आशिक मिजाज प्रोफेसर कर रहा था छात्रा से चैटिंग, विश्वविद्यालय में लगे पोस्टर
गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय में प्रोफेसर अपनी ही छात्रा से चैटिंग कर रहा था। यह चैटिंग वायरल हुई तो कालेज में इसके पोस्टर लग गए।
जेएनएन, हिसार। गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय (जीजेयू) के एक आशिक मिजाज प्रोफेसर की छात्रा के साथ की गई वाट्सएप चैटिंग वायरल हो गई। यहां तक कि कालेज में चैटिंग के अंशों का पोस्टर भी चिपका दिया गया। यह पोस्टर फार्मेसी विभाग के लगभग सभी कमरों में भी फेंके गए। मोबाइल पर हुई वाट्सएप चैटिंग का स्क्रीनशॉट भी है। इससे विश्वविद्यालय प्रशासन सकते में आ गया।
इसके वायरल होने के बाद जीजेयू में एक बार फिर लड़कियों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। पंपलेट के माध्यम से लड़कियों को खतरे के बारे में भी आगाह किया गया है। पुलिस अधीक्षक ने मामला सामने आने के बाद अपनी टीम को जांच के लिए लगा दिया है। दो स्तर पर जांच शुरू होने के बाद विश्वविद्यालय में यही मामला हर जुबान पर है।
यह भी पढ़ें: फैक्टरी मालिक रिश्तेदार की नाबालिग बेटी को बनाता रहा डेढ़ साल तक हवस का शिकार
गुजवि के फार्मेसी विभाग में पूर्व डीन के खिलाफ पंपलेट फेंके गए। इसमें लड़की के साथ उस प्रोफेसर की हुई चैटिंग का स्क्रीन शॉट लगाया गया है। प्रोफेसर पर आरोप लगाने के साथ करतूत बताने वाले का अभी पता नहीं चला, लेकिन पूरे विश्वविद्यालय में इस बात की चर्चा जोरों पर है।
यह भी पढ़ें : दो युवकों ने लड़की उठाई और कमरे में बंद कर बनाते रहे दुष्कर्म का शिकार
बता दें, उक्त प्रोफेसर पर पहले भी काफी ऐसे आरोप लग चुके है। लड़की की सुरक्षा पर सवाल खड़े होने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन पर इस पर सख्त रवैया अपनाते हुए रजिस्ट्रार ने पांच सदस्य कमेटी बनाई है। इसमें महिला प्रोफेसर को भी रखा गया है। यह कमेटी तीन से चार वर्किंग दिनों में अपनी जांच की रिपोर्ट प्रशासन को देगी।
यह भी पढ़ें: नाबालिग लड़की से गैंगरेप मामले में इंस्पेक्टर और एएसआइ सस्पेंड
एसपी ने भेजी टीम
मामला प्रकाश में आने के बाद पुलिस की एक टीम शुक्रवार सुबह विश्वविद्यालय पहुंची। विश्वविद्यालय में रजिस्ट्रार के अलावा छात्रों व अन्य अधिकारियों से टीम ने मुलाकात की। पुलिस अपने स्तर पर इस मामले की जांच कर रही है। वहीं, गुजवि के चौकी प्रभारी महावीर सिंह ने इस मामले में अभी तक कोई भी शिकायत नहीं होने की बात कही है।
जांच हो गई है शुरू
विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. अनिल पुंडीर का कहना है कि विश्वविद्यालय ने अपनी स्तर पर पांच सदस्य की कमेटी बनाकर जांच शुरू कर दी है। तीन से चार दिन में कमेटी को अपनी रिपोर्ट देनी होगी। यदि इसमें कोई दोषी है उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।