UP Elections : सपा-कांग्रेस-रालोद गठबंधन की औपचारिक घोषणा आज संभव
अखिलेश यादव, राहुल गांधी तथा राष्ट्रीय लोकदल के चौधरी अजित सिंह का गठबंधन लगभग फाइनल है। 292 सीट पर सपा, 85 पर कांग्रेस तथा 25 सीट पर राष्ट्रीय लोकदल 25 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव चुनाव की फाइनल कॉल से पहले की समाजवादी पार्टी में चुनाव निशान की जंग खत्म हो चुकी है। चुनाव आयोग से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को साइकिल का निशान मिलने के बाद से हलचल बढ़ती जा रहा है। सूबे का राजनीतिक गलियारा अब तो एक बार फिर से समाजवादी पार्टी-कांग्रेस-आरएलडी के गठबंधन की खबरों से गर्म हो चुका है। माना जा रहा है कि आज इस गठबंधन पर मुहर लग जाएगी।
अखिलेश यादव, राहुल गांधी तथा राष्ट्रीय लोकदल के चौधरी अजित सिंह का गठबंधन लगभग फाइनल है। उत्तर प्रदेश विधानसभा की 403 में से 292 सीट पर सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी, 85 पर कांग्रेस तथा 25 सीट पर राष्ट्रीय लोकदल 25 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। एक सीट पर अभी भी किसी की दावेदारी नहीं हो पा रही है।
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अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन पर कांग्रेस काफी पेशेवर ढंग से कदम बढ़ा रही है। माना जा रहा है कि गठबंधन पर मोल-भाव में कांग्रेस तो समाजवादी पार्टी से डिप्टी सीएम का पद भी मांग सकती है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की घोषणा में हो रही देरी की वजह कुछ मुद्दों पर असहमति बताई जा रही है। इससे पहले तो कल ही तय था कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव एक प्रेस कांफ्रेंस करने के बाद गठबंधन का ऐलान कर देंगे। कोई पेंच फंसने के कारण ही कल अखिलेश यादव ने प्रेस कांफ्रेंस नहीं की।
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दरअसल समाजवादी पार्टी कांग्रेस और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) को ज्यादा सीटें नहीं देना चाहती। चूंकि मज़बूरी कांग्रेस और रालोद की ज्यादा है, लिहाजा दोनों ही दल दबाव में हैं। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की घोषणा में हो रही देरी की वजह कुछ मुद्दों पर असहमति बताई जा रही है। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस नेतृत्व सपा हाइकमान से इस बात पर चर्चा कर रहा है कि अगर उसे डिप्टी सीएम का पद दिया जाए तो वह झुकने को तैयार है।
अखिलेश के खेमे में उत्साह
अखिलेश यादव खेमे को समाजवादी पार्टी और साइकिल सिंबल मिलने के बाद से उनके खेमे में गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है। यही वजह है कि सपा कांग्रेस के साथ उनके शर्तों पर नहीं, बल्कि अपने शर्तों पर गठबंधन करना चाहती है। सपा ने पहले 100 से 125 सीटें छोडऩे का संकेत दिया था, लेकिन कल उसके रुख में सख्ती देखने को मिली।
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अखिलेश यादव के चाचा और सपा के कद्दावर नेता रामगोपाल यादव यादव ज्यादा सीट देने के पक्ष में नहीं हैं। उनका कहना है कि 2012 चुनावों में कांग्रेस को 28 सीटें मिली थी और 32 सीटों पर उसके प्रत्याशी दूसरे नंबर पर थे। इस फार्मूला के मुताबिक उसे 60 सीटें ही मिलनी चाहिए, जबकि उन्हें इससे ज्यादा सीटें दी जा रही हैं।
यूपी में सात चरणों में चुनाव
उत्तर प्रदेश में 11 फरवरी से 8 मार्च के बीच सात चरणों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। समाजवादी पार्टी, कांग्रेस व राष्ट्रीय लोकदल के बीच गठबंध के बावजूद बहुकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा। यूपी विधानसभा में कुल 403 सीटें हैं। 2012 के विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी ने 224 सीट जीतकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी। बीते चुनावों में बसपा को 80, बीजेपी को 47, कांग्रेस को 28, रालोद को 9 और अन्य को 24 सीटें मिलीं थीं।