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    कैराना से पलायन करने वालों में सिर्फ एक व्यापारी आया वोट डालने

    By Nawal MishraEdited By:
    Updated: Sat, 11 Feb 2017 09:22 PM (IST)

    शामली के कैराना से पलायन करने वाले मतदान करने नहीं आए। पूरी सुरक्षा उपलब्ध कराने परकेवल एक व्यापारी वोट डालने आने की हिम्मत जुटा पाया।

    कैराना से पलायन करने वालों में सिर्फ एक व्यापारी आया वोट डालने

    शामली (जेएनएन)। कैराना से पलायन करने वाले दहशतजदा लोग आखिर मतदान करने वापस अपने घर नहीं आए। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद पुलिस और प्रशासन इनमें सुरक्षा का भाव नहीं जगा पाया। केवल एक व्यापारी ही वोट डालने आने की हिम्मत जुटा पाया। उसे प्रशासन ने पूरी सुरक्षा उपलब्ध कराई। पलायन करने वाले परिवार इतना दहशतजदा हैं कि कोई भी कैराना नहीं आना चाहता। वह यहां खुद को असुरक्षित मानते हैं। प्रशासन का लगातार पलायन करने वालों से संपर्क कर उन्हें वोट देने के लिए राजी करने के प्रयास का दावा खोखला साबित हुआ।

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    कैराना से तीन सौ से ज्यादा हिंदू परिवारों के पलायन पर हाईकोर्ट ने गंभीर रुख अख्तियार किया था। हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए पलायन करने वाले लोगों के लिए कड़ी सुरक्षा के इंतजाम के आदेश दिए थे, ताकि वह बेखौफ होकर मतदान कर सके। शामली पलायन कर गए एक व्यापारी अरविंद सिंघल शनिवार को वोट डालने आए। इनके अलावा कैराना में पलायन करने वाला कोई व्यक्ति नहीं आया। व्यापारी अरविंद सिंघल का कस्बे में बर्फखाना था, लेकिन रंगदारी के बाद भय के चलते वह शहर से पलायन कर गए थे।

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    कस्बे के जितेंद्र ने बताया कि उनका भतीजा अभय मित्तल प्रसिद्ध पंसारी था। खौफ के कारण वह पलायन कर गया है। वह अब यहां नहीं आएगा। उन्होंने बताया कि वह आज भी यहां अपनी जान सुरक्षित नहीं मानता हैं। अभय मित्तल के अलावा उसका भाई विजय मित्तल परिवार के साथ रहता है। 2014 के बहुचर्चित दोहरे हत्याकांड शिव कुमार उर्फ शंकर व राजेंद्र कुमार उर्फ राजू के पारिवारिक भाई विनीत कुमार ने भी मृतकों के मुजफ्फरनगर से परिजन नहीं आए, क्योंकि उनके घर का चिराग गुंडों ने इसी जमीं पर बुझा दिया था। इस संबंध में एसपी शामली डॉ. अजयपाल शर्मा ने बताया कि पलायन करने वाले परिवारों को सुरक्षा देने की पूरी तैयारी थी। उनसे संपर्क कर वोट डलवाने का भी प्रयास किया गया। इसके बावजूद यह लोग क्यों नहीं आए।

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