UP Assembly Election :विवादरहित सीटों पर समाजवादी पार्टी ने बांटे फार्म ए व बी
इसके बीच कल समाजवादी पार्टी ने अपने कई प्रत्याशियों को फार्म 'ए' तथा 'बी' बांटा है। माना जा रहा है कि इन सीटों पर समाजवादी पार्टी के ही प्रत्याशी मैदान में ताल ठोकेंगे।
लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी(सपा), राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) व कांग्रेस के महागठबंधन की संभावना खत्म है। इसके बीच कल समाजवादी पार्टी ने अपने कई प्रत्याशियों को फार्म 'ए' तथा 'बी' बांटा है। माना जा रहा है कि इन सीटों पर समाजवादी पार्टी के ही प्रत्याशी मैदान में ताल ठोकेंगे।
गठबंधन के बीच सपा ने प्रथम व द्वितीय चरण के लिए गैर विवादित सीटों पर तकरीबन 50 प्रत्याशियों को फार्म ए व बी बांट दिया है। इनमें बुढ़ाना से प्रमोद त्यागी, किठौर से शाहिद मंजूर, मेरठ शहर से रफीक अंसारी, हस्तिनापुर से प्रभुदयाल बाल्मीकि, सरधना से अतुल प्रधान, मुजफ्फरनगर से गौरव स्वरूप, सिवालखास से गुलाम मोहम्मद, अमरोहा से महबूब अली, हसनपुर से कमाल अख्तर, गुन्नौर से राम खिलाड़ी यादव, चंदौसी से लक्ष्मी गौतम और संभल से इकबाल महमूद के नाम प्रमुख हैं। जिन लोगों को फार्म ए व बी दिया गया है, उनमें से अधिकतर मौजूदा विधायक हैैं या फिर 29 दिसंबर को मुख्यमंत्री की ओर से जारी सूची में जिनका नाम शामिल था।
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खींचतान से बचने को बांट रहे फार्म
समाजवादी पार्टी प्रत्याशियों की सूची जारी किए बगैर फार्म ए व बी बांटकर एक साथ दो निशाने साध रही है। एक यह कि टिकट के दावेदारों में कम से कम खींचतान हो और दावेदारों का लखनऊ में जमावड़ा न लगे। दूसरा गठबंधन के घटक दल को समाजवादी पार्टी के अंदर एका होने का संदेश जाए क्योंकि सपा के रणनीतिकार अब दल के अंदर गुटबंदी का कोई संदेश नहीं देना चाहते हैैं।
'साइकिल व पंजा' साथ रहेंगे
उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोकदल के निर्धारित सीटों पर चुनाव लडऩे से मना करने के कारण अब महागठबंधन नहीं होगा लेकिन 'साइकिल व पंजा' साथ रहेंगे। 300 सीटों पर सपा लड़ेगी और 103 सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ेगी। इसका मसौदा तैयार है। मगर अभी करीब आधा दर्जन सीटों पर उधेड़बुन बरकरार है। आज पूर्ण सहमति बन सकती है। इससे इतर, समाजवादी पार्टी ने पहले व दूसरे चरण की उन सीटों के प्रत्याशियों को फार्म ए व बी बांटना शुरू कर दिया है, जिन पर विवाद नहीं है। इन्हीं फार्मो के आधार पर जिला निर्वाचन अधिकारी संबंधित पार्टी का चुनाव चिह्न आवंटित करता है। तकरीबन चार दर्जन प्रत्याशियों को फार्म बांटे जा चुके हैं।
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इन सीटों पर है पेंच
कांग्रेस-सपा गठबंधन की घोषणा में आधा दर्जन सीटों पर पेंच है। कांग्रेस अमेठी, रायबरेली की सीटों के लिएअलावा लखनऊ उत्तर और मध्य सीट चाहती है। लखनऊ कैंट सीट कांग्रेस चाहती थी मगर इस सीट पर मुलायम सिंह की पुत्रवधु अपर्णा यादव की दावेदारी के चलते कांग्रेस इसे छोडऩे पर राजी है। इसके बदले वह लखनऊ उत्तर व मध्य सीट चाहती है जबकि सपा लखनऊ (पूर्व) विधानसभा छोडऩा चाहती है। सपा यह सीट अब तक जीत नहीं पाई है। इसके अलावा सपा अपने मंत्री गायत्री प्रजापति के लिए अमेठी सीट चाहती है। बदले में गौरीगंज सीट छोडऩे को तैयार है। सूत्रों का कहना है कि अदला-बदली में कांग्रेस रायबरेली, बछरांवा, तिलोई, हरचंदपुर और ऊंचाहार सीट मांग रही है। सरेनी पर भी दावा है।सपा सरेनी व ऊंचाहार सीट नहीं छोडऩा चाहती, ऊंचाहार के विधायक मनोज पाण्डेय सरकार में मंत्री हैं। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव घोषणा पत्र जारी करने के साथ गंठबंधन का भी एलान कर सकते हैं।
कांग्रेस को 103 सीटें
समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के लिए 103 सीटें छोडऩे का साथ अधिकार दिया है कि वह अपने कोटे की सीटों पर चाहे अपने प्रत्याशी उतारे या किसी दल को अपने कोटे की सीटों पर चुनाव लड़ाए। समाजवादी पार्टी के उपाध्यक्ष तथा राज्यसभा सदस्य किरनमय नंदा का कहना है कि हमने रालोद से समझौते की बात नहीं की थी। कांग्रेस अपने कोटे की सीटों पर जिसके साथ चाहे चुनाव लड़ सकती है। कांग्रेस के साथ गठबंधन का मसौदा तय है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अंतिम फैसला लेंगे।
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कांग्रेस चाहे रालोद का भी साथ
सपा के साथ गठबंधन पर रणनीतिक चर्चा कर रही कांग्रेस पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सियासी स्थिति मजबूत करने के लिए रालोद को साथ लेने के लिए दबाव बनाए हुए है। साथ ही अपने विधायकों को चुनाव चिह्न आवंटित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कल सुबह दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी अपने रणनीतिकारों के साथ उत्तर प्रदेश के गठबंधन को अंतिम स्वरूप देंगी। इसमें रालोद को साथ बनाए रखने की भी चर्चा होगी।
मंत्री, विधायकों से मिले मुख्यमंत्री
गठबंधन व चुनावी रणनीति को अंतिम रूप देने के साथ मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पांच कालिदास मार्ग स्थित आवास पर मंत्री आजम खां, रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया, नितिन अग्रवाल, नरेश अग्रवाल, उत्तराखंड के पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी, विधायक सिगबतउल्ला, प्रो.रामगोपाल के भांजे व एमएलसी अरविंद यादव और ढेरों कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और चुनावी चर्चा भी की।
जारी है मंथन
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम, मंत्री अहमद हसन और किरनमय नंदा के बीच गठबंधन की सीटों व चुनावी तैयारियों पर कल कई घंटे मंथन चलता रहा। इसके बाद सपा ने गठंबधन की घोषणा का इंतजार किए बगैर प्रथम व द्वितीय चरण की उन सीटों के अपने प्रत्याशियों को चुनाव चिह्न हासिल करने में इस्तेमाल होने वाले फार्म ए व बी वितरित करना शुरू कर दिए। तकरीबन 50 लोगों को फार्म बांटे गए हैं, चर्चा 60 तक की है। जिन लोगों को ये फार्म दिए जाने थे, उन्हें या उनके प्रतिनिधि को पहले ही लखनऊ बुला लिया गया था।
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