Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नाबालिग लड़की से गैंगरेप मामले में इंस्पेक्टर और एएसआइ सस्पेंड, चार कर्मी बदले

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Sat, 01 Apr 2017 03:07 AM (IST)

    नाबालिग लड़की से सामूहिक दुष्कर्म करने के आरोपियों को बचाने के मामले में इंस्पेक्टर व एएसआइ को सस्पेंड कर दिया गया है।

    नाबालिग लड़की से गैंगरेप मामले में इंस्पेक्टर और एएसआइ सस्पेंड, चार कर्मी बदले

    जालंधर [राहुल मिश्र]। मकसूदां में नाबालिग के अपहरण के बाद साढ़े चार माह तक सामूहिक दुष्कर्म करने के मामले में आरोपियों को बचाने का प्रयास करने वाले इंस्पेक्टर सुखपाल सिंह और मकसूदां थाने के एएसआइ रघुबीर सिंह को सस्पेंड कर दिया गया। इसके अलावा मामले में थाने के मुंशी से लेकर हेड मुंशी तक कुल चार मुलाजिमों का तबादला किया गया है। डीएसपी करतारपुर की जांच के बाद सस्पेंशन की कार्रवाई की गई। वीरवार को आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मकसूदां पुलिस ने किशोरी का अपहरण और सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी भुलत्थ के खसान गांव निवासी दीपक और उसके दोनों भाई जीवन सिंह व सज्जन सिंह को वीरवार को गिरफ्तार कर लिया। पीड़िता के मुताबिक वह व उसके पिता जिस फैक्ट्री में काम करते थे उसी फैक्ट्री में दीपक भी काम करता था।

    काम करने के दौरान दीपक उससे अक्सर छेड़खानी करता था। सितंबर में जब छेड़खानी की हद पार हो गई तो किशोरी ने दीपक की सरेआम फैक्ट्री के अंदर बेइज्जती कर दी थी। इसका बदला लेने के लिए 14 सितंबर की शाम 7 बजे जब किशोरी फैक्ट्री से काम के बाद घर जाने लगी तो रास्ते में दीपक ने अपने दो साथियों के साथ उसे रोका और जबरदस्ती कार में डाल लिया। भुलत्थ में अपने घर में कमरे में उसे बंद कर दीपक उसके भाई सज्जन, जीवन व उसके दो दोस्तों ने मिलकर सामूहिक दुष्कर्म किया।

    करीब साढ़े चार माह तक उसे बंधक बनाए रखा था। वहां से पीड़िता को भगाने में दीपक के ही एक रिश्तेदार ने मदद की। नौ फरवरी को घर लौटी गर्भवती बेटी को लेकर पिता कई बार थाने गए, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।

    13 फरवरी को एसएसपी ने संज्ञान लिया। 26 मार्च को मामले में केस दर्ज होने के बाद वीरवार को एसएसपी गुरप्रीत सिंह ने लापरवाही बरतने वाले इंस्पेक्टर सुखपाल सिंह और एएसआइ रघुबीर सिंह को सस्पेंड कर दिया है। 1आलाधिकारियों ने मामले में पहले दिन से लेकर अब तक टरकाने वाले थाने के मुंशी से लेकर हेड मुंशी समेत चार मुलाजिमों को भी हटा दिया है। मामले में थाने के अंदर हटाए गए मुलाजिमों को रुटीन कार्रवाई बताई गई है। नए मुलाजिम जल्द चार्ज संभालेंगे।

    सामूहिक दुष्कर्म की पुष्टि के लिए हुआ डीएनए टेस्ट

    मामला दर्ज होने के बाद मकसूदां के एसएचओ सुरजीत सिंह ने गर्भवती किशोरी को मेडिकल टेस्ट के लिए सिविल अस्पताल भेजा। अस्पताल में डॉक्टरों ने उसकी उम्र का पता लगाने के लिए उसके दांतों और पूरे शरीर की हड्डियों का टेस्ट किया। डॉक्टरों के मुताबिक उम्र के मुताबिक हड्डियों की मोटाई में अंतर आता है जबकि दांतों की जड़ लंबी होती है। वहीं सामूहिक दुष्कर्म की पुष्टि के लिए किशोरी का डीएनए सैंपल लिया गया। सैंपल जांच के लिए भेज दिया गया है।

    अब तक बहुत संघर्ष किया आगे भगवान मालिक

    डॉक्टरों के मुताबिक किशोरी छह माह की गर्भवती है। उसकी डिलीवरी ही करानी होगी। किशोरी छह भाई बहनों में दूसरी है। उसके पिता एक निजी फैक्ट्री में 8000 रुपये माह पर काम करते हैं। पीड़िता के पिता ने कहा कि बेटी का अपहरण सरेआम हो गया। उसका केस कराने के लिए उन्हें छह माह तक संघर्ष करना पड़ा, उनकी बच्ची गर्भवती है। आगे की लड़ाई का अब जोर नहीं बचा। क्या होगा पता नहीं भगवान ही मालिक है।

    इसलिए एएसआइ व एसएचओ पर हुई कार्रवाई

    किशोरी को उठाने के अगले दिन ही एएसआइ रघुबीर ने आरोपी को पकड़कर पूछताछ कर छोड़ दिया। वहीं कई बार शिकायत के बावजूद एसएचओ रहे सुखपाल सिंह ने एफआइआर तक नहीं लिखी। कार्रवाई करते तो किशोरी को इस स्थिति से बचाया जा सकता था।

    यह भी पढ़ें: संबंध बनाने के बाद शादी से मुकरा फेसबुक फ्रेंड, युवती ने धुनाई की तो हुआ राजी

    comedy show banner
    comedy show banner