने केवल पांच एकड़ तक के किसानों का दो लाख तक का कर्ज ही माफ किया है। ऐसे में सरकार को उम्मीद थी कि इसका 2022 के चुनाव के दौरान राजनीतिक लाभ मिलेगा, लेकिन जमीनी हालात इस ओर इशारा कर रहे हैं कि किसान सरकार से नाराज है। हालांकि पंजाब सरकार ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ स्टैंड लेकर किसानों का साथ दिया है । पंजाब विधानसभा में इन कानूनों के खिलाफ संशोधित कानून भी पारित किए गए हैं, लेकिन किसानों की नाराजगी को दूर करने के लिए अब सरकार उन्हें नौकरी देने का भी पैंतरा खेलने जा रही है।


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