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    हिलेरी क्लिंटन को बचाने के लिए एफबीआइ पर था दबाव

    By Manish NegiEdited By:
    Updated: Tue, 18 Oct 2016 07:56 PM (IST)

    ई-मेल कांड मामले में हिलेरी क्लिंटन की मुश्किलें और बढ़ गई है। एफबीआइ की ओर से जारी दो अलग-अलग दस्तावेजों में हिलेरी को बचाने के लिए विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी पर दबाव डालने की बात कही गई है।

    न्यूयॉर्क, रायटर। ई-मेल कांड में राष्ट्रपति पद की डेमोक्रेट उम्मीदवार पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। एफबीआइ की ओर से जारी दो अलग-अलग दस्तावेजों में हिलेरी को बचाने के लिए विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी पर दबाव डालने की बात कही गई है। विदेश मंत्रालय ने इन आरोपों का खंडन किया है। यह मामला वर्ष 2012 में लीबिया के बेंगाजी में अमेरिकी प्रतिष्ठान पर हमले से जुड़ा है। नए रहस्योदघाटन से हिलेरी से पूछताछ हो सकती है।

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    हिलेरी पर विदेश मंत्री रहते गोपनीय सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए निजी सर्वर का इस्तेमाल करने का आरोप है। जांच के दौरान एफबीआइ अधिकारियों के साक्षात्कार से मिली जानकारी सोमवार को जारी की गई।

    जांच एजेंसी की ओर से जारी दस्तावेज में विदेश विभाग के वरिष्ठ प्रबंधक पैट्रिक कैनेडी पर हिलेरी को बचाने के लिए दबाव डालने का आरोप लगा है। पैट्रिक ने एक अधिकारी पर कथित तौर पर हिलेरी द्वारा भेजे गए ई-मेल को गोपनीय की श्रेणी से हटाने का दबाव डाला था। विदेश विभाग के प्रवक्ता मार्क टोनर ने कैनेडी का बचाव करते हुए कहा कि वह एफबीआइ से गोपनीयता के वर्गीकरण की प्रक्रिया के बारे में जानना चाहते थे।

    एफबीआइ के अधिकारी ने बताया कि विदेश मंत्रालय के कानूनी सलाहकार विभाग कार्यालय ने उन्हें फोन कर ई-मेल को गोपनीय की श्रेणी में रखने के जांच एजेंसी के फैसले पर सवाल उठाने को कहा था। इसके तुरंत बाद उनके एक सहयोगी को कैनेडी ने फोन कर 'लेन-देन' के तहत इस फैसले को पलटने में सहयोग मांगा था। इस अधिकारी के मुताबिक कैनेडी से उनकी दो बार बातचीत हुई, जिसमें वह दबाव बना रहे थे। वह हिलेरी क्लिंटन को बचाने का प्रयास कर रहे थे।

    एफबीआइ के एक अन्य अधिकारी ने कैनेडी द्वारा ई-मेल को गोपनीय की श्रेणी से हटाने के बदले 'लेन-देन' के प्रस्ताव की पुष्टि की है। इस अधिकारी ने इसके बदले इराक में एफबीआइ के कुछ और एजेंटों की तैनाती की मांग की थी। कैनेडी ने कथित तौर पर कहा था कि ई-मेल को गोपनीय की श्रेणी में डालने से हिलेरी की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। विदेश विभाग और एफबीआइ दोनों ने बातचीत की पुष्टि की है, लेकिन लेनदेन की बात को खारिज किया है। जांच में जुटे अन्य अधिकारियों ने भी दबाव की बात स्वीकार की है।

    ट्रंप ने लगाया मिलीभगत का आरोप

    रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड टं्रप ने उच्च स्तर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। उन्होंने ऑनलाइन वीडियो में कहा, 'हिलेरी को निर्दोष साबित करने के लिए एफबीआइ, न्याय विभाग और विदेश विभाग के बीच साठगांठ है।' ट्रंप ने ऐसे मामलों से बचने के लिए कुछ नियम भी सुझाए हैं। इसके अलावा पॉल रेयॉन, रींस पेरीबस जैसे वरिष्ठ रिपब्लिकन नेताओं ने ओबामा सरकार पर हिलेरी को बचाने का आरोप लगाया है।

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