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    Election: मोदी को पसंद गूगल सर्च करना, जन्मपत्री पढऩा और बाथरूम में झांकना

    By Nawal MishraEdited By:
    Updated: Sat, 11 Feb 2017 08:28 PM (IST)

    राहुल गांधी ने कहा कि मोदी को जन्मपत्री पढऩा, गूगल पर सर्च करना और दूसरों के बाथरूम में झांकना पसंद है लेकिन उन्हें देश के लिए काम भी करना चाहिए।

    Election: मोदी को पसंद गूगल सर्च करना, जन्मपत्री पढऩा और बाथरूम में झांकना

    लखनऊ (जेएनएन)। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और सपा अध्यक्ष व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के विकास का भरोसा दिलाया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर प्रहार किया है। राहुल ने कहा कि मोदी को जन्मपत्री पढऩा, गूगल पर सर्च करना और दूसरों के बाथरूम में झांकना पसंद है तो यह काम फ्री टाइम में करें लेकिन, प्रधानमंत्री के रूप में वह विफल हैं। उन्हें देश के लिए काम भी करना चाहिए।

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    आज राहुल गांधी और अखिलेश यादव लखनऊ में सपा-कांग्रेस गठबंधन की दस प्राथमिकताओं की घोषणा के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। राहुल ने कहा कि मोदी को लग रहा कि उत्तर प्रदेश में सपा-कांग्रेस गठबंधन की सरकार आने वाली है तो इससे उनकी साख को झटका लगेगा। इसी वजह से वह घबराहट में बोल रहे हैं। अखिलेश ने कहा कि 'वह इमोशनल कम हों और गुस्सा न दिलाएं। जमीन पर जो चीज लाएं हों उसे बताएं तो बेहतर होगा।

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    अखिलेश यादव भी पूरी रौ में दिखे। अपनी सरकार के विकास कार्य गिनाए और यह भी बोल गए कि प्रधानमंत्री समय निकालकर आगरा एक्सप्रेस-वे पर चल देंगे तो वह खुद सपा-कांग्रेस गठबंधन को वोट देंगे। राहुल ने युवाओं को रोजगार की बात उठाई। बोले मोदी कहते थे कि हर साल दो करोड़ युवाओं को रोजगार देंगे। पिछले साल सिर्फ एक लाख रोजगार मिला और इस वर्ष रोजगार मिला ही नहीं। उन्होंने मोदी के सुरक्षा के दावे पर तंज किया कि 'वह सिक्योरिटी, सर्जिकल स्ट्राइक और आतंकवाद की बात करते हैं लेकिन, पिछले 60 वर्ष में सबसे ज्यादा 90 लोग उनके कार्यकाल में कश्मीर में मारे गये। दोनों युवा नरेंद्र मोदी पर हमले का मौका नहीं चूक रहे थे। अखिलेश ने मुस्कराते हुए कहा 'कई बार लोग मन की बात करते हैं लेकिन, काम की बात नहीं करते हैं। सपा-कांग्रेस किसी से कुछ छीन नहीं रही बल्कि हम सरकार में जैसे थे वैसे ही आना चाहते हैं।

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    राहुल गांधी ने भाईचारे और मोहब्बत की बात उठाई। कहा कि हमने ऐसा कार्यक्रम बनाया है जिससे यूपी में सबको लगेगा कि यह हमारी सरकार है। अखिलेश ने नोटबंदी को किसानों की परेशानी से जोड़ा। बोले अच्छे दिन का वादा करने के बावजूद अच्छे दिन नहीं आए जबकि प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, रक्षा मंत्री समेत 70 से अधिक सांसद यूपी के हैं। जाट बहुल क्षेत्र की बात उठते ही अखिलेश ने बात काटी और बोले कि जाट बहुल नहीं समाजवादी बहुल क्षेत्र बोलिए। दिल्ली जामा मस्जिद के शाही इमाम अहमद बुखारी और शिया धर्मगुरु कल्बे जव्वाद का बसपा को समर्थन का सवाल उठा तो अखिलेश बोले हम तो उन लोगों का आदर करते हैं। शिया धर्मगुरु की ओर इशारा करते हुए कहा कि 'आप लोग जानते हैं कि वह व्यक्तिगत तौर पर नाराज हैं लेकिन, अभी वह भाजपा के लिए वोट मांग रहे थे और अब बसपा के लिए। तो क्या वह भाजपा-बसपा में गठबंधन कराने जा रहे हैं।

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    एक सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने मोदी से ढाई साल में किए गये काम का हिसाब मांगा। सवाल उठा कि जब सपा-कांग्रेस गठबंधन में सामंजस्य नहीं तो सरकार बनने पर क्या होगा? राहुल को यह नागवार लगा। बोले कि इसे न्यूज बनाना है तो बनाओ लेकिन, उप्र का वोटर समझ रहा है कि गठबंधन चुनाव जीतने वाला है। गठबंधन का बेहतर समन्वय है और छह-सात सीटों पर जो मसला है उसे सुलझा रहे हैं। अखिलेश ने इस गठबंधन के सकारात्मक संदेश का दावा किया और बोले कि गठबंधन से तो पत्थर वाली सरकार (मायावती) भी घबरा गयी हैं और भाजपा दो कुनबों की बात करने लगी है। अखिलेश ने नाम लिए बिना मायावती द्वारा लालजी टंडन को राखी बांधे जाने की याद दिलाते हुए कहा कि तस्वीर भले पुरानी हैं लेकिन, याद ताजी हो गयी है कि वह रक्षाबंधन कैसे मनाती हैं। केंद्र सरकार के मंत्रियों द्वारा पैसे देने के बावजूद विकास कार्य न किए जाने के सवाल पर अखिलेश बोले कि भाजपा से ज्यादा पैसे कांग्रेस सरकार ने दिए।

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