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    MCD Polls: हवाला की तर्ज पर शराब बांटने की तैयारी, जितना बड़ा नोट, उतना बड़ा ब्रांड

    By Pratibha Kumari Edited By:
    Updated: Fri, 21 Apr 2017 10:34 PM (IST)

    10 रुपये के नोट का मतलब हल्के ब्रांड की शराब की बोतल, जबकि उसके बाद के नोटों के बदले उससे बेहतर ब्रांड की बोतल मिलेगी। 500 रुपये के नोट के बदले विदेशी ब्रांड की बोतल मिलेगी।

    MCD Polls: हवाला की तर्ज पर शराब बांटने की तैयारी, जितना बड़ा नोट, उतना बड़ा ब्रांड

    नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। नगर निगम चुनाव के लिए प्रचार थमने की घड़ी समीप आते ही अब चुनाव जीतने की जुगत तेज हो गई है। चर्चा है कि इस बार मतदाताओं को हवाला की तर्ज पर शराब बांटी जाएगी। उम्मीदवारों और ठेका मालिकों में इस बाबत अनुबंध भी हो गया है।

    सूत्रों के मुताबिक, विभिन्न राजनीतिक दलों और निर्दलीय प्रत्याशियों के साथ ठेका मालिकों का जो अनुबंध हुआ है, उसके तहत ठेका मालिक उम्मीदवार को अलग-अलग कीमत के नोटों की एक ही सीरीज के नंबरों वाले नोटों की गड्डी देंगे। मसलन, 10, 20, 50, 100 और 500 रुपये के नोटों की गड्डी।

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    यह नोट प्रतीक होंगे एक विशेष मूल्य या ब्रांड की शराब के, जो कि पहले ही तय कर लिए गए हैं। जैसे ही मतदाता पहले से बताए गए ठेके पर जाकर वह नोट देगा, उसे बगैर किसी सवाल-जवाब शराब की बोतल मिल जाएगी।

    चर्चा है कि उम्मीदवार शराब पीने के शौकीन मतदाताओं को उनकी हैसियत और वोटों की संख्या के अनुपात में ही नोट देंगे। किसी को 10 का, किसी को 20 का, किसी को 50 और 100 का तो किसी को 500 का। नोटों की संख्या एक से अधिक भी हो सकती है। 10 रुपये के नोट का मतलब हल्के ब्रांड की शराब की बोतल, जबकि उसके बाद के नोटों के बदले उससे बेहतर ब्रांड की बोतल मिलेगी। 500 रुपये के नोट के बदले विदेशी ब्रांड की बोतल मिलेगी।

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    कुछ उम्मीदवारों के प्रचार की कमान संभाल रहे समर्थकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस बार हरियाणा और राजस्थान से शराब की पेटियां लाना मुश्किल है। सीधे तौर पर भी शराब बांटने में भी जोखिम है।

    पिछली बार हमने मतदाताओं को हस्ताक्षर वाली पर्चियां दी थीं कि फलां ठेके पर जाकर उस पर्ची को दिखाकर बोतल ले लेना, लेकिन उसमें भी फर्जीवाड़ा हो गया। जाली हस्ताक्षर के साथ हजारों- लाखों बोतलें चली गईं। इसीलिए इस बार ऐसा तरीका निकाला गया है।

    बताया जाता है कि ठेका मालिक को भी पता है कि उसने किस सीरीज के कौन-कौन से नोटों की गड्डी दे रखी है। साथ ही उसे यह भी पता है कि किस नोट के बदले कौन सी बोतल देनी है।

    इसमें किसी के फंसने की संभावना भी नहीं के बराबर है। इन समर्थकों के मुताबिक, झुग्गी बस्तियों में वोट खरीदने की भी रणनीति तैयार है। उम्मीदवार की हैसियत के हिसाब से प्रति वोट 500 से 2000 तक का रेट चल रहा है। यह दोनों ही काम शुक्रवार शाम प्रचार बंद होने के बाद से रविवार सुबह तक अंजाम दिए जाएंगे।

    शिकायत मिलने पर ही संभव है कार्रवाई
    राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त एस के श्रीवास्तव ने कहा कि इसमें संदेह नहीं कि उम्मीदवार अपनी जीत के लिए हर संभव हथकंडे अपना रहे हैं और अपनाएंगे भी, लेकिन यहां मतदाता को भी सोचना चाहिए कि छोटे से लालच में वे एक गलत उम्मीदवार को चुनने जा रहे हैं। बाकी हमारे पास कोई शिकायत आएगी तो उस पर जरूर कार्रवाई की जाएगी।

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