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JNU कैंपस में असंवैधानिक कार्यों की नहीं होगी इजाजत : VC

भारत विरोधी नारे लगने के मामले में जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के उप कुलपति ने शुक्रवार को साफ कर दिया कि संविधान विरोधी या असंवैधानिक किसी भी क्रियाकलपा के लिए यूनिवर्सिटी के प्‍लेटफार्म का प्रयोग कदापि नहीं होने दिया जाएगा।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 12 Feb 2016 10:03 AM (IST)Updated: Sat, 13 Feb 2016 10:03 AM (IST)
JNU कैंपस में असंवैधानिक कार्यों की नहीं होगी इजाजत : VC

नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में कश्मीर की आजादी और भारत के टुकड़े करने के पारे लगाए जाने के चलते मचे बवाल को लेकर शुक्रवार को कुलपति प्रो. एम जगदीश कुमार ने कहा कि कैंपस में आजादी का दुरुपयोग स्वीकार्य नहीं होगा।

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कुलपति ने छात्र, शिक्षक व कर्मचारियों से अपील की है कि विश्वविद्यालय हमेशा से ही विभिन्न मुद्दों पर खुली चर्चा का पक्षधर रहा है, लेकिन इसका ये मतलब कतई नहीं है कि इसका इस्तेमाल देश संविधान व कानून के खिलाफ हो। कुलपति की ओर से जारी अपील में साफ किया गया है विश्वविद्यालय कैंपस में बीती 9 फरवरी को घटी घटना की कड़ी निंदा करता है और इस मामले की जांच जारी है। कुलपति ने स्पष्ट किया है कि 9 फरवरी को घटी अनुचित घटना में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

कुलपति ने अपनी अपील में कहा कि उस आयोजन के दौरान सामने आएं बयान व नारों पर सवाल उठ रहे है और ये हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम मिलजुल कर कैम्पस में ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने की दिशा में काम करें।

उन्होंने कहा की विश्वविद्यालय के शैक्षणिक माहौल और यहां होने वाली स्वस्थ चर्चा की परंपरा को बचाये रखना भी हमारी जिम्मेदारी है और इसके लिए हर स्तर पर प्रयास किए जायेंगे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के सभी साझेदार फिर वो शिक्षक, कर्मचारी व छात्र ही क्यों न हो सभी मिलकर कैम्पस के मूल्यों की रक्षा के लिए प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि मेरी अपील है कि विश्वविद्यालय से जुड़े सभी वर्ग इस घटना से इतर विश्वविद्यालय फिर से उसे पूराने रूप में लाने और स्थिति को सामान्य बनाने की दिशा में प्रयास करें।

येचूरी ने कहा, जेएनयू का माहौल आपात काल की याद दिलाता है

सिताराम येचूरी ने कहा कि जिस तरह दिल्ली पुलिस जेएनयू हास्टल से छात्रों को गिरफ्तार कर रही है, उससे एक बार फिर आपातकाल की यादें ताजा हो गई है। उन्होंने पुलिस की बर्बरता की निंदा की है। येचूरी ने चकित होकर कहा, यह सब क्या हो रहा है। जेएनयू कैंपस में पुलिस, हास्टल में छात्रों को जबरन गिरफ्तारी यह सब उनकी समझ से परे है।

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उन्होंने कहा कि अगर कोई भारत विरोधी नारे लगाता है तो इससे देश की एकता प्रभावित होती है। उन्होंने कहा कि मैंने दिल्ली पुलिस को घटना में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

मंगलवार को जेएनयू में कुछ छात्रों ने संसद पर हमले के दोषी आतंकी अफजल गुरु की बरसी मनाई और इस मौके पर देश विरोधी नारे भी लगाए गए। इस देशद्रोही नारेबाजी का एक वीडियो भी जेएनयू के ही छात्रों ने जारी किया है, जो अब सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया है।

यहां पर याद दिला दें कि मंगलवार रात को छात्रों के एक समूह ने संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु और जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के को-फाउंडर मकबूल भट की याद में प्रोग्राम आयोजित किया था।

विरोध कर रहे छात्रों के गो बैक इंडिया, कश्मीर की आजादी तक जंग रहेगी, भारत की बर्बादी तक जंग रहेगी जैसे नारों ने पूरे कैंपस में बवाल खड़ा कर दिया। जब भाजपा की छात्र इकाई ABVP के छात्रों ने इसका विरोध किया तो ये छात्र उनसे भी भिड़ गए। विवाद बढ़ने पर मौके पर पुलिस को बुलानी पड़ी।

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में एक कार्यक्रम में इस संगठन ने 2001 में संसद पर आतंकी हमले के जिम्मेदार अफजल गुरू की फांसी की निंदा करते हुए राजनीतिक कैदियों की रिहाई की मांग की है। संगठन ने अफजल की ‘न्यायिक हत्या’ के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए उसकी कथित ‘शहादत’ का गुणगान किया।

राजनीतिक कैदियों की रिहाई के लिए शोधार्थियों और शिक्षकों को मिलाकर बनाई गई एक समिति ने कश्मीर विवाद को हल करने के लिए केंद्र सरकार के गंभीर नहीं होने के प्रति गंभीर चिंता जताई और जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के संस्थापक मोहम्मद मकबूल भट को श्रद्धांजलि भी अर्पित की।

भाजपा सांसद ने दर्ज कराई प्राथमिकी

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद महेश गिरि ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू पर कार्यक्रम आयोजित करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। पूर्वी दिल्ली से सांसद गिरि ने हौजखास थाने में आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।

साथ ही उन्होंने गृहमंत्री राजनाथ सिंह और मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि वे जेएनयू के कुलपति को आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दें और साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि भविष्य में ऐसे कार्यक्रम न हों।

कार्यक्रमों को लेकर जांच के आदेश

अफजल गुरु की फांसी के विरोध में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम को लेकर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने अनुशासनिक जांच के आदेश दिए हैं।


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