साइंस एक्सप्रेस के जरिए अब धरती को बचाने की केंद्र सरकार की बेजोड़ पहल
यह ट्रेन 19,000 किलोमीटर का सफर तय करेगी। 18 और 19 फरवरी को दिल्ली कैंट स्टेशन पर रुकेगी जहां पर आम लोग प्रदर्शनी का अवलोकन कर सकेंगे। ...और पढ़ें
नई दिल्ली [ जेएनएन ] । धरती को बचाने की कवायद में एक कदम और उठाया गया। लोगों को जागरूक करने के लिए किस्म किस्म के तरीके और हथकंडे अपनाए जा रहे है। इस कड़ी केंद्र सरकार की यह पहल लोगों को जलवायु परिवर्तन के कारणों को समझने और उसके निदान में एक मील का पत्थर जरूर साबित होगा।
शुक्रवार को जलवायु परिवर्तन के कारणों, दुष्प्रभावों तथा इससे निपटने के उपायों के बारे में जानकारी देने वाली साइंस एक्सप्रेस शुक्रवार को सफदरजंग रेलवे स्टेशन से रवाना हुई।
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केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन व केंद्रीय पर्यावरण और वन राज्य मंत्री अनिल माधव दवे ने हरी झंडी दिखाकर ट्रेन को रवाना किया। रेल मंत्री सुरेश प्रभु वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम में शामिल हुए।
16 वातानुकूलित कोच वाली इस ट्रेन में पर्यावरण और वन मंत्रालय तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से जलवायु परिवर्तन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाती एक प्रदर्शनी लगाई गई है।
इस मौके पर दवे ने कहा कि जलवायु परिवर्तन मौजूदा समय के साथ ही आने वाली पीढिय़ों के लिए भी एक बड़ा खतरा है। आम जनता को इसके कारणों और दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करना बेहद जरूरी है।
17 फरवरी से 8 सितंबर तक अपनी 7 महीने की लंबी यात्रा के दौरान यह ट्रेन 19,000 किलोमीटर का सफर तय करेगी। 18 और 19 फरवरी को दिल्ली कैंट स्टेशन पर रुकेगी जहां पर आम लोग प्रदर्शनी का अवलोकन कर सकेंगे। ट्रेन का अंतिम पड़ाव गांधीनगर होगा। इस बीच यह 20 राज्यों के 68 स्टेशनों पर रुकेगी।

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