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    उत्तर प्रदेश चुनाव: बैकफुट पर मुलायम-शिवपाल, न तो कोर्ट जाएंगे और न प्रत्याशी उतारेंगे

    By Dharmendra PandeyEdited By:
    Updated: Tue, 17 Jan 2017 05:33 PM (IST)

    साइकिल छिनने के बाद मुलायम सिंह यादव के घर पर आज दोपहर एक बैठक में शिवपाल सिंह यादव ने मुलायम के साथ मंत्रणा की। बैठक में नारद राय, ओमप्रकाश सिंह व अन्य करीबी नेता भी उपस्थित थे।

    उत्तर प्रदेश चुनाव: बैकफुट पर मुलायम-शिवपाल, न तो कोर्ट जाएंगे और न प्रत्याशी उतारेंगे

    लखनऊ (जेएनएन)। समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव तथा उनके भाई शिवपाल सिंह यादव अब अखिलेश यादव के हाथ में पार्टी की कमान जाने के बाद बैकफुट पर हैं। परिवार के दंगल में पार्टी को शीर्ष पर लाने वाले दोनों महारथी अब तो मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के आगे सरेंडर हो गए हैं।

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    माना जा रहा है कि पार्टी हाथ से जाने के बाद मुलायम व शिवपाल अब कोर्ट नहीं जाएंगे। इतना ही नहीं अब यह मैदान में प्रत्याशी भी नहीं उतारेंगे। साइकिल छिनने के बाद मुलायम सिंह यादव के घर पर आज दोपहर एक बैठक में शिवपाल सिंह यादव ने मुलायम के साथ मंत्रणा की।

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    बैठक में नारद राय, ओमप्रकाश सिंह व अन्य करीबी नेता भी उपस्थित थे। बैठक में सर्वसम्मति से अखिलेश यादव को ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मानने के साथ ही मामले का पटाक्षेप कर देने पर सहमति बन गई है।

    मुलायम सिंह यादव के घर पर चली हाइलेवल मीटिंग के बाद तय किया है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का अब कोई विरोध नहीं किया जाएगा। न तो चुनाव आयोग के फैसले का अदालत में विरोध किया जाएगा न ही अखिलेश या समाजवादी पार्टी के किसी नेता के खिलाफ कोई प्रत्याशी ही उतारा जाएगा।

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    इस मीटिंग में मुलायम गुट ने अखिलेश को ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर स्वीकार कर लिया है। बैठक में अदालत जाने के विकल्प के साथ ही अखिलेश की टीम के खिलाफ अपने नेता उतारने, शिवपाल और मुलायम के चुनाव मैदान में उतरने आदि पर भी चर्चा हुई।

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    मुलायम सिंह यादव ने कल चुनाव आयोग से फैसला आने से पहले ही ऐलान किया था कि पार्टी को बचाने के लिए वह कुछ भी करने को तैयार हैं। उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि वह अखिलेश यादव के खिलाफ भी चुनाव लड़ेंगे। यही नहीं मुलायम ने सिंबल न मिलने की स्थिति में अदालत की शरण लेने की बात भी कही थी।

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    उन्होंने पार्टी कार्यालय पर कार्यकर्ताओं को सबोधित किया कहा कि मैंने कई बार बात करने के लिए अखिलेश को बुलाया लेकिन वो नही आया। जब बीवी बच्चो की कसम खिलाई तब भी एक बार आए, उसमें भी बात शुरू करने से पहले ही वह चला गया। मुलायम ने साफ किया था कि सिंबल चाहे जो भी हो कार्यकर्ताओं का साथ उन्हें चाहिए।