Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सियासी दलों की उपलब्धियां, कितने वादे हुए पूरे

    By Sachin BajpaiEdited By:
    Updated: Fri, 10 Feb 2017 07:56 AM (IST)

    सरकार के डिजिटल इंडिया के अभियान को जनता ने हाथों हाथ लिया। पीएम मोदी द्वारा कैशलेस व्यवस्था की ओर उठाया गया ये सबसे बड़ा कदम था।

    सियासी दलों की उपलब्धियां, कितने वादे हुए पूरे

    नई दिल्ली,जेएनएन । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्र सरकार ने कई उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। अपने ढाई साल के कार्यकाल में पीएम मोदी ने उन योजनाओं को अमली जामा पहनाया जिन पर पिछली सरकारों का रवैया उदासीन रहा। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में केंद्र सरकार की योजनाओं का साफ असर देखा जा सकता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा की रैलियों में उमड़ रही भीड़ इसका प्रमाण है। देश में व्याप्त भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार का नोटबंदी का फैसला एक ऐतिहासिक निर्णय था। इस फैसले की विश्व स्तर पर प्रशंसा हुई। सरकार के डिजिटल इंडिया के अभियान को जनता ने हाथों हाथ लिया। पीएम मोदी द्वारा कैशलेस व्यवस्था की ओर उठाया गया ये सबसे बड़ा कदम था। इससे पहले कांग्रेस की सरकार में हुए घोटालों ने देश में विकास कार्यों पर ब्रेक लगा दिया था। कांग्रेस शासित यूपीए सरकार में 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला, कोयला घोटाले ने देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ तोड़ कर रख दी थी।

    यह भी पढ़ें: Election commission: तीसरे-चौथे चरण के लिए यूपी को भारी सुरक्षा बल

    भाजपा सरकार की उपलब्धियां

    भाजपा सरकार ने गरीबों के लिए नि:शुल्क एलपीजी कनेक्शन, स्वास्थ्य बीमा सुविधा, वंचितों को बैंकिंग सेवा के दायरे में लाने, असुरक्षित लोगों को सामाजिक सुरक्षा कवर, किसानों को राहत, प्रत्यक्ष नकद अंतरण के तहत सब्सिडी मुहैया कराना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, स्वच्छ भारत, वन रैंक-वन पेंशन, गांव में बिजली पहुंचाने, कालेधन पर रोक पर निर्णायक पहल जैसी जनहितकारी योजनाएं सरकार ने सफलतापूर्वक लागू की हैं। डिजिटल इंडिया व नोटबंदी जैसे फैसले से लेनदेन में पारदर्शिता आई। इन फैसलों से देश में भ्रष्टाचार में काफी हद तक लगाम लगी। भाजपा ने राज्यों के साथ समन्वय करके तकरीबन बंद हो चुकी कई योजनाओं को पुनर्जीवित किया। केंद्र सरकार की फसल बीमा योजना ने किसानों को नया जीवन दिया, यूपी समेत कई राज्यों में किसानों ने इस योजना का स्वागत किया।

    समाजवादी पार्टी सरकार की उपलब्धियां

    समाजवादी पार्टी की सरकार ने अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान जनता से किए गए वादों को पूरा करने की बातें बहुत की लेकिन जमीन पर कुछ खास नहीं दिखा।कार्यकाल के अंतिम दौर में युवा सीएम अखिलेश यादव ने कई योजनाओं पर काम तो किया लेकिन वे आधी अधूरी ही रही। हालांकि अखिलेश अपनी उपलब्धियों में अधूरी योजनाओं का भी जिक्र करना नहीं भूलते। आगरा से लखनऊ एक्सप्रेस वे सीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट था लेकिन चुनाव सिर पर देख जल्दबाजी में इसका लोकार्पण किया गया। राजधानी लखनऊ में मेट्रो की शुरूआत होना सपा सरकार के खाते में जाता है। सपा ने वूमेन पावर लाइन 1090, प्रसूति के लिए एम्बूलेंस सेवा- 102, समाजवादी एम्बूलेन्स सेवा- 108, मुफ्त दवाई, गंभीर रोगों का मुफ्त इलाज आदि तमाम योजनाएं चलाई ।

    यह भी पढ़ें: Election: असंतोष दबाने के लिए भाजपा की महत्व बढ़ाओ रणनीति

    कांग्रेस सरकार की उपलब्धियां

    साल 2014 से पहले मनमोहन सिंह की अगुवाई में यूपीए सरकार घोटालों के लिए लंबे वक्त तक याद रखी जाएगी। ये सरकार ज्यादातर मोर्चों पर नाकाम रही है। भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते हालात इतने बिगड़ गए थे कि सरकार कोई भी फैसला मजबूती से नहीं ले पा रही थी। इस दौरान तरक्की की रफ्तार लगातार घट रही थी। पीएम मनमोहन सिंह का दावा था कि बिगड़े वैश्विक हालातों के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था 7 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी। उन्होनें यह भी कहा कि दुनिया में सबसे ज्यादा विकास दर भारत की ही रही है। स्पेक्ट्रम घोटाला, कोयला घोटाला जैसे मामलों ने सरकार के कार्यकाल में हुए विकास कार्यों को भी पीछे धकेल दिया। कुल मिलाकर ये कहा जाए कि यह देश के लिए सबसे कठिन दौर था तो गलत न होगा।

    बसपा सरकार की उपलब्धियां

    मायावती ने अपने कार्यकाल के दौरान विकास कार्यों पर खर्च का बजट 47 हजार करोड़ जरूर रखा लेकिन ये खर्च उन्होंने पार्क और मूर्तियों के बनवाने में ज्यादा लगाया। उनके शासन की एक बड़ी उपलब्धि यह जरूर थी कि राज्य में कानून व्यवस्था संतुलित रही, तेजी से क्राइम रेट कम हुआ। मर्तियां लगवाने को लेकर मायावती की चारों तरफ आलोचना हुई, इस पर सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि जातिवादी मानसिकता के कारण दलित और पिछड़ जाति के महापुरूषों को उचित मान नहीं मिला था जो उनकी सरकार ने दिया।

    यह भी पढ़ें: UP election: कांग्रेस-सपा के बीच तालमेल और टकराव का गठबंधन

    यही नहीं उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि कुल बजट का मात्र एक प्रतिशत धन ही इस योजना में खर्च किया गया है। मायावती ने अपने कार्यकाल के दौरान कहा था कि लोगों को बेरोजगारी भत्ता देने की बजाय उन्हें रोजगार उपलब्ध कराए जाना चाहिए लेकिन यह वादा भी कागज तक ही सीमित रहा।

    comedy show banner
    comedy show banner