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    UP election: कांग्रेस-सपा के बीच तालमेल और टकराव का गठबंधन

    By Nawal MishraEdited By:
    Updated: Tue, 07 Feb 2017 10:38 PM (IST)

    साझा कार्यक्रमों में सपा-कांग्रेस कार्यकर्ताओं में भिड़ंत, अलीगढ़ की कोल सीट पर दोनों के उम्मीदवार और दर्जनभर सीटों पर टकराव शुभ संकेत नहीं हैं।

    UP election: कांग्रेस-सपा के बीच तालमेल और टकराव का गठबंधन

    लखनऊ (जेएनएन)। कानपुर में राहुल गांधी और अखिलेश यादव के साझा कार्यक्रम में कांग्रेस और सपा कार्यकर्ताओं में भिड़ंत हो गई। उन्हें काबू करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। अलीगढ़ की कोल सीट पर तमाम कोशिश के बाद भी दोनों दलों के उम्मीदवार मैदान में हैं। करीब एक दर्जन सीटों पर टकराव के हालात है। टिकट बंटवारे के अंतर्विरोध के चलते चुनाव प्रचार अभियान प्रभावित हो रहा है।

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    कई कांग्रेसियों को सीट बचाना मुश्किल

    चुनाव रणनीति के तहत दोनों दलों के शीर्ष नेता भले ही एकता दर्शा रहे हों परंतु निचले स्तर पर कार्यकर्ताओं के दिल अभी तक नहीं मिल पाए हैं। खासकर पश्चिमी उप्र में अधिकतर सीटों पर आपसी टकराव अधिक नजर आ रहा है, जिसके चलते कई कांग्रेसी विधायकों को अपनी सीट बचानी मुश्किल नजर आ रही है। शामली सीट पर विधायक पंकज मलिक को बड़ी चुनौती सपा विधायक व पूर्व मंत्री वीरेंद्र गुर्जर के पुत्र मनीष चौहान से ही मिल रही है। मनीष निर्दल प्रत्याशी के तौर पर मैदान में हैं, अधिकतर सपा के कार्यकर्ता उनके साथ हैं। सहारनपुर में इमरान मसूद कांग्रेस के लिए ताकत भी हैं तो विरोध भी उनकी मनमानी बढऩे पर ही हो रहा है। बेहट सीट पर सपा के घोषित उम्मीदवार उमर अली का टिकट कटवाकर कांग्रेस से नरेश सैनी को उतार देने से दोनों दलों में टकराव बढ़ा है। मुजफ्फरनगर की पुरकाजी, बिजनौर की चांदपुर, अलीगढ़ में कोल, लखनऊ में लखनऊ मध्य, कानपुर में महाराजपुर एवं आर्यनगर, बाराबंकी की जैदपुर सीट, गाजियाबाद में साहिबाबाद व मुरादनगर, ललितपुर की महरौनी, रामपुर में स्वार जैसे विधानसभा क्षेत्रों के साथ अमेठी और रायबरेली में सपा कांग्रेस उम्मीदवार में फ्रेंडली फाइट आपस में तालमेल नहीं बनने दे रही है।

    साझा चुनावी एजेंडा नहीं

    कांग्रेस व सपा की ओर से साझा चुनावी एजेंडा जारी नहीं किए जाने से भी भ्रम की स्थिति है। सपा ने अपना चुनाव घोषणा पत्र गठबंधन से पहले ही जारी कर दिया था। कांग्रेस बुधवार को अपना अलग घोषणा पत्र जारी करेगी। इस बारे में एक पूर्व मंत्री का कहना है कि दोनों दलों का कामन मिनिमम प्रोग्राम जारी किया जाना चाहिए था ताकि सरकार बन जाने की टकराव नहीं होता। इससे जनता में गठबंधन के प्रति गंभीरता भी दिखती।

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    जिला स्तर पर संयुक्त पत्रकार वार्ता नहीं

    गठबंधन को जमीनी स्तर पर प्रभावी दर्शाने के लिए जिलों में संयुक्त कार्यक्रमों के साथ नियमित पत्रकार वार्ताएं आयोजित करने की रणनीति बनी थी। प्रथम चरण के मतदान में अब चंद दिन ही शेष है पर संयुक्त प्रोग्राम आयोजित नहीं किए गए। केवल प्रचार वाहनों पर ही दोनों दलों के झंडे लहराते नजर आते हैं।

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    कांग्रेस ने मनकापुर प्रत्याशी बदला

    कांग्रेस ने गोंडा जिले की मनकापुर सुरक्षित क्षेत्र से उम्मीदवार बदलने का फैसला लिया है। प्रवक्ता व पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी ने बताया कि कमला सिसौदिया के स्थान पर केंद्रीय चुनाव समिति द्वारा अब हनुमान प्रसाद को उम्मीदवार बनाने का निर्णय लिया है।

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