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    भारतीय छात्र के कमाल से स्मार्ट फोन करेगा आई ट्रैकिंग डिवाइस की तरह काम

    By Rahul SharmaEdited By:
    Updated: Wed, 22 Jun 2016 04:48 PM (IST)

    यह आई ट्रैकिंग के मौजूदा तकनीक को और सुलभ बनाने के अलावा यह न्यूरोलॉजिक बीमारियों और मानसिक रोगों के लक्षण का पता लगाने में भी मदद कर सकता है। ...और पढ़ें

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    भारतीय मूल के छात्र ने आदित्य खोसला ऩे एक ऐसा सॉफ्टवेयर विकसित किया है जो किसी भी स्मार्टफोन को एक आई ट्रैकिंग डिवाइस में बदल सकता है।यह खोज मनोवैज्ञानिक प्रयोग और विपणन अनुसंधान में काफी मदद कर सकती है। यह आई ट्रैकिंग के मौजूदा तकनीक को और सुलभ बनाने के अलावा यह न्यूरोलॉजिक बीमारियों और मानसिक रोगों के लक्षण का पता लगाने में भी मदद कर सकता है।

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    खोसला और एमआईटी और यूूनिवर्सिटी ऑफ जॉर्जिया के उसके सहकर्मियों ने आईट्रैकर का निर्माण किया है। इस तकनीक के तहत कंप्यूटरों को किसी खास पैटर्न के आधार पर काम करना सिखाया जाता है। इसके लिए बार-बार मशीनों को लंबे समय तक प्रशिक्षण दिया जाता है।

    खोसला का कहना है कि वर्तमान में इस मशीन को 1,500 मोबाइल डिवाइस के पैटर्न का प्रशिक्षण दिया गया है।इससे पहले जो आईट्रैकर विकसित किया गया था, उसे महज 50 लोगों के आंकड़ों से प्रशिक्षण दिया गया था।अपने शोधपत्र में शोधकर्ताओं ने शुरुआती प्रयोग के बारे में लिखा है और बताया है कि शुरू में 800 लोगों के मोबाइल के आंकड़ों से यह अध्ययन किया गया।उसके आधार पर हम इस प्रणाली की गलती की संभावना को 1.5 सेंटीमीटर तक ले आए, जोकि पिछली प्रणाली की तुलना में आधी थी।

    एमआईटी के कंप्यूटर साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लेबोरेटरी और युनिवर्सिटी ऑफ जॉर्जिया के शोधकर्ताओं का दल अपने नए प्रणाली का पत्र लास बेगाल में 28 जून को आयोजित होनेवाले 'कंप्यूटर विजन एंड पैटर्न रिकॉगनिसन' सम्मेलन में प्रस्तुत करेंगे

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