यूपी चुनाव-2017 : तीसरे-चौथे चरण के लिए केंद्रीय सुरक्षा बल मुस्तैद
मुख्य निवाचन आयुक्त नसीम जैदी ने कहा है कि प्रदेश में स्वतंत्र एवं भयमुक्त माहौल में चुनाव कराने के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षा बल उपलब्ध कराए जाएंगे।
लखनऊ (जेएनएन)। पांच साल के अंतराल में एक जिले में दूसरी या तीसरी बार तैनाती पाने वाले अधिकारियों पर आयोग की नजर तिरछी हो गई है। आयोग ने मुख्य सचिव व डीजीपी से 48 घंटे के अंदर ऐसे अधिकारियों का ब्यौरा तलब किया है। एक जिले में तीन साल पूरा कर चुके अधिकारियों के अभी कार्यरत होने पर भी आयोग ने नाराजगी जाहिर की है।
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तीसरे व चौथे चरण के मतदान की तैयारियों की समीक्षा के बाद गुरुवार को मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने बताया कि राजनीति दलों के प्रतिनिधियों ने बताया है कि जिले में तीन साल से ज्यादा की अवधि व्यतीत कर चुके कई अधिकारी तैनात हैैं। वर्ष 2012 से 2017 में कई अधिकारियों की जिले में रि-पोस्टिंग (दूसरी बार) की गई है। ऐसे अधिकारियों को तीन साल की नीति से छूट मिली है। जैदी ने कहा कि मुख्य सचिव व डीजीपी से 48 घंटों केअंदर ऐसे सभी अधिकारियों का ब्यौरा मांगा गया है। इन पर कार्रवाई का फैसला जल्द होगा। कहा कि निष्पक्ष चुनाव कराना आयोग की प्राथमिकता है। कहा कि शाम पांच बजे तक जो भी मतदाता पोलिंग स्टेशन पर पहुंच जाएगा, उसको मतदान कराना सुनिश्चित किया जाएगा।
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डीजीपी, मुख्य सचिव का सवाल टाला
मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने स्वीकार किया कि राजनीतिक दलों ने मुख्य सचिव राहुल भटनागर व डीजीपी जावीद अहमद की निष्पक्षता पर सवाल उठाई है। आयोग इसका परीक्षण कर रहा है। आयोग सब कुछ देख रहा है। 11 को पहले चरण का मतदान है, आयोग कब तक शिकायतों को देखेगा? इस सवाल को टालते हुए जैदी ने कहा कि दोहराया कि आयोग इस पर विचार कर रहा है।
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कैराना के वोटरों को सुरक्षा
वर्ग विशेष केगुंडों से परेशान होकर कैराना से पलायन कर गए नागरिकों को मतदान के लिए सुरक्षा पर पूछे गए सवाल पर मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने कहा कि शामली व अन्य संबंधित जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों व एसएसपी को निर्देशित किया गया है कि किन्ही कारणों से दूसरे क्षेत्रों में बस गए नागरिकों को मतदान के लिए प्रेरित किया जाए। विशेषकर कैराना के लोग अगर आना चाहें तो उन्हीं पूरी सुरक्षा मुहैया करायी जाये। भयमुक्त माहौल में मतदान कराया जाये। ज्यादा से ज्यादा लोगों को मतदान केन्द्रों तक पहुंचा जाये।यह भी पढ़ें- Election 2017: अमित शाह बोले दो शहजादे मिलकर लूटने आए यूपी
सुरक्षा राज्य सरकार का जिम्मा
जिन लोगों को जीवन का भय है और जिन कुछ लोगों ने शुल्क अदाकर सुरक्षा ले रखी है, उनके अंगरक्षक हटाने पर होने वाली किसी घटना की जिम्मेदारी के सवाल पर नसीम जैदी ने कहा कि नागरिकों को सुरक्षा देना राज्य सरकार का जिम्मा है। आयोग ने सिर्फ इतना कहा है कि पुलिस सुरक्षा की आड़ मतदाताओं को धमकाया, डराया न जा पाये। अगर ऐसा कोई करता पाया जाए तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। सुरक्षा का दुरुपयोग नहीं होने दिया जाएगा। अगर किसी को जान का खतरा है तो इसके बारे में राज्य सरकार को परीक्षण करना चाहिए।
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आबकारी विभाग पर नाराजगी
मुख्य चुनाव आयुक्त ने आबकारी विभाग की कार्य प्रणाली पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि अन्तरराज्यीय व अंतरराष्ट्रीय सीमा से शराब तस्करी की शिकायतें है। शिथिलता बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा गया है। पांच अधिकारियों पर कार्रवाई की जानकारी मिली है। शराब वितरण रोकने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।
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सोशल मीडिया की निगरानी
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक संदेशों को रोकने के लिए दो नम्बर जारी किये गए है। कोई व्यक्ति-9454401001 और 9454401002 पर आपत्तिजनक संदेशों की सूचना एसएमएस या वाट्सएप कर सकता है।यह भी पढ़ें- दैनिक जागरण का संदेह निकला सही, ISI ने दिया था कानपुर रेल हादसे को अंजाम
चौपर का भी इंताजम
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि मतदाताओं को बेहतर सुविधा के साथ आकस्मिक स्थिति में मतदान कर्मियों को सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। कर्मचारी को त्वरित चिकित्सा सुविधा के लिए हेलीकाप्टरों (चौपर) का इस्तेमाल किया जाएगा। कैशलेस इलाज की सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी। मतदान के दिन को वेतनयुक्त अवकाश दिया जाएगा।
आयोग ने गिनाई प्राथमिकता
- वोटरों को धमकाने व लुभाने वाले बाहुबलियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। कुछ क्षेत्रों से बाहुबलियों की सक्रियता की शिकायत है।
- सांप्रदायिक, जातीय तनाव पैदा करने वालों पर कार्रवाई होगी। माहौल न बिगड़े इसके लिए सभी संभव कदम उठाये जाएंगे
- राजनीतिक दलों, प्रत्याशियों की मदद के लिए एकल खिड़की व्यवस्था जारी रहेगी।
- पोलिंग स्टेशनों पर अद्र्ध सैनिक बल तैनाती होगा और संवेदनशील क्षेत्रों में उनका फ्लैग मार्च होता रहेगा
- शाम पांच बजे तक मतदान केन्द्र पहुंचने वाले सभी नागरिकों को मतदान की सुविधा दी जाएगी।
आयोग के निर्देश
- जिला निर्वाचन कार्यालय में राजनीतिक दलों की मदद के लिए हेल्प डेस्क स्थापित रहेगी। जिसमें पीडब्ल्यूडी, परिवहन, नगर निगम, पुलिस, प्रशासन के अधिकारी तैनात रहेंगे तो पहले आओ, पहले पाओ की नीति पर काम करेंगे।
- जिन अधिकारियों के रिश्तेदार व परिवार के सदस्य चुनाव लड़ रहे हैैं, वह 48 घंटे के अंदर एक शपथ पत्र देगा, जिसमें यह कहा जाएगा कि उसके कारण चुनाव की निष्पक्षता प्रभावित नहीं होगी। प्रभाव का इस्तेमाल भी नहीं करेगा।
- शराब वितरण रोकने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है, इसे और तेज किया जाएगा।
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