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    उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव: पढ़े-लिखे नेता भी आजमा रहे किस्मत

    By Abhishek Pratap SinghEdited By:
    Updated: Sun, 19 Feb 2017 11:36 AM (IST)

    पार्टी चाहे कोई भी हो, सबकी पसंद पढ़े-लिखे प्रत्याशी ही हैं। यही वजह है कि 2017 के विधानसभा चुनावों में सबसे अधिक पढ़े-लिखे प्रत्याशी उतारे गए हैं।

    उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव: पढ़े-लिखे नेता भी आजमा रहे किस्मत

    नई दिल्ली, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में चुनावी सरगर्मी जोरों पर है और हमेशा से देखने को मिला है कि चुनाव में कम पढ़े लिखे या अनपढ़ उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमाते हैं। जनता के आशीर्वाद से जीत भी जाते हैं लेकिन कुछ उम्मीदवार ऐसे भी होते हैं जो शिक्षा में किसी से कम नहीं है। अंगूठा टेक नेताओं का जमाना अब लद चुका है। पढ़े-लिखे लोग अब राजनीतिक पार्टियों की पहली पसंद बन गए हैं।

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    पार्टी चाहे कोई भी हो, सबकी पसंद पढ़े-लिखे प्रत्याशी ही हैं। यही वजह है कि 2017 के विधानसभा चुनावों में सबसे अधिक पढ़े-लिखे प्रत्याशी उतारे गए हैं। विधानसभा चुनावों में अपनी किस्मत आजमा रहे कई प्रत्याशी ऐसे हैं, जिन्होंने विदेशों में रहकर पढ़ाई की, तो कुछ ने देश के प्रसिद्ध संस्थानों से पढ़कर राजनीति में उतरे हैं।

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    असोसिएशन फॉर डेमोक्रैटिक रिफॉर्म (एडीआर) के आंकड़े भी इस ओर इशारा करते हैं कि पिछले विधानसभा चुनावों की तुलना में इस विधानसभा चुनावों में पढ़े-लिखे प्रत्याशियों की 50 प्रतिशत से भी ज्यादा है। तो आइए आपको भी बताते हैं कि कौन-कौन से उम्मीदवार अच्छी शिक्षा ग्रहण करके चुनाव में किस्मत आजमा रहे हैं।

    अपर्णा यादव, लखनऊ कैंट
    लखनऊ कैंट से सपा प्रत्याशी अपर्णा यादव का नाम पहले से चर्चा में रहा है। वो मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू हैं और उनके छोटे पुत्र प्रतीक यादव की पत्नी हैं। राजनीति में उनका यह पहला कदम है। 28 साल की अपर्णा यादव मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल रिलेशंस और पॉलिटिक्स में पोस्ट ग्रैजुएट हैं।

    संदीप सिंह, अतरौली

    भाजपा के वरिष्ठ नेता कल्याण सिंह के पौत्र संदीप सिंह राजनीति में पूरी तैयारी के साथ उतरे हैं। 26 वर्षीय संदीप अतरौली से चुनाव लड़ रहे हैं। संदीप ने यूके की लीड्स यूनिवर्सिटी से पब्लिक रिलेशन में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है।

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    अदिति सिंह, रायबरेली सदर
    रायबरेली सदर सीट से बाहुबली विधायक अखिलेश सिंह की बेटी अदिति सिंह को कांग्रेस ने अपने टिकट पर रायबरेली सदर से उतारा है। अदिति बचपन से ही घर से दूर ही रही हैं। अमेरिका की ड्यूक यूनिवर्सिटी से अदिति ने मैनेजमेंट स्टडीज में पोस्ट ग्रैजुएट किया है।

    नाहिद हसन, कैराना
    कैराना से सपा के टिकट पर लड़ रहे 29 वर्षीय नाहिद हसन यूं तो राजनीतिक परिवार से हैं। उनकी मां सांसद रहीं तो उनके पिता मुन्नवर हसन के नाम सबसे कम उम्र में देश के चारों सदन का सदस्य बनने का रेकॉर्ड भी है। उन्होंने 2010 में हेल्मस इंस्टिट्यूट ऑफ ऑस्ट्रेलिया से बीबीए किया और उपचुनाव में यहीं से विधायक चुने गए।

    तनुज पुनिया, जैदपुर
    बाराबंकी के जैदपुर से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया के पुत्र तनुज पुनिया ने देश के प्रतिष्ठित संस्थान आइआइटी-रुड़की से केमिकल इंजिनियरिंग की डिग्री हासिल की है। आइएएस की तैयारी करते हुए 32 वर्षीय तनुज ने राजनीति के क्षेत्र में कदम रखा।

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    अनुराग भदौरिया, लखनऊ पूर्व
    अखिलेश के करीबी अनुराग भदौरिया लखनऊ की पूर्व विधानसभा सीट से कांग्रेस-सपा गठबंधन के संयुक्त प्रत्याशी है। साल 2003 में आइआइएम कोलकाता से पढ़ाई के बाद वह एक निजी फर्म में जॉब करने लगे। प्रदेश में अखिलेश यादव के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद अनुराग ने यूपी में ग्रामीण क्रिकेट लीग की शुरुआत की।

    सतीश चन्द्र द्विवेदी, इटावा
    सिद्धार्थनगर की इटावा विधानसभा सीट से बीजेपी के प्रत्याशी सतीश चन्द्र द्विवेदी गौतमबुद्ध पीजी कॉलेज में इकनॉमिक्स के असोसिएट प्रफेसर हैं। सतीश चन्द्र द्विवेदी की पहचान शिक्षाविदों में होती है।

    सुधीर पंवार, थानाभवन
    शामली की थानाभवन विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी ने प्रोफेसर सुधीर पंवार को टिकट दिया है। सुधीर पंवार लखनऊ यूनिवर्सिटी में जीव विज्ञान के विभागाध्यक्ष हैं। अखिलेश यादव सरकार में सुधीर पंवार योजना आयोग के सदस्य भी थे।

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